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देहरादून एसएसपी अजय सिंह की सटीक रणनीति बनते ही ‘व्हाइट कॉलर क्रिमिनल्स’ (सफेदपोश अपराध) खिलाफ प्रभावी शिकंजा कसता शुरू हो गया हैं..बिल्डर बनकर फ्लैट- अपार्टमेंट बेचने के नाम निवेशकों से करोडों रुपये धोखाधड़ी करने वाले एक शातिर फ़रार गैंग को दून पुलिस की विशेष टीम ने पंजाब से धरदबोचा हैं…आशियाना खरीदने का सपना देखने वाले तमाम ग्राहकों और प्रोजेक्ट निर्माण में बैंक लोन का करोड़ों रुपये हड़पने वाला ये गिरोह पंजाब का रहने वाला हैं.पुलिस शिकंजे में आये इस गैंग में दो महिला सहित 04 शातिर अभियुक्तों को पंजाब के रूप नगर से 1अक्टूबर 2023 की देर रात में गिरफ्तार किया गया.दून एसएसपी अजय सिंह के अनुसार एस.ए.बिल्डटेक कम्पनी के वो लोग जिन्होंने राजपुर मालसी में ‘आर्टिगो अपार्टमेंट‘ जैसे बड़े-बड़े फ्लैट प्रोजेक्ट के नाम धोखाधड़ी की हैं. इस गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर सहित देहरादून के अलग-अलग थानों में दर्जभर से अधिक मुकदमें दर्ज हैं..
व्हाइट कालर क्रिमिनल कितने भी शातिर क्यों न हों दून पुलिस की गिरफ्त से दूर नहीं हैं. गिरफ्तारी सुनिश्चित करते हुए उनकी अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति को जब्त किया जायेगा: एसएसपी देहरादून.
जानकारी के मुताबिक फ्लैट-अपार्टमेंट बेचने के नाम फाइनेंशियल फ्रॉड करने वाला ये गिरोह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था. यही कारण था कि पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद काफी समय तक ये गैंग पुलिस की पकड़ से फरार रहा.लेकिन इस बीच हाल के दिनों में देहरादून एसएसपी अजय सिंह द्वारा खुद मॉनिटरिंग कर एक विशेष टीम का गठन कर व्हाइट कॉलर क्रिमिनल्स के खिलाफ सटीक रणनीति बनाई गई.इसी का नतीजा रहा कि पुलिस को चकमा देकर फ़रार चल रहे इस शातिर गिरोह की धरपकड़ में सफलता मिली.
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गिरफ्तार अभियुक्त
1- प्रेम दत्त शर्मा पुत्र स्व- यज्ञ दत्त शर्मा,निवासी ग्राम तखतगढ़,थाना नूरपुर बेदी,जिला रूपनगर, पंजाब..
2- सुनीता शर्मा पत्नी प्रेम दत्त शर्मा निवासी उपरोक्त
3- अरुण सेगन पुत्र विजय सैगन निवासी उपरोक्त
4- आराधना शर्मा पत्नी अरुण सेगन निवासी उपरोक्त
राजपुर-मालसी में “आर्टिगो रेजीडेंसी” आवासीय फ्लैट की आड़ में धोखाधड़ी.. 07 मुकदमे दर्ज..
थाना राजपुर प्रभारी जितेन्द्र चौहान के अनुसार थाना राजपुर में उत्तर-प्रदेश गिरोहबंद समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत एक फाइनेंशियल फ़्रॉड का मुकदमा दर्ज किया गया था.इस मुकदमें आरोपित एस.ए.बिल्डटेक कम्पनी के फाउंडर प्रेमदत्त शर्मा द्वारा अपने अन्य सहयोगियों सुनीता शर्मा, अराधना शर्मा,अरूण सेगन और गौरव आहूजा के साथ मिलकर एक सुनियोजित आपराधिक षडयंत्र के तहत राजपुर क्षेत्र के मालसी में आर्टिगो रेजीडेंसी के नाम से बहुमंजिला आवासीय परिसर में फ्लैट विक्रय करने के नाम पर काफ़ी लोगों से करोडों रूपये निवेश करवाया गया.इसके बाद न तो निवेशकों को कभी फ्लैट का कब्जा दिया गया और न ही उसकी रजिस्ट्री की गई.. इतना ही नहीं आरोपित व्यक्तियों द्वारा एक संगठित गिरोह के रूप में कार्य करते हुए धोखाधडी से आपराधिक षडयंत्र रचकर निवेशकों की धनराशि को भी हडप लिया गया..थाना राजपुर में इस सम्बंध को लेकर पहले से ही अभियुक्तों के खिलाफ धोखाधडी के 07 मुकदमें पंजीकृत हैं..
