डकैती कांड में दून पुलिस को मिली पहली सफलता..बिहार से 02 अभियुक्त गिरफ्तार..गिरोह को फंडिंग और वर्चुअल फोन के साथ लॉजिस्टिक मुहैया कराने की जिम्मेदारी..सबूतों के आधार पर बिहार-मध्य प्रदेश में ताबड़तोड़ दबिश जारी..

देहरादून: राजपुर रोड स्थित रिलायंस गोल्ड शोरूम में हुई करोड़ों की डकैती मामले में दून पुलिस को कड़ी मशक्कत के बर्फ पहली सफलता बिहार से मिली है..डकैती की घटना को अंजाम देने वाले गिरोह से जुड़े 02 ऐसे संदिग्ध अभियुक्तों को दून पुलिस ने बिहार के थाना सराय वैशाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया है जो गैंग के लोगों को फंडिंग और वर्चुअल फोन उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए लॉजिस्टिक मुहैया कराया करते थे..गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों से पूछताछ में पुलिस टीम को कई ऐसी जानकारियां मिली से जिसके आधार पर गैंग के मुख्य अभियुक्तों की धरपकड़ में बिहार और मध्य प्रदेश ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही है.

वारदातों के लिए चोरी या Fake ID इस्तेमाल कर OLX से गाड़ियां खरीदी जाती हैं: पुलिस

दून पुलिस की जांच-पड़ताल में इस बात की जानकारी भी सामने आयी हैं कि देशभर में डकैती और लूट की बड़ी घटनाओं को अंजाम देने वाले गैंग के सदस्य OLX माध्यम से वारदात में इस्तेमाल होने वाली गाड़िया खरीदते है. इतना ही नहीं गैंग के सदस्य ज्यादातर घटनाओं में पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल भी करते हैं.जिससे की मौके पर कोई सेंसर ट्रिगर ना हो पाए और ना ही कोई फोन कॉल हो पाए.जांच में पता चला कि कटनी(मध्य प्रदेश)और सांगली (वेस्ट बंगाल)की घटनाओं में भी अभियुक्तों द्वारा पोर्टेबल सिगनल जैमर का इस्तेमाल किया गया था.

बीते 09 नवंबर 2023 को देहरादून के राजपुर रोड स्थित रिलायंस गोल्ड शोरूम में हुई लुट की घटना में अब तक की जांच में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई है. कटनी एवं लातूर और सांगली में भी हुई इसी प्रकार की घटनाओं की जानकारी लेने में जुटी पुलिस टीमों को बताया गया कि उक्त गैंग द्वारा बेहद शातिराना तरीके से घटनाओं का अंजाम दिया जाता था.गिरोह द्वारा घटना करने के दौरान पोटेबल सिगनल जैमर का इस्तेमाल किया जाता था.इसके अतिरिक्त अभियुक्तों द्वारा घटनाओं को करने के लिए या तो चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता हैं.या फिर फर्जी आईडी पर OLX से गाड़ियां खरीद कर उन गाड़ियों से घटनाओं को अंजाम दिया जाता था.देहरादून में हुई घटना में भी अभियुक्तों द्वारा चोरी की वाहनों का इस्तेमाल किया गया था. जबकि लातूर व कटनी में गैंग द्वारा OLX के माध्यम से फर्जी ID पर गाड़ियां खरीदी गई थी..

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बिहार के वैशाली में  (operational secret hideout हाउस)के बारे में जानकारी.. गैंग द्वारा( hideout control) के रूप में इस्तेमाल.. 

