उत्तराखंड Cyber Police को बड़ी सफ़लता: दुबई स्थित फर्जी शेल कंपनियों के जरिए 18 करोड़ के घोटालें का पर्दाफाश..शातिर साइबर क्रिमिनल पंजाब से गिरफ्तार..देशभर में 392 शिकायतें दर्ज..18 राज्यों की पुलिस कर रही थी अभियुक्त की तलाश..

देहरादून: दुबई स्थित फर्जी शेल कंपनियों के जरिए भारत भर में करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले एक शातिर क्रिमिनल को उत्तराखंड एसटीएफ/साइबर क्राइम पुलिस ने पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार किया है.प्रारंभिक जांच पड़ताल P2P क्रिप्टो ट्रेडिंग घोटालें में गिरफ्तार अभियुक्त हरमीत सिंह बेदी पुत्र बलजीत सिंह बेदी गिरोह द्वारा देशभर में 18 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. पी2पी क्रिप्टो ट्रेडिंग घोटालें से जुड़े साईबर क्राइम अभियुक्त हरमीत सिंह के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में संदिग्ध आरोपी बनकर 392 फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड के मामलें दर्ज हैं..उत्तराखंड साईबर पुलिस की गिरफ्त में आये हाईटेक साइबर क्रिमिनल हरमीत सिंह बेदी की तलाश देशभर 18 राज्यों की पुलिस कर रही थी.. लेकिन इसी बीच देहरादून साइबर क्राइम पुलिस टीम ने तकनीकी पुलिसिंग कर लंबी मशक्कत के उपरांत भारत भर में  यूट्यूब वीडियो को लाईक व सबस्क्राइब कर जल्दी पैसे कमाने का लालच देकर ठगी करने वाले बड़े गिरोह के सदस्य हरमीत सिंह को गिरफ्तार किया..

एक और राष्ट्रीय घोटाला का खुलासा?

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक इस मामले के प्रारंभिक जांच-पड़ताल विश्लेषण में न्यूनतम 18 करोड़ का घोटाला सामने आया है..हालांकि अभी कितने बड़े पैमाने में ये आगे घोटाला बढ़ा इसकी जानकारी अन्य राज्यों की साइबर पुलिस के साथ सामंजस्य से पता चल पाएगा..क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण यह हैं कि गिरफ्तार आरोपी हरमीत सिंह बेदी को आंध्र प्रदेश,असम,बिहार,दिल्ली,कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हिमाचल, केरल, ओडिशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, हरियाणा व छत्तीसगढ़ जैसे 18 राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी..

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गिरफ्तार अभियुक्त नाम-पता 

1- हरमीत सिंह बेदी पुत्र बलजीत सिंह बेदी (उम्र-33 वर्ष)

निवासी म.नं. 1855, सैक्टर 32A, चण्डीगढ़ रोड थाना डिविजन नं- 07, लुधियाना,पंजाब..  

जॉब ऑफर और लिंक भेजकर टेलीग्राम ग्रुप में जोडकर धोखाधड़ी का खेल..

देहरादून साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ.जिसमें अज्ञात व्यक्तियों द्वारा शिकायतकर्ता सन्नी जैन से व्हाट्सएप के माध्यम से सम्पर्क कर स्वंय को कैरियर बिल्डर कम्पनी के HR होना बताकर प्रतिदिन 3-8 हजार रुपये कमाने का प्रलोभन दिया गया.इसके बाद एक जॉब ऑफर कर 02 लिंक भेजकर टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाकर अपने टेलीग्राम ग्रुप में जोडकर शिकायत कर्ता (वादी) का मोबाईल हैक लिया गया.इसके उपरांत बीते 25 जून 2023 को वादी के फोन पर पहले 30 हजार रुपये कटने का टैक्सट मैसेज आया.और फ़िर पता करने पर वादी के खाते से एकाएक अज्ञात व्यक्ति द्वारा 25 जून 2023 को ही अलग-अलग ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल 14,18,127/- रु-  धोखाधडी कर हड़प लिए गए.. मामले की गंभीरता को देखते हुए तहरीर के आधार पर देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तत्काल अज्ञात के खिलाफ धारा 420 आईपीसी और 66D आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की गई..

