देहरादून के चर्चित फर्जी रजिस्ट्री घोटाले मामले में पुलिस SIT ने देहरादून के नामी वकील कमल विरमानी को गिरफ्तार कर रविवार कोर्ट में पेश किया,जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. एसएसपी दलीप सिंह कुँवर के अनुसार वकालत के पेशे में बड़ा नाम कमाने वाले गिरफ्तार अधिवक्ता कमल विरमानी ही मास्टरमाइंड के०पी० (कुंवर पाल) से साठगांठ कर करोडों रुपए के फेर में आकर इस फर्जीवाड़े के खेल में जाली रजिस्ट्रीयों की ड्राफ्टिंग बनाकर मुख्य आरोपियों को देता था.जिसके बाद रजिस्ट्रार रिकॉर्ड रूम से दस्तावेजों को बदला जाता था.पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार वक़ील ही फ़र्जी जमीनों के दस्तावेजों को OK बताकर जमीन खरीदने वालों को संतुष्ट करता था. यही कारण था कि इस नामी वकील का भरोसा कर लोग फ़र्जी जमीनें खरीदते गए.जानकारी के अनुसार शनिवार रात अधिवक्ता कमल विरमानी को पुलिस SIT टीम ने क्रॉस मॉल के बाहर से गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तार अभियुक्त
कमल विरमानी पुत्र स्वर्गीय हरीश चंद्र विरमानी, निवासी 43 ईदगाह देहरादून.
मास्टरमाइंड से साठगांठ गिरफ्तार वकील ने फ़र्जी दस्तावेजों की ड्राफ्टिंग तैयार की :SIT
देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुँवर के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त कमल विरवानी से पूछताछ में यह बात प्रकाश में आई कि अभियुक्त सहारनपुर निवासी केपी सिंह (कुंवर पाल) को काफी सालों से जानता था.के०पी०सबसे पहले वकील विरमानी के पास डालनवाला एक प्रॉपर्टी का केस लेकर आया था,जिसमें अभियुक्त ने उसकी काफी मदद की थी. उसके पश्चात के०पी० ने अभियुक्त विरमानी को सहारनपुर के कुछ जमीनों के पुराने रजिस्ट्री बनवाकर अपने व अपने जानने वालों के नाम चढ़ाकर करोड़ों रुपए कमाने की बात बताई. इसके बाद के०पी० द्वारा देहरादून में भी पुरानी और विवादित जमीनों पर इसी तरह काम करने के लिए कमल विरवानी से सलाह मांगी गई थी. रुपयों के लालच में आकर अभियुक्त अधिवक्ता विरमानी ने के०पी० को क्लेमेंनटाउन,पटेल नगर,रायपुर नवादा और रैनापुर से संबंधित जमीनों के बारे में बताया.इसके उपरांत अभियुक्त विरमानी ने उन जमीनों की रजिस्ट्रीयों का मैटर (ड्राफ्टिंग)बनाकर दिया था. पुलिस जांच में यह जानकारी भी सामने आयी कि अभियुक्त वकील अपने मुंशी रोहिताश और वकील इमरान को के०पी० से मिलाकर रजिस्टार और तहसील में इनकी मदद करने के लिए बताया था.वही पुराने स्टाम्प पेपर और मोहरों की व्यवस्था के०पी० करता था. तथा उनमें जो भी मैटर ड्राफ्टिंग लिखा जाता था वह अभियुक्त विरमानी इनको बनाकर देता था. इसके बाद वकील इमरान और मुंशी रोहिताश द्वारा रजिस्टार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में अजय क्षेत्री,डालचंद और विकास पांडे की सहायता से उन फर्जी कागजों को रिकॉर्ड रूप में रख दिए जाते थे. इसके बाद अभियुक्त कमल विरमानी द्वारा उनसे संबंधित केसों की पैरवी अपने स्तर से करवाकर राजस्व रिकॉर्ड रूम में नाम दर्ज कर दिया जाता था.पुलिस SIT के अनुसार अभियुक्त कमल विरमानी से पूछताछ में कई अन्य अभियुक्तों के नाम भी प्रकाश में आए हैं. जिनके संबंध में एसआईटी टीम द्वारा गहन जांच एवं साक्ष्य संकलन कर आगे की कार्रवाई की जारी है. बता दे कि अभी तक इस गोरखधंधे में 9 लोग गिरफ्तार किया जा चुके हैं.
करोडों के इस फर्जीवाड़े खेल में अभी कई गिरफ्तारी बाकी :SSP
देहरादून SSS/DIG दलीप सिंह ने बताया कि अभी तक इस पूरे जमीन रजिस्ट्री फर्जीवाड़ी के खेल में पौने दो एकड़ भूमि में 10 करोड़ रुपए बैंक ट्रांजैक्शन की जानकारी सामने आई है.हालांकि ब्लैक मनी का हिस्सा इससे कई गुना अधिक हो सकता हैं. ऐसे में प्रकाश में आए अन्य व्यक्तियों के खिलाफ SIT साक्ष्य संकलन कर लगातार गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हैं.