
सरकार की प्राथमिकता- युवाओं का हित सर्वोपरि रहेगा: CM धामी..अब दूध का दूध और पानी का पानी होकर रहेगा: मुख्यमंत्री
दोषियों को 48 घंटे में सलाखों पीछे धकेला..अन्य दोषियों पर भी होगी कड़ी कार्रवाई:CM धामी..
—सरकार की त्वरित कार्रवाई से पेपर गैंग ध्वस्त..
सरकार का स्पष्ट संदेश—पेपर लीक में शामिल कोई भी बच नहीं पाएगा..
भर्ती घोटाले पर सरकार का हल्ला बोल, एक-एक आरोपी पहुंचा जेल..
देहरादून:उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानि UKSSSC की हालिया परीक्षा को लेकर उठे विवाद ने सूबे की राजनीति में हलचल मचा दी है. धामी सरकार ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है. और अब पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष जांच दल (SIT)का गठन किया हैं. इस SIT में हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायमूर्ति (जज) बी०एस० वर्मा पूरी जांच की निगरानी करेंगे..मुख्यमंत्री धामी में कड़े शब्दों में कहा कि,युवाओं का हक़ छीनने वालों को नहीं बख्शा जाएगा..सरकार की त्वरित कार्रवाई से पेपर गैंग को ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी हैं. मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि सरकार का स्पष्ट संदेश हैं,पेपर लीक में शामिल कोई भी बच नहीं पाएगा..
कोई दोषी बच नहीं पाएगा, एक एक कर दोषियों को सलाखों के पीछे धकेला जाएगा: CM
बीते रविवार को सम्पन्न हुई अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तर की परीक्षा में हरिद्वार के एक केंद्र से तस्वीरें वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया हैं. परीक्षा के दौरान एक परीक्षार्थी द्वारा पेपर की कुछ तस्वीरें खींचकर बाहर भेजी गईं.यह मामला सामने आते ही पुष्कर धामी की सरकार ने तुरंत संज्ञान लिया.धामी सरकार की सख्ती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घटना के 48 घंटे के भीतर ही मुख्य आरोपी मोहम्मद खालिद मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.साथ ही उसकी बहन साबिया मलिक को भी गिरफ्तार किया हैं, जबकि एक अन्य बहन हीना और सहयोगी सुमन चौहान की संदिग्ध भूमिका पर भी जांच जारी है.धामी सरकार ने साफ संदेश दिया है कि चाहे कोई भी हो, दोषी बच नहीं पाएगा,और एक एक कर उन्हें सलाखों के पीछे धकेला जाएगा..
बीते 21 सितंबर 2025 (रविवार) को UKSSSC की परीक्षा सुबह 11:00 बजे शुरू हुई,और 35 मिनट बाद, यानी 11:35 बजे, परीक्षा पत्र के तीन पन्ने केंद्र से बाहर भेजे जाने की सूचना सामने आई. सरकार ने साफ किया है कि यह नकल माफिया या संगठित गिरोह का मामला नहीं है,बल्कि एक सीमित विवाद है,जो सिर्फ एक केंद्र तक सीमित है.बावजूद इसके,सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए पारदर्शी और निष्पक्ष जांच के कड़े निर्देश दिये हैं..
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित SIT करेगी.SIT का दायरा पूरे प्रदेश तक होगा. निष्पक्षता बनी रहे, इसके लिए SIT जांच की निगरानी हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज करेंगे.
सरकार की प्राथमिकता- युवाओं का हित सर्वोपरि रहेगा: CM धामी
धामी सरकार ने कहा कि परीक्षा को लेकर युवाओं का गुस्सा स्वाभाविक था,लेकिन इस आक्रोश को कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों ने भुनाने का प्रयास किया. स्वाभिमान मोर्चा जैसे संगठनों ने छात्रों की भावनाओं की आड़ में प्रदर्शन को राजनीतिक रंग देने और अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की हैं! सरकार का कहना है कि युवाओं का हित सर्वोपरि है, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से भड़काना उचित नहीं.यह परीक्षा प्रक्रिया और मेहनती अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है.
एक माह की अवधि में पूरी जांच कर दोषियों की पहचान की जाएगी
धामी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक SIT की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक आयोग परीक्षा से संबंधित आगे कोई कार्रवाई नहीं करेगा.एक माह की अवधि में पूरी जांच कर दोषियों की पहचान की जाएगी.और उन्हें सख्त सजा दी जाएगी. विवादों के केंद्र में रहे हरिद्वार के परीक्षा केंद्र की भी विशेष जांच होगी. यहां अगर किसी स्तर पर लापरवाही सामने आई, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा.
UKSSSC को भविष्य की परीक्षाओं के लिए भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश..
राज्य सरकार ने कहा इस बीच, UKSSSC आयोग भविष्य की परीक्षाओं के लिए भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने जा रहा है.परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा,ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच होने से छात्रों और आमजन को भरोसा रहेगा कि किसी भी स्तर पर समझौता नहीं होगा. सरकार का स्पष्ट संदेश है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी और परीक्षा प्रणाली की साख पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी.
धामी सरकार ने इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेते हुए एक सख्त और पारदर्शी जांच की राह पकड़ी है.धामी सरकार ने कहा कि भले ही विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन सरकार का फोकस केवल छात्रों का हित और परीक्षा प्रणाली की पवित्रता बनाए रखना है.
बहराल अब सभी की नजरें रिटायर्ड जज की निगरानी में गठित SIT जांच की रिपोर्ट पर टिकी हैं..