अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े पर SIT की जांच शुरू..पहली बैठक में बनी कार्रवाई योजना..घोटाले की परिधि में आये 5 जिलों के अधिकारियों से 3 दिन में रिपोर्ट तलब..

जांच रिपोर्ट के आधार पर सुनिश्चित होगी आगे की कार्रवाई: मुख्यमंत्री..

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अल्पसंख्यक छात्रवृति में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू हो गई है.बता दें कि शासन ने इस विशेष मामलें में IG डॉ निलेश आनंद भरणे को SIT जांच का प्रमुख बनाया है. इसी क्रम में IG भरणे  की अध्यक्षता में उक्त जांच दल की पहली बैठक हुई,जिसमें अल्प संख्यक विभाग के अधिकारियों के अलावा संस्थाओं की जांच परिधि में आने वाले जिलों के प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे.बैठक में घोटाले की परिधि में 5 जिलों के अधिकारियों से 3 दिन में रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

गौरतलब है अल्पसंख्यक वजीफे मामलें की जानकारी केंद्र सरकार के अधिकारियों के द्वारा उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को दी गई. केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार उनके विभाग में छात्रवृति के लिए 92 संस्थाओं के द्वारा दस्तावेज दर्ज किए गए थे,ये संस्थाएं राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल पर अपने आप को पंजीकृत कराती है, और छात्रवृति सीधे बेनफिशिल के बैंक खातों में आती है.इनमें से 17 संस्थाओं की भूमिका संदेह के घेरे में पाए जाने पर केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार को सूचित करते हुए इनके सत्यापन किए जाने का पत्राचार किया गया था. जानकारी के अनुसार इसमें खास बात ये है कि इन 17 में से उधम सिंह नगर जिले में किच्छा के सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल का भी जिक्र किया गया हैं,बताया जा रहा हैं इस स्कूल को विशेष के दो व्यक्तियों द्वारा संचालित किया जाता हैं,हालांकि जांच में इस नाम का कोई विद्यालय वहां नहीं मिला,जो सरस्वती शिशु मंदिर वहां है वो माध्यमिक विद्यालय है और विद्याभारती द्वारा संचालित है..

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ऐसे ही रुद्रप्रयाग के वासुकेदार संस्कृत महाविद्यालय का जिक्र किया गया,जिसे विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा संचालन होना बताया गया है. उधम सिंह नगर में ही 796 बच्चों में से 456 फर्जी निकलने की खबर संज्ञान में आई है.रुद्रप्रयाग में जिस संस्कृत महाविद्यालय की खबर जानकारी में आई है,वहां बंगाल के 24 परगना जिले की रहने वाली छात्राओं के दस्तावेज यहां से दर्ज किए गए है.ऐसे ही कुछ मामलों को लेकर 92 संस्थाओं को संदेह के घेरे में लिया गया है,जिनमें से 17 के खिलाफ जांच में घपला पहली नजर में दिखलाई देता है. ऐसे ही नैनीताल के नवीन शिशु जूनियर हाई स्कूल और प्रतिभा विकास जूनियर हाई स्कूल का नाम भी प्रकाश में आया है. वही रुड़की के संस्कृति पब्लिक स्कूल के 85 छात्रों के नाम भी संदेह के घेरे में है..जानकारी के अनुसार ज्यादातर विद्यालय एक विशेष समुदाय के व्यक्तियों द्वारा संचालित फर्जी संस्थाएं बताई जा रही है, जहां फर्जी दस्तावेजों आधार कार्ड को पोर्टल पर दर्ज करवा कर वजीफों की रकम डकार ली गई है. 

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इन मामलों में स्थानीय अल्पसंख्यक या समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की क्या भूमिका रही है? इसकी भी जांच अब की जा रही है.क्योंकि ये जांच पड़ताल पिछले कई महीनों से लटकी हुई है, इस बारे में केंद्र सरकार ने 7 बिंदुओं पर जांच करने तथा फर्जी मामलों की पहचान कर उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने को कहा गया है.इसी क्रम में नैनीताल जिले में दो  FIR भी बीते 13 जून को दर्ज कराई गई है..

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जांच रिपोर्ट के आधार पर सुनिश्चित होगी आगे की कार्रवाई..

उत्तराखंड मुख्यमंत्री ने कहा कि शिशुमंदिर जैसी सनातनी संस्थाओं के नाम पर अल्पसंख्यक छात्रवृत्तियां लेने के मामला संज्ञान में आने के बाद हमारी सरकार ने इस फर्जीवाड़े की गहनता से जांच के लिए एक विशेष SIT गठित की है.इस जांच को लेकर SIT के IG और उनके साथ कई विभागों के अधिकारी संयुक्त रूप से इसकी जांच कर सरकार को इस छात्रवृति मामलें की रिपोर्ट देंगे जिसके बाद आगे की आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी..

परमजीत सिंह लाम्बा

संपादक - ख़बर सनसनी PH-7454913200,7906640014

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