देहरादून: रायपुर पुलिस ने एक ऐसे शातिर शराब तस्कर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डिफेंस सप्लाई का स्टिकर लगाकर नकली शराब का कारोबार लंबे समय से संचालित कर रहे थे..पुलिस ने इस गोरखधंधे में लिप्त एक पूर्व फौजी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. हालांकि अभी इस मामले में देहरादून के आराघर स्थित डिफेंस कैंटीन डिपो के पूर्व हेड कर्मचारी सहित दो लोग फरार चल रहे हैं, जिनकी पुलिस तलाश जारी हैं.बताया जा रहा है कि डिफेंस कैंटीन डिपो के पूर्व हेड ऑफिसर की मिलीभगत से ही चंडीगढ़ व हरियाणा मार्का की नकली शराब डिफेंस सप्लाई बताकर बेचने का ये गोरखधंधा उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक चलाया जा रहा था.. पुलिस की गिरफ्त में आया रिटायर्ड फौजी जितेंद्र सिंह रावत रायपुर के बालावाला इलाके का रहने वाला है. जबकि उसके साथ गिरफ्तार दो अन्य साथी भी रायपुर क्षेत्र के भरतू चौक (दौनाली) इलाके के रहने वाले हैं.पुलिस ने गिरफ्तार तस्करों की निशानदेही पर शिमला बाईपास रोड स्थित पित्थूवाला एकता विहार गोदाम से 28 पेटी नकली शराब बरामद की है.फिलहाल पुलिस फरार CSD डिपो के पूर्व कर्मी सहित 02 आरोपियों की तलाश कर पूरे नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाकर आगे की कार्रवाई में जुटी है..
सैकड़ों की तादाद में डिफेंस स्टीकर वाले डिब्बे बरामद
पुलिस खुलासे के अनुसार आराघर स्थित डिफेंस कैंटीन डिपो का पूर्व हेड ऑफिसर ही गिरोह के सदस्यों को दिल्ली से तैयार होकर आने वाले शराब के वो खाली डिब्बे उपलब्ध कराता था.जिसमें डिफेंस सप्लाई का स्टीकर लगा होता था. गिरोह के लोग इन्हीं डिब्बों में हरियाणा व चंडीगढ़ की नकली शराब पैकिंग कर सप्लाई करते थे.पुलिस ने गिरफ्तार तस्करों के कब्जे से सैकड़ो की तादात में रॉयल स्टैग,ऑफिसर चॉइस और मैक्कडावल्स ब्रांड जैसे डिफेंस स्टीकर वाले डिब्बे भी बरामद किये हैं.
डिफेंस की शराब डिमांड होने के कारण अच्छे दामों में बिक्री:पुलिस
एसपी क्राइम मिथलेश कुमार ने बताया है की आरोपियों ने भरतू चौक बालावाला में किराये का मकान ले रखा है.गिरफ्तार प्रवीण पहले सीएसडी कैन्टीन आराघर पर काम करता था.जहाँ उसकी मुलाकात एक अन्य व्यक्ति से हुई थी, जो उस समय सीएसडी कैन्टीन आराघर में हेड था. उसी के साथ मिलकर ही बाहरी राज्यों से शराब लाकर उसमें डिफेंस का फर्जी स्टीकर का लेवल लगाकर लोगों को बेचने का धंधा चल रहा था.इस काम में पांच लोगों का गिरोह है, जिसमें प्रवीण,अश्विनी,पूर्व सीएसडी कैन्टीन हैड व दो अन्य व्यक्ति शामिल है.यह सब मिलकर चण्डीगढ़, हरियाणा एंव दिल्ली से सस्ती नकली शराब लाकर उत्तराखण्ड में बेचने का काम करते है. सीएसडी कैन्टीन पूर्व हैड कर्मी ही डिफेंस का फर्जी स्टीकर उपलब्ध करवाता था.इसके बाद एकता एन्क्लेव पित्थुवाला के गोदाम में शराब की बोतलो के ऊपर फर्जी लेवल “डिफेंस पर्सनल ओनली सर्विसेस”कैन्टीन का लेबल चिपकाते थे.इसके बाद पांचो मिलकर शराब को पूर्व आर्मी के जवानों सहित पहाडी क्षेत्रों में सिविल लोगों को बेचा करते थे. डिफेंस की शराब की डिमांड अधिक होने के कारण गिरोह के लोग इसे अच्छे दामों में भेजते थे.