SBI बैंक से ग्राहकों के फ्लैट अप्रूवल लोन की धनराशि भी हड़पी गई..
थाना कोतवाली नगर (शहर)में भारतीय स्टेट बैंक शाखा न्यू कैण्ट रोड के अधिकृत अधिवक्ता विजय भूषण पाण्डे द्वारा भी इस गिरोह के खिलाफ भी फाइनेंशियल फ्रॉड के मुकदमें दर्ज कराए गए हैं.. दर्ज मुकदमों के अनुसार आरोप हैं कि एस.ए. बिल्डटेक के साझेदार प्रेमदत्त शर्मा,सुनीता शर्मा,विजय लवाई,अराधना शर्मा व अन्य के द्वारा वर्ष 2013 में रायपुर क्षेत्र में ‘लवाई अपार्टमेंट’ के नाम पर प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही गई.इस प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग लोगों को फ्लैट देने के एवज में भवन निर्माता द्वारा एसबीआई बैंक से एक त्रिपक्षीय अनुबंध पत्र सम्पादित करते हुए 04 अलग-अलग खरीददारों के नाम से बैंक लोन एप्रुवड कराकर पूरी धनराशि को अपने खातों में प्राप्त की गई.इन फ्लैटों के विक्रय पत्र किसी अन्य के नाम पर सम्पादित करते हुए बैंक की कुल 01 करोड़ बीस लाख पचास हजार रू.की धनराशि हडप लेने के सम्बन्ध में 04 अलग-अलग मुकदमें पंजीकृत कराये गये.
2014 में ‘आर्टिगो अपार्टमेंट के नाम पर भी धोखाधड़ी: पुलिस
पुलिस जांच-पड़ताल के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा स्वयं को आईसीआईसीआई बैंक से एप्रूवड बताकर थाना राजपुर क्षेत्र में वर्ष 2014 में ‘आर्टिगो अपार्टमेंट’ के नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया.इसमें काफ़ी लोगों से इस प्रोजेक्ट में निवेश करने की एवज में उन्हें फ्लैट उपलब्ध कराने से सम्बन्धित एग्रीमेंट किये गये.साथ ही आईसीआईसीआई बैंक के माध्यम से इन लोगों के नाम पर फ्लैट के एवज में लोन पास करवाते हुए पूरी धनराशि को अपने खातों में प्राप्त किया गया.जबकि फ्लैट खरीदने वाले निवेशकों को न तो फ्लैट उपलब्ध कराये गये और न ही रजिस्ट्री सम्बन्धित कोई भी कागजात दिये गये..इसके अतितिक्त ‘अर्टिगो रेजिडेंसी’ की जमीन के स्वामी द्वारा भी आरोप लगाया गया कि अभियुक्तों द्वारा उनके साथ एक जॉइंट MOU बनाया गया था. जिसमें वादी द्वारा अपनी जमीन अर्टिगो रेजिडेंसी प्रोजेक्ट बनाने के लिए दी गई थी.इसमें कंस्ट्रक्शन अभियुक्तगणों को करना था.और इस प्रोजेक्ट में दोनों पक्ष 50-50% के पार्टनर थे. लेकिन अभियुक्त द्वारा सारे फ्लैट स्वयं बेच दिए गए और वादी (जमीन स्वामी)को उसके पैसे नहीं दिए. इस धोखाधड़ी ले सम्बन्ध में भी अभियुक्त गणों के विरूद्ध थाना राजपुर में धोखाधडी के 07 अलग-अलग मुकदमें पंजीकृत किये गये..
अपराध करने का तरीका:
देहरादून पुलिस के अनुसार पंजाब से गिरफ्तार किये गए गिरोह के लोगों द्वारा पहले स्वंय की एक कम्पनी बनाकर जनपद देहरादून में अलग-अलग स्थानों पर प्रोजेक्ट शुरू किये जाते थे…इसके बाद प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को विश्वास में लेने के लिये अपने प्रोजेक्ट को अधिकृत बैंक से एप्रूवड बताया जाता था..इसके उपरांत लोगों से प्रोजेक्ट में निवेश करने व फ्लैट लेने के एवज में उनसे अग्रिम धनराशि प्राप्त की जाती थी. वही सम्बन्धित बैंक से इन फ्लैटो के एवज में खरीददारों व निवेशकों के नाम पर बैंक लोन को अपने खातों में प्राप्त किया जाता था. इसके बाद अभियुक्तों द्वारा उन फ्लैटों का विक्रय पत्र किसी अन्य के नाम पर सम्पादित कर सम्बन्धित खरीददार व बैंक का पैसा हडप लिया जाता था.