देहरादून: उत्तराखंड STF ने एक ऐसे राष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश कर दिल्ली NCR से 05 साइबर अपराधियों के गिरफ्तार किया है जो,कारगिल शहीदों के परिवारों वालों को अतिरिक्त पेंशन और अन्य आर्थिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर लाखों करोड़ों की ठगी को अंजाम देते थे..पकड़ा गया गैंग खुद को रक्षा मंत्रालय के अधिकारी बताकर देशभर में शहीदों के परिवारों और पेंशनर असफरों को तरह-तरह का सरकारी प्रलोभन व स्पेशल ग्रांट दिलवाने के नाम पर ठगी का जाल बिछाते थे. एसटीएफ के अनुसार पकड़े गए गिरोह द्वारा देहरादून के गुमानिवाला गांव स्थित कारगिल शहीद कैप्टन के परिवार को पेंशन के अतिरिक्त अन्य आर्थिक लाभ देने का लालच देकर फ़ाइल प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 45 लाख रुपए की ठगी की.. एसटीएफ ने एक सप्ताह पहले शिकायतकर्ता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया.और फिर उसके बाद दिल्ली लक्ष्मी नगर स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर से संचालित होने वाले साइबर गिरोह का पर्दाफाश कर धोखाधड़ी करने वाले पांच साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया हैं. गैंग के कब्जे से 18 मोबाइल लैपटॉप 42 सिम कार्ड,42 डेबिट कार्ड,फर्जी पहचान पत्र आधार कार्ड पैन कार्ड और एक 1 लाख 07 से अधिक की धनराशि बरामद की है.. एसटीएफ ने अभियुक्त के बैंक अकाउंट फ़्रिज किए हैं. इसके साथ ही STF अब गिरोह द्वारा देश भर में ठगे गए लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर आगे की कार्रवाई में जुटी हैं.
इंश्योरेंस कंपनी कॉल सेंटर में नौकरी के दौरान आया ठगी का आइडिया
एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों द्वारा विगत 6 माह से दिल्ली एनसीआर में फर्जी कॉल सेंटर चलकर शहीदों के परिजनों एवं रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिकों को ठगी के लिए टारगेट करते थे..गिरफ्त में आये अभियुक्त 2016 में एक इंश्योरेंस कंपनी के कॉल सेंटर में नौकरी करते थे,जहां से उन्होंने देशभर में ग्राहकों को ठगने की योजना बनाई,और फिर दिल्ली NCR में अपना फ़र्ज़ी कॉल सेंटर बनाकर ठगी का गोरखधंधा शुरू किया.
गूगल सर्च इंजन के जरिये शहीदों और पेंशनरों की जानकारी एकत्र
एसटीएफ की जांच पड़ता ने पता चला कि गिरफ्तार साइबर अपराधी गूगल सर्च इंजन से देश भर में शहीद परिवारों और पेंशनरों की जानकारी एकत्र कर रक्षा मंत्रालय व सैनिक कल्याण बोर्ड अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बताकर शहीद परिवारों को मिलने वाले ग्रांट के नाम पर धोखाधड़ी करते थे..