देहरादून: देहरादून जनपद में ऑनलाइन डिलीवरी की आड़ में नशा सप्लाई का धंधा खूब तेजी से फैल रहा हैं.ऐसे में अब डिलिवरी बॉयज के अलावा बैंक लोन रिकवरी एजेंट और कैश कलेक्शन एजेंटों का अब एक विशेष अभियान के तहत पुलिस सत्यापन करने जा रही हैं.ताकि बाहर से आए और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की पहचान कर आगे की कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुँवर ने कहा इस मामलें में जिले के सभी थाना-चौकी प्रभारी और सर्कल ऑफिसर को 2 दिन का समय दिया है.जिसमें पुलिस टीमें स्विगी व जोमैटो जैसी कंपनियों समेत अन्य तरह की केश व रिकवरी एजेंसी के साथ आगामी मंगलवार को बैठक कर इस विशेष अभियान को शुरू कर सके.. एसएसपी ने साफ तौर पर कहा कि इस अभियान के तहत अगर किसी भी कंपनी या संस्थान द्वारा अपने एजेंटों और डिलीवरी ब्वॉय का सत्यापन नहीं कराया गया तो संबंधित कंपनी या एजेंसी के खिलाफ भारी भरकम जुर्माना वसूल कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके.
ऑनलाइन डिलीवरी कर्मी सहित Loan रिकवरी एजेंट भी हो सकते हैं अपराधिक प्रवृत्ति के: पुलिस
देहरादून एसएसपी ने इस विशेष अभियान के तहत जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा प्रायः देखने में आ रहा है कि अलग-अलग ऑनलाइन डिलीवरी देने वाले कर्मी न सिर्फ लोगों के घरों की रेकी कर अंदरूनी जानकारी कर रहे हैं.बल्कि डिलीवरी की आड़ है आपराधिक लोगों को सूचनाएं देने के साथ ही नशा सामग्री भी सप्लाई कर रहे हैं.वही दूसरी तरफ़ लंबे समय से ऐसी शिकायतें भी आ रही हैं कि बैंक रिकवरी एजेंसियों के अधिकांश एजेंट अपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं,जो ऋण वसूली के नाम पर दबंगई दिखाकर अवैध क्रियाकलाप भी कर रहे हैं.ऐसे में इन सब पर विशेष रूप से लगाम लगाने के लिए सत्यापन के जरिए उनके चरित्र जानकर उसका आंकलन अपराधिक गतिविधियों पर लगाम भी लगाया जाएगा..
कैश कलेक्शन कार्य में सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने वालों पर होगी कार्रवाई..
एसएसपी देहरादून के मुताबिक वही हर तरह के कैश कलेक्शन करने वाले एजेंसी या एजेंट भी सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर कैश कलेक्शन का कार्य कर रहे. ऐसे में इस तरह की लापरवाही के चलते हरदम लूट चोरी और जान माल का खतरा होने की संभावना बनी रहती है. यही कारण है कि अब देहरादून पुलिस इस तरह के कैश कलेक्शन एजेंसी/एजेंट को तय सुरक्षा मानकों के मुताबिक ही इस कार्य को करने की हिदायत दे रही है.अगर इसके बावजूद भी इसमें कोई लापरवाही बरती जाती है तो किसी तरह की चोरी- लूट या अन्य तरह के आपराधिक घटना होने पर संबंधित एजेंसी एवं एजेंट को भी पुलिस कार्रवाई में सहअभियुक्त बनाया जा सकता है..