सुनवाई: हल्द्वानी बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामलें पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल..सबकी नजरें टिकी..

हल्द्वानी: रेलवे भूमि पर हुए अतिक्रमण मामलें पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 14 नवंबर 2025 को सुनवाई होगी.उल्लेखनीय है कि रेलवे और नगर निगम की भूमि पर कथित रूप से काबिज लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पिछले तीन वर्षो से शरण ली हुई है..
रेलवे और नगर निगम अपनी भूमि पर अवैध कब्जों से मुक्त चाहता है.रेलवे ने पिछली तारीखों में सुप्रीम कोर्ट को ये बताया था कि उसे अपनी रेल योजनाओं के विस्तार के लिए अपनी भूमि चाहिए, रेलवे मंत्रालय का तर्क था कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और अन्य ट्रेनें भूमि के अभाव में हल्द्वानी तक नहीं आ पा रही है.जहाँ एक तरफ अतिक्रमण है तो, दूसरी तरफ गौला नदी के भूमि कटान से रेलवे ट्रैक को खतरा बना हुआ है.
बनभूलपुरा में रेलवे ट्रैक किनारे करीब 30 एकड़ भूमि रेलवे अपनी बताता रहा है.इस क्षेत्र में नगर निगम भी अपनी भूमि बताता है.यहां 4365 घरों को अतिक्रमण की जद में बताया गया है, इनमें रहने वाले कब्जेदारों ने वृहद आंदोलन तब किया था जब हाईकोर्ट ने इन कब्जों को हटाने के आदेश दिए थे. उस समय जिला प्रशासन अपनी चूक की वजह से अतिक्रमण हट नहीं पाया और कब्जेदार सुप्रीम कोर्ट चले गए.
जानकारी के मुताबिक कल 14 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में तारीख लगी है.रेलवे और राज्य सरकार की तरफ से वकीलों ने अपना पक्ष रखने की तैयारी कर ली है.जबकि कब्जेदारों की तरफ से कांग्रेस के नेता व देश के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद के अलावा प्रशांत भूषण सहित अन्य वरिष्ठ वकील न्यायालय मौजूद रहेंगे.
जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया- तुषार मेहता से भी इस मामले में विधिक राय मांगी है..राज्य प्रशासन की तरफ से नामित नोडल अधिकारी आईएएस विशाल मिश्रा, परितोष वर्मा, पंकज उपाध्याय ने दिल्ली में अधिवक्ताओं के साथ चर्चा की है.राज्य सरकार का पक्ष देख रहे अभिषेक अत्रे ने राज्य सरकार के पक्ष को रखना है.

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जानकारी के अनुसार पूर्व की तारीख में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर राज्य सरकार और रेलवे ने संयुक्त सर्वे एक बार पुनः कर लिया है.इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए भी प्रस्ताव तैयार कर कोर्ट में रखना है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस विषय पर बार बार कहते रहे है कि बनभूलपुरा मामलें को सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार गंभीरता से पैरवी कर रही है.यहां से कब्जेदार हटेंगे तभी रेल प्रोजेक्ट्स आ पाएंगे.

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बहराल अब 14 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आगे क्या रहता है.इस बात पर सभी की नजरें टिकी है..

परमजीत सिंह लाम्बा

संपादक - ख़बर सनसनी PH-7454913200,7906640014

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