
पीड़ित युवतियों को पाकिस्तान के मौलवियों के माध्यम से दिलाई जाती थी कुरान की शिक्षा..
युवतियों से सहानुभूति दिखाकर उनका विश्वास जीतते हुए उन्हें इस्लाम धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित कर किया जाता था उनका ब्रेनवाश..
अवैध रूप से धर्मांतरण प्रकरण में पुलिस ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दर्ज किया एक और मुक़दमा.
रानी पोखरी निवासी पीड़िता से पूछताछ में गिरोह के संपर्क में आयी बरेली निवासी एक अन्य पीड़िता की पुलिस को मिली थी जानकारी.
पीड़ित युवतियों से पूछताछ में गिरोह का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन आया प्रकाश में..
उत्तराखंड में सख्त धर्मांतरण कानून व यूसीसी लागू होने के कारण पीड़िताओं को बुलाया था दिल्ली..
खास मोडस ऑपरेंडी के तहत परिवार से अलग-थलग पड़ी युवतियों को गिरोह द्वारा किया जाता था चिन्हित..
पीडित युवतियों का ब्रेनवाँश करने के लिए गिरोह द्वारा मुस्लिम धर्म की उच्च शिक्षा प्राप्त युवतियों का किया जाता था इस्तेमाल.
पीड़ित युवतियों को घर से भागने के लिए उकसाकर उन्हें गिरोह के सदस्यों द्वारा ले जाया जाता था दिल्ली..
दिल्ली में युवतियों का धर्मांतरण कर, मुस्लिम युवकों से कराया जाता था उनका निकाह.
“ऑपरेशन कालनेमि” के तहत दून पुलिस द्वारा अपना धर्म व पहचान को छिपाकर महिलाओं को धोखा देने वाले व्यक्तियों को भी लगातार किया जा रहा चिन्हित:SSP दून
देहरादून:ऑपरेशन कालनेमि” के तहत धर्मांतरण मामलें में देहरादून पुलिस ने एक और मुकदमा दर्ज कर अंतरराष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश किया है. एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की आगरा पुलिस द्वारा इस मामलें में मुकदमा दर्ज होने के बाद देहरादून पुलिस ने भी सहसपुर निवासी अब्दुल रहमान सहित अब तक इस गिरोह से जुड़े 06 लोगों को गिरफ्तार किया है.मामला बेहद संवेदनशील हैं, ऐसे में कई संदिग्ध लोगों को चिन्हित कर उनसे पूछताछ कर आगे की सख़्त कार्रवाई चल रही है.अभी तक कि जांच पड़ताल में पता चला कि देहरादून सहित कई इलाकों से युवतियों का कई तरह से ब्रेनवॉश कर ज़बरन इस्लाम धर्म कबूल कराने के लिए दिल्ली पहुँचाया जाता था.फिर जहां उनका धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम युवकों से शादी कर दी जाती थी इस पूरे गिरोह के तार पाकिस्तान और दुबई से जुड़े हैं. एसएसपी देहरादून ने बताया कि उत्तराखंड “मुख्यमंत्री द्वारा निर्देशित “ऑपरेशन कालनेमि”के तहत इस पूरे गैंग को नेस्तनाबूद करने के लिए एक विशेष पुलिस टीमें गठित की गई है. इन पुलिस टीमों द्वारा अपने तमाम सूचना तंत्र के जरिए ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा हैं,जो अपना धर्म व पहचान को छिपाकर महिलाओं को धोखा देकर ज़बरन धर्म परिवर्तन करा रहें हैं. ऐसे लोगों को हर तरह से रडार पर रखकर उनके खिलाफ सख़्त से सख्त कार्रवाई प्रचलित है..


एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए खुलासा करते हुए बताया कि देहरादून के रानी पोखरी निवासी एक व्यक्ति ने थाना रानीपोखरी पर 18 जुलाई 2025 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था,जिसमें शिकायत कर्ता ने बताया कि उनकी 21वर्षीय पुत्री जो पिछले कुछ समय से अजीब व्यवहार कर रही है.ऐसे में शक होने पर जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि कुछ मुस्लिम लडके व मुस्लिम लडकी जबरदस्ती उनकी बेटी को बहला फुसलाकर मुस्लिम बनाना चाहते हैं.इतना ही नहीं उनकी बेटी को मुस्लिम बनाने के लिए पैसे व अन्य तरह के लालच दे रहे हैं.यही कारण हैं कि उनकी बेटी अजीब व्यवहार कर रही है.इसके अलावा उनकी बेटी को कुछ मुस्लिम लडके नाम अब्दुर रहमान निवासी सहसपुर देहरादून, अबु तालिब मुजफ्फरनगर, अयान दिल्ली, अमन दिल्ली, मुस्लिम महिला स्वेता निवासी गोवा पैसों का अन्य तरह का प्रलोभन देकर जबरदस्ती मुस्लिम बनाने का प्रयास कर रहे हैं.शिकायतकर्ता पिता ने पुलिस को यह भी बताया कि कुछ लोग उनकी बेटी का लगातार ब्रेनवास करा रहे हैं. ऐसे में उन्हें शक है कि इसमें अन्य मुस्लिम पुरूष व अन्य मुस्लिम महिला सम्मिलित हो सकती हैं. शिकायतकर्ता पिता के प्रार्थना पत्र पर थाना रानीपोखरी पर मु0अ0सं0- 58/2025 धारा 3/5 उत्तराखण्ड धार्मिक स्वतंत्रता अधि० 2018 बनाम अब्दुर्र रहमान आदि पंजीकृत किया गया..


●प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक देहात ऋषिकेश के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और सभी बिन्दुओं पर जांच करते हुए विवेचना प्रारम्भ की गई.पीडिता की काउंसलिग के दौरान ये तथ्य प्रकाश में आये कि यह मामला केवल अंतरराज्यीय स्तर का न होकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का है.साथ ही वर्तमान में उत्तर प्रदेश में जनपद आगरा में प्रचलित धर्मांतरण के केस से भी जुडे हैं. इसके पश्चात आगरा पुलिस से सम्पर्क कर पीडिता द्वारा दी गई जानकारी को आगरा पुलिस के साथ शेयर किया गया.
● दून पुलिस के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय गैंग से जुडे होने व इस सम्बन्ध में आगरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये कुछ अभियुक्तों की संलिप्तता जनपद देहरादून में चल रही विवेचना में भी होना पाया गया. दौराने विवेचना पाया गया कि जब पीडिता उर्फ मरियम नाबालिग थी तो फेस बुक के जरिये इसकी दोस्ती अबु तालिब पुत्र फारूखी निवासी किदवई नगर खालापार मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश से हुई, जिसने इसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, और बताया कि इस्लाम अपनाने पर उसकी जिन्दगी बहुत अच्छी हो जायेगी. अबू तालिब द्वारा व्हाट्सएप पर पीडिता को कलमा भेजकर उसे पढवाकर बताया कि अब तुम मुस्लिम बन चुके हो, और उसे मरियम नाम दिया.उक्त अबू तालिब ने उसे अपने धनबाद झारखण्ड के दोस्त अयान से सोशल मीडिया के जरिये मिलवाया और पीडिता को उसके घर से भगाकर अयान के साथ निकाह करने का षडयंत्र रचा..
● इसके साथ उसने अपने परिचित हिन्दू धर्म से धर्मान्तरण कर मुस्लिम धर्म आये 1. आयशा उर्फ कृष्णा (गोवा) 2. अब्दुर रहमान उर्फ रूपेन्द्र प्रताप सिंह (सहसपुर) 3. अब्दुल रहमान उर्फ महेन्द्र पाल सिंह (दिल्ली) से सम्पर्क करवाया और आयशा उर्फ कृष्णा के माध्यम से पीडिता के धर्मान्तरण के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त की. आयशा ने अबुतालिब को पैसे देकर उसके माध्यम से पीडिता को आनलाईन कपडे भिजवाये तथा पीडिता को घर से भागने के लिए एक फोन व सिम उपलब्ध करवाया.अयान द्वारा पीडिता को एक वीडियो भेजकर पीडिता को बताया कि भेजे गये सिम से एक बार ओटीपी प्राप्त कर व्हाट्सएप बिजनेस डाउनलोड करना है,और उसके बाद फोन की बैटरी निकालकर फोन के 02 टुकडे कर फोन और बैटरी पानी से भरी बाल्टी में 02 दिन तक रखकर कूडे में फेंक देना है, और जब तक वह सुरक्षित रूप से बाहर नहीं निकलती है (तालिब की भाषा में इसे रेस्क्यू कहते हैं ), केवल व्हाट्सएप से ही बात करनी है..पीडिता को रानीपोखरी से बाहर निकालने के लिए अब्दुर रहमान द्वारा भी लगातार सम्पर्क किया गया.साथ ही तालिब व आयशा के सम्पर्क में रहकर रानीपोखरी तक कैब भी भेजी गई. परन्तु पीडिता द्वारा अन्तिम समय पर घबराकर बाहर निकलने से इन्कार कर दिया गया. उक्त अभियुक्तों द्वारा बनाई गई योजना के अनुसार पीडिता को सकुशल रूप से निकालकर दिल्ली में अब्दुल रहमान के घर सेफ हाउस में रखा जाना था. बाद में मौका देखकर उसका धर्मान्तरण कराकर अयान से निकाह कराया जाना था.
