देहरादून: 27 अप्रैल 2023 को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलने हैं.ऐसे में इससे ठीक पहले यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए आईजी गढ़वाल ने पुलिस व्यवस्थाओं का जायज़ा लेते हुए बुद्धवार जनपद चमोली पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की.बता दें कि चारधामों में से हिंदू धर्म अनुसार श्री विष्णु भगवान को समर्पित मां अल्कनन्दा नदी के किनारे सीमान्त जनपद चमोली में स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट गुरुवार 27 अप्रैल 2023 को सभी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए यात्रा सीजन के लिए खोल दिये जायेंगे.ऐसे में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत चमोली पुलिस द्वारा अपनी सभी तैयारिया पूर्ण कर ली गई है.पुलिस प्रशासन ने तैयारियों को अन्तिम रूप देते हुए मंदिर के कपाट खुलने से 1 दिन पहले बुद्धवार गढ़वाल आईजी करन सिंह नगन्याल द्वारा ड्यूटी में नियुक्त समस्त पुलिस बल को ब्रीफ करते हुए यात्रा सम्बन्धी उचित दिशा-निर्देश दिये गये.बदरीनाथ धाम यात्रा को लेकर आईजी गढ़वाल ने पुलिस ड्यूटी ब्रीफिंग के दौरान अपने संबोधन में कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले प्रत्येक यात्री की सुरक्षा व श्रद्धालुओं को सुगम व निर्बाध यात्रा देना उत्तराखण्ड़ पुलिस की महत्वपूर्ण प्राथमिकता है.इसलिए प्रत्येक पुलिस कर्मी ड्यूटी के दौरान शान्त होकर भीड़-भाड़ बढ़ने पर संयत बरतते हुए ड्यूटी करें.वही तीर्थ यात्रियों से अच्छा एवं उच्च कोटि का व्यवहार कर उनका सही से मार्ग दर्शन भी करना हैं.
ड्यूटी में नशा या गलत आचरण करने वालों को सख्त हिदायत:आईजी
गढ़वाल आईजी करन सिंह नगन्याल ने यात्रा ड्यूटी में नियुक्त पुलिस बल को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा की श्रद्धालुओं के साथ किसी भी प्रकार दुर्व्यहार न करें,अपनी ड्यूटी को सेवा व श्रद्धाभाव से करने के साथ ही श्रद्धालुओं की हर सम्भव मदद करें. यात्रा ड्यूटी के दौरान सभी कर्मचारी को नशे के सेवन व गलत आचरण से बचने की हिदायत हैं. सभी पुलिस कर्मीयों को निर्धारित व साफ-सुथरी वर्दी धारण करने व उच्च कोटि का टर्नआउट बनाए रखें..चारधाम यात्रा ड्यूटी के लिए बहारी जनपद से आये पुलिस बल विशेष रूप से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए पहले बताया बताए गए नियमों का पालन करें.क्योकिं बद्रीनाथ धाम में मौसम काफी ठंडा है.ऐसे में स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई समस्या होने पर उसे प्रभारी के माध्यम से उच्चाधिकारियों तक पहुंचाए.ताकि प्रत्येक पुलिस कर्मी की समस्याओं का शत्-प्रतिशत निस्तारण किया जा सकें.