भूमाफियाओं पर देहरादून जिलाधिकारी की सख्ती…फ़र्ज़ी दस्तावेजों के आधार करोडों की भूमि हड़पने मामलें में कानूनी शिकंजा..धोखाधड़ी से हड़पकर प्लाटिंग वाली भूमि सरकार में निहित…

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भूमाफियाओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है.ताजा मामला गुच्चुपानी,जौहड़ी गाँव और चन्द्रोटी का हैं..यहाँ फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपए की भूमि हड़प प्लाटिंग करने के मामले में जिलाधिकारी सोनिका द्वारा सख्त एक्शन लिया गया हैं. इतना ही नहीं संबंधित भूमि को राज्य सरकार में निहित करने और आरोपित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं..

 
भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति और ग्राम वासियों ने की थी जनता दरबार में शिकायत
 
 
जानकारी के अनुसार बीते 20 मई 2024 को जिलाधिकारी के जनता दरबार में ग्राम अनारवाला के भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति एवं चन्द्रोटी ग्राम वासियों द्वारा शिकायत प्राप्त हुई कि गुच्चुपानी में प्राचीन जल का एक स्रोत हैं.जिसका उपयोग ग्रामीण वर्षों से पीने के पानी के रूप में करते रहे हैं.ग्रामीणों ने बताया गया कि जल स्रोत के ऊपर एक बड़ा बगीचा होता था,जहाँ एक सन्यासी महिला का मंदिर होता था.सन्यासी के देहांत के पश्चात् ये स्थान खण्डहर के रूप में वर्षों तक पड़ा रहा.लेकिन कुछ दिन पूर्व भूमाफियाओं द्वारा पहले बागीचे में आग लगाकर फलदार पेड़ों का सफाया किया गया.और फिर उसके बाद उस जमीन पर प्लाटिंग करने का प्रयास किया जाने लगा..जनता दरबार में  शिकायतकर्ताओं द्वारा उक्त कृत्य में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जिलाधिकारी से मांग की गयी..मामलें की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी सोनिका द्वारा तहसीलदार सदर मोहम्मद शादाब को इस विषय की गहनता से जांच-पड़ताल के लिए निर्देश दिये गए.
 
गिफ़्ट डीड दिखाकर फ़र्ज़ी रजिस्ट्री के जरिये जमीन खुर्दबुर्द
 
तहसीलदार सदर द्वारा इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की गयी तो संज्ञान में आया कि विवादित स्थल ग्राम चन्द्रोटी में विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गुच्चुपानी के समीप राजस्व ग्राम चन्द्रोटी का हिस्सा है. मौके पर वनाग्नि व छोटे वृक्ष एवं झाड़ी कटान के अवशेष पाये गये. इसके साथ पता चला कि उक्त भूमि का बाजारी मूल्य कम से कम 20-25 करोड़ रूपये हैं.वही दौराने जांच संज्ञान में आया कि उक्त भूमि खसरा संख्या 374ग रकबा 0.3120 है0 (लगभग चार बीघा) राजस्व अभिलेखों में बिंदा गिरी चेला लक्ष्मण गिरी की है.भूमि बिंदा गिरी के नाम 1360 फसली अर्थात् वर्ष 1953 से लगातार चली आ रही है.लेकिन अचानक से  25 मई 2022 को सब-रजिस्ट्रार द्वितीय देहरादून के कार्यालय में बिंदा गिरी चेला लक्ष्मण गिरी निवासी 65 सी कनखल जनपद हरिद्वार द्वारा सतीश कुमार गुप्ता पुत्र रामानन्द गुप्ता निवासी विजयपुर हाथीबड़कला नयागावं जनपद देहरादून को गिफ्ट डीड कर दी जाती है.. उक्त गिफ्ट डीड में सौरभ सोनकर पुत्र सुभाष चन्द्र निवासी इन्द्रेश नगर देहरादून एवं संजय थापा पुत्र  टी०एस० थापा निवासी नकरौंदा, देहरादून गवाह होते हैं. उक्त का दाखिल खारिज भी अप्रैल 2023 में हो जाता हैं. चूंकि राजस्व अभिलेखों मे बिंदा गिरी नामक व्यक्ति 1953 में व्यस्क अर्थात् 18 वर्ष से अधिक आयु के होते हैं. इसलिए वर्ष 2024 में उनकी उम्र लगभग 90 वर्ष होनी चाहिए. ऐसी दशा में संदेह की स्थिति उत्पन्न होने के कारण बिंदा गिरी के आधारकार्ड की जांच की गयी. जांच में यह तथ्य निकलकर आया कि बिंदा गिरी का उक्त आधारकार्ड फर्जी एवं कूटरचित हैं.उस नम्बर पर कोई आधार कार्ड जारी ही नहीं हुआ हैं. इसके बाद जब बिंदा गिरी के कनखल हरिद्वार स्थित पते पर जांच की गयी तो ऐसा कोई पता एवं व्यक्ति जांच में नहीं पाये गये..ऐसे में न्यायालय तहसीलदार देहरादून में दाखिल खारिज की पत्रावली को तलब कर सुनवाई की गयी.उक्त भूमि में जिस व्यक्ति सतीश कुमार गुप्ता के नाम गिफ्ट डीड हुई हैं, उसने बिंदा गिरी को पुरूष होना स्वीकार किया.जबकि जांच में बिंदा गिरी का महिला होने का तथ्य प्रकाश में आया.. अर्थात् महिला को पुरुष दर्शाकर करोडों की भूमि हड़पने का कार्य किया गया..वही इसके अतिरिक्त यह भी तथ्य स्पष्ट हुआ कि बिंदा गिरी की मृत्यु वर्ष 1980 के दशक में हो चुकी है.और  उनकी कोई भी संतान नहीं थी. अर्थात् उनकी लावारिस मृत्यु हुई. ऐसी स्थिति में तत्काल उक्त भूमि राज्य सरकार में निहित हो जानी चाहिए थी.लेकिन इस प्रक्रिया का अनुपालन न होने के कारण आरोपित भूमाफियाओं द्वारा फर्जी व्यक्ति को सब-रजिस्ट्रार के सामने प्रस्तुत करके पहले गिफ्ट डीड करायी गई.फिर दाखिल खारिज भी करवा लिया गया.ऐसे के अब जिला प्रशासन द्वारा उक्त दाखिल खारिज को निरस्त किया गया है,और सब-रजिस्ट्रार को यह निर्देश दिए गए हैं कि तत्काल आरोपित भूमाफियाओं एवं फर्जी आधारकार्ड बनाने वाले सहित उक्त कृत्य में सम्मिलित सभी व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज करवायी जाये. इतना ही नहीं उक्त भूमि को राज्य सरकार में निहित किये जाने के लिए रिपोर्ट उपजिलाधिकारी सदर देहरादून को भेजी गयी है. बताया जा रहा हैं कि तहसील देहरादून में ऐसे अन्य मामले होने की भी आशंका है. इसलिए समस्त पटवारीगण को खतौनियों की पड़ताल कर ऐसी भूमियों को राज्य सरकार में निहित करने सम्बन्धी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं..
 
देहरादून जिलाधिकारी की अपील
 
वही जिलाधिकारी सोनिका द्वारा देहरादून के निवासियों से यह भी अनुरोध है कि किसी भी कार्य के लिए भूमि खरीदने से पूर्व तहसील में राजस्व अभिलेखों के सम्बन्ध में पड़ताल अवश्य कर लें. अन्यथा आप धोखाधड़ी के भी शिकार हो सकते हैं..
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खबर सनसनी डेस्क

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