उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड की राजनीति में गहमागहमी का माहौल देखा जा रहा है। जहां एक और राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दमखम से तैयारियों में जुटी हुई है और उम्मीदवारों के चयन को लेकर रणनीतियां बना रही है। तो वहीं, दूसरी ओर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के भीतर अंतर कलह का मामला बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक ट्वीट कर न सिर्फ उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल ला दिया है बल्कि कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं
चुनाव से ठीक पहले हरीश रावत ने पार्टी लीडरशिप और अन्य नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा है कि जिनके आदेश पर मुझे तैरना है, उनके नुमाइंदों ने मेरे हाथ-पांव बांध रखे हैं। एक के बाद एक तीन ट्वीट कर हरीश रावत ने अपनी भड़ास निकाली है।
हरीश रावत ने लिखा है, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है। सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने की बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’
रावत की ये टिप्पणियां पार्टी में अंतरकलह को उजागर करती हैं। इसके अलावा राज्य के चुनाव में भी पार्टी की स्थिति के लिये कमजोर कड़ी भी बन सकती हैं।
लेकिन जिस तरीके की गुटबाजी अब कांग्रेस में दिखाई दे रही है वह आगामी चुनाव में कॉंग्रेस के बनते समीकरण बिगाड़ न दे।