● अब्दुल रहमान द्वारा इस कार्य के लिए एक अन्य पीडिता उर्फ सुमैया को भी प्रेरित किया गया था और उसके खाते में 25,000/- रूपये भी डाले थे.लेकिन काम न होने पर उसके द्वारा पैसे वापस मंगा लिये थे.
● दून पुलिस को पीडिता मरियम से जुडे उक्त मामले में गहनता से पूछताछ करने पर यह ज्ञात हुआ कि इससे जुडे एक मामलें में देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र की एक अन्य लडकी उर्फ सुमैया भी इस मामले से जुडी है,जिससे मिलकर उसकी काउंसलिंग की गई और उसके घरवालों को इस सम्बन्ध में सूचित किया गया.
● इसी क्रम में वादी अज्ञात द्वारा एक शिकायत थाना प्रेमनगर पर दर्ज कराई गई.जिसमें उसकी बहन उर्फ सुमैया उम्र 28 वर्ष जो पढाई करने के लिए बरेली से देहरादून आई थी,उसको भी बहला फुसलाकर और प्रलोभन देकर कुछ गैर हिन्दू लोगों के द्वारा धर्मान्तरण हेतु ब्रेनवाश किया गया. और एक बडा गिरोह बनाकर उसका धर्म परिवर्तन कराकर अन्य लोगों को भी प्रेरित करने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिसमें आयशा उर्फ कृष्णा सहित अन्य लोग शामिल हैं ..इस शिकायत पत्र पर थाना प्रेमनगर पर मु0अ0सं0 126/25 धारा 3/5 उत्तराखण्ड धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अधिनियम 2018 बनाम आयशा उर्फ कृष्णा आदि पंजीकृत कराया गया..
परिवार से अलग रहने वाली बरेली निवासी युवती का धर्म परिवर्तन में ब्रेनवॉश कर कश्मीर बुलाया गया..
● देहरादून पुलिस के अनुसार अब तक की पूछताछ में पाया गया है कि, 28 वर्षीय पीडिता उर्फ सुमैया जो मूल रूप से बरेली की रहने वाली है.प्रारम्भ से ही केन्द्रीय विधालय में पढी है,और गणित में बीएससी की हुई है,और पढाई में कुशाग्र है.कालेज के दौरान एनसीसी में C सर्टिफिकेट प्राप्त है,और बहुत अच्छी पेंटर भी है. फाईन आर्टस में मास्टर डिग्री प्राप्त की है.उक्त पीडिता का अपने परिवारजनों से कुछ कारणवश तालमेल न होने के कारण बरेली की रहने वाली एक मुस्लिम युवती से दोस्ती हुई, जिसने इसका विश्वास जीतकर धीरे-धीरे इस्लाम धर्म के बारे में अच्छी-अच्छी बातें बताकर और मुस्लिम साहित्य उपलब्ध करवाकर इसका सम्पर्क कश्मीर की एक युवती से कराया,जिसने इसे कुरान की तालीम ZOOM APP के माध्यम से दी.कश्मीर के पुलवामा की रहने वाली कुरान की तालीम देने वाली उक्त युवती द्वारा इसे रमजान में कश्मीर भी बुलवाया गया, और इसे प्रभावित करते हुए इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया गया. इसी दौरान यह पीडिता कश्मीरी युवकों के सम्पर्क में भी सोशल मीडिया के माध्यम से आयी. इन सभी लोगों ने मिलकर इसे धर्मान्तरण के लिए प्रेरित किया. देहरादून पढाई के दौरान पीडिता के द्वारा अपनी बनाई पेंटिंग के प्रचार व बिक्री के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया,क्योंकि वह इस दौरान देहरादून में वाल पेटिंग के काफी काम भी कर रही थी.
● सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के दौरान व पूर्व में सम्पर्क में आये लोगों के द्वारा पीडिता को यह बताने पर कि जो लोग दूसरे धर्म से इस्लाम धर्म में आ जाते हैं, वह Reverted Muslim कहलाते हैं. और पूरे संसार में ऐसे लोग काफी संख्या में हैं, जिन्हे सोशल मीडिया में आसानी से ढूढा जा सकता है.कुछ लोगों के द्वारा सलाह दिये जाने पर पीडिता द्वारा Revert To Islam नाम के कई ग्रुप ज्वाईन किये जिनमें इसके सम्पर्क में पाकिस्तान, इजिप्ट, यू0के0 व अन्य मुस्लमि देशों के अलग-अलग लोग आये,जिन सबने मिलकर इसको इस्लाम के प्रचार में योगदान देने हेतु प्रेरित किया..
● पीडिता के द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उसने एक पाकिस्तानी एप्लीकेशन लूडो स्टार डाउनलोड किया और वह पाकिस्तानियों के साथ लूडो खेलने लगी. उसने यह भी बताया कि जब उन लोगों से मेरी चेट होने लगी और उन्हें लगने लगा कि मुझे इस्लाम में रूचि है तो वह मेरा स्वागत ग्रुप में बहुत गर्मजोशी और एक सेलीब्रेटी के रूप में करते थे,जिससे मुझे और अच्छा लगता था और इस्लाम धर्म के लिए के लिए मेरा झुकाव और ज्यादा बढ गया था.इसी दौरान पीडिता की बरेली की दोस्त ने वर्ष 2022 में इसे आनलाईन जूम पर कलमा पढाकर कहा कि अब तुम्हारा धर्मान्तरण हो चुका है,और तुम्हें अब मुस्लिम रीति रिवाज से ही आगे की जिन्दगी गुजारनी है.
● लूडो खेलने के दौरान पीडिता की पहचान पाकिस्तान के रहने वाले मौलवी तनवीर अहमद से हुई,जिसने पीडिता को निशुल्क कुरान पढाने का प्रस्ताव दिया.उक्त मौलवी आनलाईन कुरान की क्लाश कई लोगों को देता था जिनमें भारत से भी कई लोग जुडे थे. ऑनलाइन लूडो खेलने के दौरान ही पीडिता की दोस्ती तहसीन नाम के पाकिस्तानी से हुई जो दुबई में नौकरी करता था.तहसीन का एक दोस्त सुलेमान जो देहरादून का है,वह भी दुबई में ही नौकरी करता है.तहसीन के माध्यम से ही पीडिता की पहचान सुलेमान से हो गई..
● पीडिता कुरान पढाने वाले मौलवी तनवीर अहमद को कुरान पढने का शुल्क देना चाहती थी तो जब उसने इस सम्बन्ध में अपने पाकिस्तानी दोस्त तहसीन से सम्पर्क किया तो उसने सलाह दी कि अगर तुम सीधे मौलवी साहब के खाते में पैसे डालोगे तो शक के दायरे में आ जाओगे.भारत के ही कुछ अन्य लोग जो मौलवी साहब को पैसे भेजना चाहते हैं,उन्हें हम तुम्हारे खाते में डाल देंगे और तुम मेरे दोस्त सुलेमान के भारत के खाते में डाल देना. मैं दुबई में उनसे पैसे ले लूगा और मौलवी साहब तक पाकिस्तान पहुंचा दूंगा. पीडिता द्वारा उन लोगों की बातों में आकर ऐसा ट्राजेक्शन किया,जिसकी पुष्टि विवेचना में हो रही है..
