देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण फैसला लेते हुए विधानसभा में गिरोहबंद एक्ट की नई परिभाषा को मंजूरी दे दी है. ये बिल सदन में पारित हो गया है, और अब राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा…इस नए एक्ट में गौ हत्या व गौ तस्करी करने वाले आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध किया जा सकेगा..जानकारी के मुताबिक पूर्व में एक संवैधानिक पंक्ति की कमी की वजह से ये एक्ट गौ तस्करी और गौ हत्या करने वालों पर लागू नहीं हो पा रहा था..ऐसे में आरोपी इस खामी का फायदा उठा कर जमानत पर जेल से रिहा हो रहे थे..इसका इसका उदाहरण पिछले समय हरिद्वार जनपद में पकड़े गए गौ तस्करी और गौ हत्या आरोपियों के मामले में देखा गया था.
बता दें कि इसी खामी को देखते हुए उत्तराखंड मौजूदा सरकार ने इस कानून की धारा 2 में अब संशोधन करते हुए विधान सभा से पारित कर दिया है. इस एक्ट में गौ वंशीय पशुओं के अवैध परिवहन में संलिप्तता पाए जाने पर भी गैंगस्टर लगाई जा सकेगी..संशोधन के बाद बाल श्रम कराने वालों,यौन शौषण करने वालो,अंग काटने वालो के अलावा जाली करेंसी का मुद्रण,परिवहन,परिचालन करना और नकली दवाई बनाने वाले के खिलाफ भी गैंगस्टर की धारा लगाई जा सकेगी..
नए गिरोह बंद एक्ट में वन जीव की हत्या करने और वन उत्पादों यानी लकड़ी चोरी और तस्करी करने वालो के खिलाफ भी कारवाई करने का प्रावधान रखा गया है..वही दूसरी तरफ़ साइबर आईटी क्राइम,नकल करने और कराने वालों के साथ ही पशु क्रूरता करने वालों पर राज्य की सुरक्षा लोक व्यवस्था और जीवन गति प्रभावित करने वालों के खिलाफ भी गैंगस्टर लगाई जा सकती है..
सीएम धामी का बयान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड के गैंगस्टर एक्ट में कुछ नए विषय जोड़े गए है, हम बेहतर कानून व्यवस्था बनाने के लिए जनता के प्रति अपना कर्तव्य पूरा कर रहे है. देवभूमि सनातन भूमि उत्तराखंड में गौ तस्करी करने वाले गौ हत्या करने वाले,कानूनी दांव पेंच में बच कर निकल जा रहे थे, इसके अलावा कुछ और महत्वपूर्ण विषय थे जो कि हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के बाद समीक्षा बैठक में सामने आए, जिस पर गृह मंत्रालय और पुलिस विभाग ने मिलकर गिरोह बंदी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को तैयार किया है और विधान सभा में उसे मंजूर करा लिया गया है.