दून पुलिस के अनुसार देशभर में लूट-डकैती की घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोह के सदस्य वारदात के दौरान आपस में संपर्क करने के लिए पश्चिम बंगाल व बिहार की फर्जी आई0डी0 पर सिम खरीदते हैं.जिन्हें घटना करने के बाद नष्ट कर दिया जाता था. बिहार के वैशाली में दून पुलिस को अभियुक्तों के (operational secret hideout हाउस)के बारे में जानकारी प्राप्त हुई जिसे गैंग द्वारा( hideout control) के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. देहरादून घटना के शामिल बदमाशों को भी यही से कंट्रोल किया जा रहा था. घटना को अंजाम देने से पूर्व अभियुक्तों द्वारा उक्त स्थान पर एकत्रित हुए थे.और यही से अपने टास्क के लिए रवाना हुए थे.जबकि टास्क पूरा करने के उपरांत अभियुक्त पुनः उसी पूर्व निर्धारित कंट्रोल हाईड आउट हाउस में ही मिलते थे.और उसके बाद आगे की रणनीति तय करते थे. पुलिस द्वारा वैशाली में उक्त हाईड आउट हाउस में दबिश  देकर देहरादून की घटना में शामिल अभियुक्तों के महत्वपूर्ण साक्ष्यों को बरामद किया गया है. इसी सीक्रेट हाइड आउट हाउस में टास्क देने के साथ-साथ गैंग के सदस्यों को हथियार, पैसे व गाड़ियों की जानकारी व सिमकार्ड और मोबाइल,कपड़े सभी सामान उपलब्ध कराया जाता था. इसके अतिरिक्त किसी घटना के समय अभियुक्तो को की जाने वाली फंडिंग के संबंध में भी पुलिस टीम को काफी महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं. जिससे यह जानकारी प्राप्त हुई है की गैंग सरगना द्वारा जेल के अंदर से ही अभियुक्त को घटना के दौरान पैसे ट्रांसफर करवाए जाते थे.. देहरादून में घटित घटना से पूर्व भी घटना में शामिल अभियुक्तो के खातों में पैसों का ट्रांजैक्शन होना पाया गया है. वही अभियुक्तों द्वारा हरिद्वार के गेस्ट हाउस में रुकने के दौरान जो कपड़े घटना के दौरान पहने गए थे.यह कपड़े हरिद्वार से जाकर नजीबाबाद के एक स्टोर से खरीदे जाने की जानकारी मिली है.इस विषय में नजीबाबाद से भी पुलिस टीम को अभियुक्तों के विरुद्ध ठोस सबूत मिले है.साथ ही अंबाला में गिरफ्तार अभियुक्त रोहित जो वेस्ट बंगाल की घटना में शामिल अभियुक्तों को फंडिंग कर रहा था.वही कनेक्शन बिहार में दून पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त अमृत के मोबाइल से बरामद हुआ है. साथ ही विशाल कुमार को भी लॉजिस्टिक मुहैया कराने और घटना के साक्ष्य जैसे अभियुक्त द्वारा घटना के दौरान पहने कपड़े, टोपी आदि के साथ षड्यंत्र में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया है  अभियुक्त विशाल गैंग के सदस्यों को वर्चुअल फोन प्रोवाइड करवाता था जिससे गैंग के सदस्यों का लोकेशन ट्रेस करना काफी मुश्किल था.

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यमुनानगर में भी हुआ था हथियारों के बल पर लूट का प्रयास..

 दून पुलिस के मुताबिक 8 नवंबर 2023  को यमुनानगर ज्वेलरी शॉप पर 05 बदमाशों ने हथियारों के बल पर शॉप लूटने की कोशिश की थी.लेकिन दुकान वालों की समझदारी से घटना करने में नाकाम रहे.04 बदमाश भाग गए जबकि एक बदमाश पवन को दुकानदारों ने हथियार सहित पड़कर पुलिस के हवाले किया..गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया की उनका गैंग दो माह पहले से यमुनानगर के पास मकान किराए पर लेकर रह रहा था.जानकारी में यह भी पता चला कि 08 नवम्बर 203 को यमुनानगर में उन्होंने पूर्व से योजना के तहत घटना करने का प्रयास किया. परंतु पकड़े गए. अभियुक्त 03 मोटरसाइकिल में आए थे.जबकि 04 बदमाश 02 मोटरसाइकिल लेकर भाग गए.बिहार से गिरफ्तार अभियुक्त पवन ने बताया  की सुबोध गैंग के सक्रिय सदस्य ही  देहरादून में घटना करने आये थे, जिनके बारे में पूछताछ में अहम सुराग दून पुलिस को मिले है.अभी तक उपरोक्त प्रकरण में बिहार में दून पुलिस द्वारा 02 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. जिनका ट्रांजिट रिमांड न्यायालय से लिया जायेगा. 

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खबर सनसनी डेस्क

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