सहारनपुर व मुजफ्फरनगर जैसे जनपदों से देहरादून ज़िले में चारधाम और पर्यटन सीजन के दौरान होटल, रेस्टोरेंट,वेंडिंग पॉइंट सहित मिष्ठान केंद्रों में नकली मावा ,पनीर जैसे दुग्ध पदार्थों के 10 सैंपल उत्तराखंड के रुद्रपुर स्थित सरकारी प्रयोगशाला में जांच के दौरान पूरी तरह फेल पाए गए हैं.देहरादून खाद्य सुरक्षा विभाग (FDA) के मुताबिक पिछले दिनों सहारनपुर से देहरादून सप्लाई होने वाले दुग्ध सामग्रियों से बने पनीर व मावा की घटिया क्वालिटी को पकड़ते हुए 8 पनीर के और 2 मावा के सैंपलएकत्र कर रुद्रपुर स्थित खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए थे.लेब रिपोर्ट के अनुसार सभी सेंपलोंसिंथेटिक फैक्ट मिलावट कर बनाया पाया गया हैं. ऐसे में यह सेंपल न सिर्फ़ क्वालिटी सब स्टैंडर्ड में फेल हुए हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी पाए गए हैं. ऐसे में नकली मावा पनीर बेचने वाले आरोपित डेयरी संचालकों सहित यूपी सहारनपुर से सप्लाई करने वाले डेरी प्रोडक्ट ट्रांसपोर्ट के खिलाफ खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत वैधानिक कार्रवाई करते हुए धारा 46 के तहत नोटिस जारी कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
सिंथेटिक फैक्ट से बनाये गए पनीर- मावा को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घोषित किया गया: FDA
देहरादून खाद्य सुरक्षा विभाग के मुताबिक जो पनीर और मावे के 10 सैंपल गवर्नमेंट लैब रुद्रपुर में भेजें गए थे, उनकी जांच रिपोर्ट में पनीर के 8 नमूनों में न सिर्फ फॉरेन फैट ( मिल्क फैट के अतिरिक्त अन्य सिंथेटिक फैक्ट) से बनाया गया होना पाया गया हैं. बल्कि इन्हें सेवन के लिए असुरक्षित भी घोषित किया गया है.वही मावे के 2 सैंपल सब स्टैंडर्ड पाए गए हैं, जो मानक के अनुरूप नहीं है.
बता दें कि पिछले दिनों देहरादून एफडीए टीम ने यूपी सहारनपुर जैसे इलाकों से देहरादून डेयरियों में सप्लाई के आने वाले पनीर- मावा जैसे सामग्री की धरपकड़ कर 1200 कुंतल दुग्ध सामग्री को जेसीबी से नष्ट कराया था. वहीं पकड़े गए पनीर और मामा के 10 सैंपल रुद्रपुर स्थित सरकारी प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे. जहां सभी नमूने स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घोषित करते हुए फेल पाए गए हैं.
नकली पनीर मात्र 200 रुपये प्रति किलो में होती है डेयरी में सप्लाई: FDA
देहरादून FDA जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी के मुताबिक उत्तराखंड में पर्यटक सीजन के दौरान पनीर दूध आदि प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ जाती है. जिसके कारण यूपी के सहारनपुर जैसे क्षेत्रों से कुछ दुग्ध उत्पादक ट्रांसपोर्टरों में द्वारा प्राइवेट कार में नकली सामग्री उसे तैयार कर मात्र ₹200 किलो के हिसाब से पनीर देहरादून की डेयरियों में सप्लाई की जाती. जबकि लगभग 5 किलो दूध जिसकी अनुमानित कीमत ₹400 से अधिक है उसमें से बमुश्किल 1 किलोग्राम पनीर ही बनता है
नकली दुग्ध सामग्री खरीद मोटा मुनाफा कमाने का लालच, वेडिंग व्यापारियों पर भी कसेगा शिकंजा
FDA जिला अधिकारी पीसी जोशी के मुताबिक देहरादून में दूध का प्रोडक्शन बहुत कम है. शहर के कई डेयरी संचालक सही दुग्ध प्रोडक्ट विक्रय करना चाहते हैं.लेकिन कुछ घटिया मिल्क प्रोडक्ट बेचने वाले कम दामों में नकली दुग्ध सामग्रियों को खरीद कर ऊंचे दामों में विक्रय कर मोटा मुनाफा करना चाहते हैं.और कुछ रेस्टोरेंट डेरी वेडिंग पॉइंट भी शादी समारोह कार्यक्रम के लिए कम दाम का ही पनीर मावा जैसे सामग्री खरीदना चाहते हैं. एफडीए द्वारा ऐसे व्यापारियों की पहचान की जा रही हैं, आगामी दिनों में इन पर कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. पिछले एक महीने में देहरादून शहर की 40 डेयरी संचालकों की फूड सेफ्टी ट्रेनिंग के तहत फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया से ट्रेनिंग कार्यक्रम का भी प्रशिक्षण दिया गया था.
नक़ली दुग्ध सामग्रियों की सेम्पलिंग करने में इन जिला FDA अधिकारियों की रही भूमिका.
बता दें कि,गढ़वाल उपायुक्त की देखरेख में यह कार्यवाही में FDA देहरादून जिले की टीम जिसमें वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेन्द्र पाण्डेय,वरिष्ठखाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेशसिह ,वरिष्ठ खाद्यसुरक्षा धिकारी संजय तिवारी एवं मंजू रावत ने सैम्पलिग एवं पनीर विनष्टीकरण की कार्यवाही को अंजाम दिया था।