देहरादून: शिमलाबाई रोड़ से सटे निर्माणधीन हाईवे भूमि आधिग्रहण मुआवजा लेने में सरकार से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है..आरोप अनुसार देहरादून कोतवाली में विकासनगर क्षेत्र में रही पटवारी डिंपल यादव,पूर्व जिला पंचायत सदस्य और कम्युनिस्ट नेता कमरुद्दीन व राजेंद्र के अलावा कांग्रेस नेता गुलजार सहित 07 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एक साथ तीन अलग-अलग शिकायत पत्रों पर मुकदमें दर्ज किए गए हैं.. आरोप के अनुसार इन सभी आरोपियों द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एक व्यक्ति की जमीन को अपनी दर्शाकर हाईवे निर्माण मुआवजा हड़पा गया. इस मामलें में शिकायत होने पर एसआईटी की जांच में उक्त मुआवजे की भूमि तीन अन्य पीड़ित व्यक्तियों की निकली. जानकारी के अनुसार इस धोखाधड़ी के खेल में आरोपियों के साथ मिलीभगत करने वाले आरोपी पटवारी डिंपल यादव को भारी अनियमितता के चलते जिलाधिकारी देहरादून द्वारा पूर्व में ही निलंबित किया जा चुके हैं.
पुलिस स्तर से सुनवाई न होने पर पीड़ित पक्ष ने कोर्ट में ली शरण..
देहरादून कोतवाली पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता पीड़ित पक्ष शिवराम पुत्र चेतराम उर्फ नत्थू निवासी ग्राम शंकरपुर द्वारा दिये गए तहरीर के अनुसार पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमरूद्दीन निवासी सभावाला,कम्युनिस्ट पार्टी के नेता राजेंद्र के अलावा कांग्रेस नेता गुलजार पुत्र शहादत अली निवासी ग्राम भुड्डी,फरजंद पुत्र नजीरुद्दीन निवासी हिंदूवाला पो०ओ० सभावाला,इस्लाम पुत्र फरचंद,शहीद पुत्र निवासी ग्राम हिंदुवाला ने पटवारी डिंपल यादव के साथ मिलकर उसकी भूमि को अपना दर्शाया.क्योंकि उसकी भूमि हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहित हुई थी.ऐसे में भूमि का मुआवजा उसे सरकार से मिलना था.लेकिन सभी आरोपियों ने आपस में साथगांठ कर उसके नाम के फ़र्जी दस्तावेज तैयार कर उसका मुआवजा हड़प लिया..आरोपियों ने अवैध वसूली के मक़सद से पहले कूटरचित पेपर व जाली प्रार्थना पत्र और शपथ पत्र तैयार किए.और फिर आरोपियों ने अधिग्रहित भूमि की रिपोर्ट अपने पक्ष में लगाने के लिए पटवारी डिंपल यादव को 25 हजार रुपये भी दिए.पीड़ित शिवराम का यह भी आरोप हैं कि इस मामलें में पुलिस के स्तर से कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली.जहाँ से सभी आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में धारा 120B, 177, 182, 420 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच- पड़ताल शुरू कर दी गई हैं.
दर्ज मुकदमें के अनुसार आरोप
पुलिस में दर्ज मुक़दमें के अनुसार इस धोखाधड़ी मामले में सभी अभियुक्तों द्वारा वादी (पीड़ित पक्ष) के भूमि आधिग्रहण से प्राप्त होने वाले मुआवजे को प्राप्त करने के लिए आपराधिक षड्यंत्र के तहत मुआवजा हड़पने और अवैध वसूली के उद्देश्य से बेईमानी से कुत्रचित व फर्जी प्रार्थना एवं शपथ पत्र तैयार कर जिलाधिकारी देहरादून और SLO ऑफिस देहरादून के समक्ष प्रस्तुत किया गया.इस पूरे खेल में आरोपियों के साथ-साथ मिलीभगत करने वाले आरोपी पटवारी डिंपल यादव द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर झूठी रिपोर्ट बनाकर प्रेषित की गई.