
1975 इमरजेंसी के दौरान जेल भेजे गए लोग होंगे इसके पात्र !!…
देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार क्या,आपातकाल के दौरान जेल गए लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन अथवा हर माह आर्थिक सहायता देने जा रही है?.क्योंकि इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दी गई है.ऐसे में संभवतः आगामी विधानसभा सत्र से इसे मंजूरी दिलाई जा सकती हैं !…
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 25 जून को आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर एक घोषणा की थी कि सरकार ऐसे लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी,जिन्होंने इमरजेंसी के दौरान जेल में सजा काटी और यातनाएं झेली थी. इसके बाद राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय को इस बारे में कार्ययोजना बनाने को कहा था.
उल्लेखनीय है कि 25 जून 1975 को देश में इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल लगाया था और राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने इसे मंजूरी दी थी.उस समय लगभग 21 माह के आपातकाल के दौरान जनसंघ, आरएसएस संगठन सहित विपक्षी दलों के नेताओं को जेलों में बंद कर उन्हें यातनाएं दी गई थी !.जानकारी अनुसार उत्तराखंड के भी बहुत से लोगों ने जेलो में यातनाएं झेली थी.
मोदी सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था.इसी क्रम में देश भर में बीजेपी ने कार्यक्रम कर अपने पूर्व संगठन जनसंघ के लोकतंत्र सेनानियों का परिवार सहित के सम्मान किया था.
इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आशय की घोषणा की थी कि उनकी सरकार ऐसे सेनानियों को हर माह पेंशन अथवा आर्थिक सहायता देने पर विचार कर रही है.माना जा रहा है कि धामी कैबिनेट ने इस आशय के प्रस्ताव को पारित कर दिया है, और अब विधानसभा से इसे मंजूर करवाना बाकी है.ऐसे में संभावना है कि गैरसैण में हो रहे सत्र में इसे मंजूरी मिल जाएगी ?..पेंशन की ये धनराशि कितनी होगी इस बारे में सरकार ने अभी कोई जानकारी नहीं दी है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते है कांग्रेस ने इमरजेंसी लगा कर हमारे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किए थे, वे महीनों तक जेल में रहे, संविधान की हत्या करने में इंदिरा सरकार ने समाज पर जुल्म ढाए थे. जनसंघ में रहे ऐसे वरिष्ठ जन लोकतंत्र सेनानी है हमारी सरकार इनकी चिंता करती है..
जानकारी ये भी मिल रही हैं कि, बिहार और अन्य राज्यों में भी ऐसे ही पेंशन दिए जाने की योजना चल रही है..