देहरादून: 18 साल पूर्व देहरादून कोतवाली क्षेत्र में सीनियर सिटीजन पुष्पेंद्र सिंह दुग्गल की हत्या मामलें में देहरादून की अदालत ने अभियुक्त मेहमूद को तमाम सबूत व साक्ष्यों के आधार पर दोषी करार देते हुए आजीवन कठोर कारावास की सज़ा सुनाई हैं, जबकि इसी केस में दूसरे आरोपी नईम को दोषी ठहराते हुए कोर्ट द्वारा सात वर्ष की सजा सुनाई है. वहीं इस मामलें में एक अन्य आरोपी को दोषमुक्त जबकि एक आरोपित की पहले ही मौत हो चुकी है..देहरादून द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत द्वारा सोमवार को केस पर निर्णय सुनाया गया.वही कोर्ट ने डीजीपी व एसएसपी को विवेचनाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश भी की है.
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय की शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि मामला फरवरी 2006 का है. शिकायतकर्ता मंजीत चावला ने डालनवाला कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उनके मामा पुष्पेंद्र सिंह दुग्गल निवासी म्यूनिसिपल रोड में अकेले रहते थे.और उनकी कर्जन रोड पर संपत्ति थी. 13 फरवरी 2006 को उन्हें फोन पर सूचना मिली कि मामा पुष्पेंद्र सिंह का कहीं पता नहीं चल रहा है.ऐसे में मंजीत चावला उनके घर पहुंचे तो पता चला कि दुग्गल जी कार सहित लापता हो गए हैं. ऐसे में शिकायतकर्ता ने अपने रिश्तेदारों से पता किया.लेकिन उनका कहीं भी पता नहीं लग पाया. इसके बाद डालनवाला कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज की गई थी..इसके कुछ समय बाद पता चला कि 25 अप्रैल 2007 को जालंधर कैंट (पंजाब) में हुए रेल हादसे में रेलवे लाइन के किनारे एक शव पड़ा मिला. नईम राहत नाम के व्यक्ति ने मृतक की पहचान पुष्पेंद्र सिंह के रूप में की.इसके बाद आरोपित लोगों के ने पुष्पेंद्र सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर देहरादून व दिल्ली में उनकी संपत्ति की वसीयत बना ली.लेकिन पुलिस ने शक के आधार पर नईम को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि कुबुबद्दीन उर्फ सन्नू निवासी मुस्लिम कालोनी रीठा मंडी, महमूद अली निवासी कचहरी रोड कोतवाली, नईम राहत निवासी गांधी रोड शहर कोतवाली और तेजपाल सिंह निवासी बंजारावाला, बुग्गावाला हरिद्वार के साथ बुजुर्ग पुष्पेंद्र सिंह दुग्गल की हत्या की. अदालत में करीब 18 वर्ष तक चले केस में कोर्ट ने तमाम सबूतों व गवाहों के आधार पर महमूद को हत्या का दोषी पाते हुए कठोर आजीवन कारावास और 28 हजार रुपये जुर्माना का आदेश दिया. जबकि नईम को हत्या का षडयंत्र का दोषी पाते हुए 07 वर्ष सज़ा के साथ 18 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. वहीं इस केस में तीसरे आरोपित तेजपाल को सभी धाराओं में दोषमुक्त कर दिया..