यू ही नही कहा जाता,अगर हौसले बुलंद तो तो ,कोई काम मुश्किल नही होता,बस जरूरत होती है खुद पर विश्वास की ,जी ऐसा हम इस लिए कह रहे है कि की जो कमाल उत्तराखंड sdrf के जवानों ने कर दिखाया वो शायद कोई आसान काम नही था । 22889फ़ीट की ऊँचाई ओर बेहद दुर्गम रास्ता ,साथ ही रास्तो में कई बाधाये, उनको पार कर sdrf उत्तराखंड की 17 सदस्य दल जो कर दिखाया वो सच मे काबिले तारीफ है ,जवानों के इस साहस और जस्बे को हमारा सलाम,
पर्वतारोहण मात्र एक अभियान नहीं, बल्कि यह प्राणपोषक, पुरस्कृत और जीवन बदलने वाला अनुभव हो सकता है। इस रोमांचित सफर में दृढ़ता व धैर्य होना जरूरी है । ऊँचाई पर असहनीय ठंड, ऑक्सीजन की कमी, हिमस्खलन का खतरा जैसी कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जिससे पार पाने के लिये शारिरिक और मानसिक दृढ़ता जरूरी है।
एस. डी. आर. एफ द्वारा इस अभियान के माध्यम से एक नया कीर्तिमान रचा गया है। यह उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में पहली बार है कि पर्वतारोहण के ऐसे जोखिमभरे अभियान की कमान एक महिला ,इंस्पेक्टर अनिता गैरोला द्वारा सम्भाली गयी।इसके अतिरिक्त 11 सदस्यीय,SDRF की जिस पर्वतारोहण टीम ने गंगोत्री-I को समिट किया , उनमे महिला आरक्षी प्रीति मल्ल भी शामिल रही, जिन्होंने किसी भी पीक को समिट करने वाली प्रथम महिला कर्मी होने का गौरव हासिल किया है। उत्तराखण्ड पुलिस का महिला सशक्तीकरण का अनूठा उदाहरण देता एस. डी.आर. एफ का यह अभियान निश्चित रूप में प्रदेश की सभी नारी शक्ति में साहस एवं नई ऊर्जा का संचार करेगा।
पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड अशोक कुमार, पुलिस महानिरीक्षक, SDRF पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक SDRF श्रिधिम अग्रवाल, सेनानायक SDRF नवनीत सिंह सहित उच्चाधिकारियों द्वारा टीम को हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दी।