● पीडिता उर्फ सुमैया को सम्पर्क में आने वाले कई लोगों के द्वारा इस्लाम से जुडने व इसकी अच्छाईयां बताकर अन्य लोगों को भी इस्लाम से जोडने के लिए समय-समय पर प्रेरित किया जाता रहा. चूंकि उत्तराखंड में सख्त धर्मांतरण कानून तथा यूसीसी लागू होने के कारण उनके द्वारा पकडे जाने के डर से पीडिता सुमैया को घर्मान्तरण/निकाह के लिए दिल्ली बुलवाया गया था। उक्त लोगों में से मुख्य लोगों में (1) पूर्व में हिन्दू धर्म से धर्मान्तरित होने वाले अब्दुल रहमान उर्फ महेन्द्र पाल सिंह पुत्र अनवर शेख उर्फ प्रेमपाल सिंह पता म0नं0 126, गलीनं0 6, भगतविहार, करावलनगर जो अपने पुत्रों (2) अब्दुल रहीम व (3) अब्दुल्ला के साथ मिलकर पीडिता का आधार कार्ड अपने दिल्ली के पते पर बदलवाकर पीडिता का कनवर्जन प्रमाण पत्र दिल्ली से प्राप्त करने की तैयारी कर रहा था.और अपने पुत्रों के साथ मिलकर नजदीकी आधार केन्द्र भेजकर पीडिता का पता बदलवा चुका था,वह पीडिता को देहरादून निवासी उसके हिन्दू मित्र को भी कन्वर्ट कराकर उसका निकाह कराने का प्रयास कर रहा था. साथ ही धार्मिक कट्टरता फैलाने वाला साहित्य उपलब्ध कराने व धर्मान्तरण हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भूमिका की पुष्टि हुई है . (4) पूर्व में हिन्दू धर्म से धर्मान्तरित होने वाले अब्दुर रहमान उर्फ रूपेन्द्र सिंह उर्फ प्रताप उर्फ शम्भू पुत्र स्व० बदन सिंह निवासी मो०हुकुमतपुर, शंकरपुर थाना सहसपुर जनपद देहरादून (रानीपोखरी की एक पीडिता उर्फ मरियम को घर से निकालने के लिए प्रलोभन देने व अन्य तरह से प्रोत्साहित करने की भूमिका) (5) पूर्व में हिन्दू धर्म से धर्मान्तरित होने वाली आयशा उर्फ कृष्णा पुत्री भजमन शाहू निवासी ओल्ड गोवा ( धार्मिक कट्टरता फैलाने वाला साहित्य उपलब्ध कराने व धर्मान्तरण हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भूमिका) फोरेन्सिक साइन्स में ग्रेजुएट (6). सुलेमान पुत्र अहमद कादरी निवासी कांवली देहरादून हाल निवासी दुबई ( धर्मान्तरण हेतु आर्थिक सहायता प्रोत्साहन के रूप में उपलब्ध कराने की भूमिका,और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अवैध रूप से धन भिजवाने का नेटवर्क बनवाने की भूमिका सामने आयी।
● देहरादून पुलिस टीम द्वारा जांच-विवेचना में पाया गया कि दोनों धर्मांतरण के मामलें एक ही गिरोह से जुडे हुए हैं,जिनके सम्बन्ध में कार्यवाही आगरा पुलिस द्वारा की जा रही है और आगरा पुलिस द्वारा धर्मान्तरण गिरोह से सम्बन्धित कुछ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.देहरादून पुलिस द्वारा आगरा जाकर स्थानीय पुलिस से सम्पर्क कर गिरफ्तार लोगों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई..
एसएसपी देहरादून अजय सिंह के अनुसार कि अब तक की विवेचना से प्रकाश में आये व पूर्व में ही आगरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों 1. अबु तालिब , 2. अब्दुल रहमान , 3. अब्दुल रहीम, 4. अब्दुल्ला 5. अब्दुर रहमान 6. आयशा उर्फ कृष्णा को न्यायालय से वारण्ट बी प्राप्त कर देहरादून लाया जायेगा.और उनके विरूद्द कडी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी.वही शेष अभियुक्त अयान व सुलेमान की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनाकर कार्यवाही की जा रही है..
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि” के तहत दून पुलिस द्वारा अपना धर्म व पहचान को छिपाकर महिलाओं को धोखा देने वाले व्यक्तियों को भी लगातार चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ सख़्त कार्रवाई कर रही हैं.इसके लिए बाकायदा एक विशेष टीम पुलिस की गठित की गई है, जो लगातार अपने तमाम सूचना तंत्र की मद्दत पर ऐसे लोगों को रडार पर रख कड़ी कार्रवाई में जुटी हैं..









