उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के घर डोईवाला में हुई डकैती मामले में बदमाशों को वारदात के लिए महत्वपूर्ण मदद देने वाले अभियुक्त शमीम की जमानत देहरादून कोर्ट ने खारिज कर दी हैं. चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलील में माना कि अभियुक्त शमीम ने डकैती के समय घटनास्थल मकान के बाहर रहकर निगरानी करने साथ घटना कारित करने वालों को मोटरसाइकिल मुहैया कराने जैसे अपराध सहयोग में शामिल था. इतना ही नहीं शमीम के कब्जे से डकैती में लूटी गई रकम का कुछ हिस्सा भी बरामद हुआ है.. सरकारी अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने कोर्ट में दलील दी कि जमानत मिलने पर अभियुक्त सबूतों को प्रभावित करने और उसके फरार होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता.लिहाजा अभियुक्त जमानत याचिका को खारिज किया जाए..कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता की दलील को स्वीकार करते हुए डकैतों को मदद करने वाले मुख्य सहयोगी अभियुक्त शमीम की जमानत को निरस्त कर दिया.
बंदूक की नोक पर हुई थी दिनदहाड़े लाखों की डकैती
बता दें कि 15 अक्टूबर 2022 को दिनदहाड़े डोईवाला क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई शिशपाल अग्रवाल के घर हथियारबंद बदमाशों द्वारा घुसपैठ कर परिवार को बंधक बना बंदूक की नोक पर लाखों के कीमती जेवर और लाखों की नगद लूट डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था. इस मामले में आरोप हैं कि अभियुक्त शमीम ने वारदात घटनास्थल मकान के बाहर निगरानी करने बदमाशों को मोटरसाइकिल मुहैया कराने जैसे तमाम सहयोग दिया था.. इस मामले में देहरादून पुलिस ने डकैती की घटना को अंजाम देने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई पेशेवर बदमाश डकैतों को गिरफ्तार सलाखों के पीछे भेजा है.