उत्तराखंड पुलिस विभाग में जवानों की व्यक्तिगत और पारिवारिक वेलफेयर जैसे समस्याओं के लिए गठित किए गए पुलिस जन समाधान समिति द्वारा अब तक 28 की शिकायतों और समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है पुलिस मुख्यालय द्वारा 1 दिसंबर 2020 को गठित की गई पुलिस जन समाधान समिति में अब तक 3533 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 2882 से निस्तारण कमेटी द्वारा किया गया हैं. जबकि अन्य शिकायतों का प्रकरण जिले स्तर पर लंबित चल रही है जिसके लिए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा संबंधित अधिकारियों को शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं.पुलिस मुख्यालय के अनुसार जिन प्रकरणों का पुलिस जन समिति द्वारा निस्तारण किया गया हैं. उनकी जानकारी संबंधित पुलिस कर्मियों के मोबाइल व्हाट्सएप नंबर पर प्रेषित की जा चुकी है.
पत्राचार को छोड़ एक मोबाइल व्हाट्सएप नंबर पर शिकायतें व समस्याओं को देने का प्रावधान
बता दें कि राज्य में सेवारत पुलिसकर्मियों के Happiness Quotent एवं कल्याण कार्यो को ध्यान में रखते हुए विभागीय और व्यक्तिगत समस्याओं का पारदर्शी तरीके सिंगल विंडो तर्ज पर निस्तारण करने के लिए बीते 1 दिसम्बर, 2020 को DGP अशोक कुमार की पहल पर पुलिस जन समाधान समिति (Police Personnel Grievance Redressal Committee) (PPGRC) का गठन किया गया था. इस समिति में कोई भी पुलिस कर्मी अपनी तैनाती वाले स्थान से अपना प्रार्थनापत्र व्हाट्सएप नम्बर 9411112780 पर सीधे भेज सकते हैं.
पुलिस जन समाधान समिति में SOP सहित एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के अनुसार पुलिस जन समाधान समिति को प्राप्त शिकायतों के निस्तारण कार्यवाही में एकरूपता लाने के दृष्टिगत बकायदा एक एसओपी निर्गत की गयी है. जिन प्रकरणों में जनपद, परिक्षेत्र या इकाई स्तर पर निर्णय लिया जाना है.उन्हें सम्बन्धित अधिकारी को कार्यवाही के लिए भेजा जाता है.वही जिन विषयों में पुलिस मुख्यालय से कार्यवाही अपेक्षित होती है, उनमें PHQ गठित समिति द्वारा निर्णय लिया जाता है.इतना ही नहीं प्रत्येक शिकायत या समस्या के त्वरित निस्तारण के लिए कुमाऊँ और गढ़वाल परिक्षेत्र सहित जनपद और इकाई स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी को भी नियुक्त किया गया है.ताकि पुलिस जन समाधान के लिए गठित की गई समिति में मोबाइल नम्बर (9411112780)आने वाले शिकायतों और समस्याओं का समाधान किया जाए. वही पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित समिति द्वारा समस्याओं के निस्तारण और कार्यवाही की समीक्षा स्वयं पुलिस महानिदेशक स्तर पर मासिक रूप में की जाती है .