  यू-ट्यूब वीडियो लाईक सब्स्क्राईब कर लाभ कमाने के नाम पर धोखाधडी की..

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देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने इस मुकदमे में अज्ञात अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही की दिशा में घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर और साइबर क्रिमिनलों द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो पता चला कि शातिर अभियुक्तों ने शिकायतकर्ता से यू-ट्यूब वीडियो लाईक सब्स्क्राईब कर लाभ कमाने के नाम पर धोखाधडी की..ऐसे में जब विस्तृत तकनीकी जांच की गई तो पता चला संदिग्ध साइबर अभियुक्त लुधियाना (पंजाब) में बैठ साइबर ठगी का गोरखधंधा चला रहा हैं.लोकेशन एरिया ट्रेक होते ही देहरादून साइबर पुलिस टीम लुधियाना के सम्बन्धित स्थानों में पहुँच गई..पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से साक्ष्य एकत्रित करते हुये देशभर में साइबर ठगी गिरोह के क्रिमिनल हरमीत सिंह बेदी पुत्र बलजीत सिंह बेदी को  म.नं. 1855, सैक्टर 32A, चण्डीगढ़ रोड थाना डिविजन नं- 07, लुधियाना (पंजाब) से गिरफ्तार किया गया.. अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त 03 मोबाईल फोन मय सिम कार्ड, 01अदद मैक बुक एयर,1 यस बैंक का चैक व एक मोहर बरामद किये गये हैं..

अपराध का तरीका

देहरादून साइबर पुलिस डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा के मुताबिक अभियुक्त द्वारा नामी गिरामी कम्पनियों की फर्जी वैबसाईट बनाकर आम जनता से व्हाट्सएप / ई-मेल / दूरभाष व अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क कर स्वयं को विभिन्न नामी-गिरामी कम्पनियों के एचआर / कर्मचारी बताया जाता हैं. इसके बाद  जाल में फंसने वाले लोगों को प्रतिदिन 3-8 हजार रुपये कमाने का प्रलोभन देकर जॉब ऑफर कर लिंक भेजकर टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाकर अपने टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा जाता हैं..तत्पशचात अलग-अलग यू-ट्यूब वीडियो लाईक एवं सब्स्क्राईब करने के टास्क दिया जाता है.. इसके उपरांत धनराशि निवेश करा अधिक लाभ कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी से अलग-अलग तरह से लेन-देन के माध्यम से धनराशि प्राप्त की जाती हैं..फ़िर इसके बाद धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को कई बैक खातों से ट्रांजैक्शन उठा रक़म हड़प ली जाती हैं. 

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 फर्जी अकाउंट के जरिए पी2पी Crypto ट्रेडिंग में भी विवादित पैसा लगाने का धंधा..

डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा के अनुसार इस साइबर क्राइम में फर्जी सिम,आईडी कार्ड व फर्जी खातों का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है.. टेलीग्राम चैनल का संचालन दुबई से किया जा रहा है..ऐसे में गिरफ्तार आरोपी ने कबूला कि वह पहले लोगों से दोस्ती करता था और फिर फर्जी अकाउंट खोलता था.इसके बाद पी2पी Crypto ट्रेडिंग में विवादित पैसा भी लगाया करता था.

क्यों एक P2P क्रिप्टो ट्रेडिंग से सावधान रहना है?

देहरादून साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार – एक व्यक्ति को नहीं पता कि क्रिप्टो किससे खरीदा गया था और किससे उसने क्रिप्टो को आगे बेचा.अक्सर, अपराधी धोखाधड़ी के पैसे से खरीदे गए क्रिप्टो को उन लोगों को बेचते हैं जो आगे किसी और को बेचते हैं..ऐसे में इस बेनाम धोखाधड़ी से बचना जरूरी है.

खबर सनसनी डेस्क

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