देहरादून: बीते 09 नवंबर 2023 को राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में हुए 14 करोड़ की डकैती में शामिल लुटेरे अब भी पुलिस की पकड़ से कोसों दूर नजर आ रहे हैं..हालांकि देशभर में आतंक मचाने वाले इस गिरोह को फंडिंग और लॉजिस्टिक उपलब्ध कराने वाले 02 अभियुक्तों को जरूर दून पुलिस बिहार के वैशाली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाकर विस्तृत पूछताछ कर रही हैं..ताकि कई राज्यों में डकैती को अंजाम देकर पुलिस को चकमा देने में सफल इस गिरोह के बारे आवश्यक जानकारी जुटा गैंग को गिरफ्तार किया जा सके.. बंदूक की नोक पर देहरादून के राजपुर रोड स्थित रिलायंस गोल्ड शोरूम में 14 करोड़ की लूटपाट करने वाले बदमाशों की धरपकड़ में किसी तरह की कोई कोताही न सामने आए इसको लेकर पिछले 5 दिनों से खुद मोर्चा संभाल एसएसपी देहरादून अजय सिंह अपनी अलग-अलग टीमों के साथ बिहार में डटे रहे.. शुक्रवार देहरादून पहुंचकर एसएसपी ने मीडिया से रूबरू होते हुए देशभर में आतंक मचाने वाले इस गिरोह के अपराधिक इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की..एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तराखंड के देहरादून तक बडी-बडी कंपनियां जिसमें अण्णापुरम गोल्ड फाइनेंस और रिलायंस ज्वेलरी जैसे गोल्ड शोरूम में डाका डलवाने का मास्टरमाइंड सुबोध बिहार की जेल से बड़े ही आराम से अपना अपराध का नेटवर्क कई राज्यों में संचालित करता रहा हैं. कुख्यात अपराधी सुबोध के गैंग में लगभग 200 से अधिक लोग है,जिनको एक दूसरे से अनजान रख घटना को कारित करने से पहले अलग-अलग तरह के काम पेमेंट तय कर सौपें जाते हैं.गैंग में शामिल लोगों को एक दूसरे से इसलिए अनजान रखा जाता है,ताकि पकड़े जाने पर कोई किसी का भेद न खोल सके..एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक बिहार जेल से राष्ट्रीय स्तर पर अपराधिक गिरोह संचालित करने वाले सुबोध के साथ अन्य भी उसके मास्टरमाइंड दिमाग के सहयोगी हैं.हालांकि देहरादून रिलायंस ज्वैलरी में हुए लूटकांड में सुबोध का हाथ हैं या नहीं.. फ़िलहाल इसके पुख्ता सबूत अभी हाथ नहीं लगे हैं.लेकिन सुबोध गैंग द्वारा देहरादून की ही तर्ज पर पूर्व में पश्चिम बंगाल,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र,उड़ीसा, हरियाणा, पंजाब व सांगली जैसे कई प्रान्तों में बड़ी-बड़ी गोल्ड कंपनियां के यहाँ करोडों की लूट और डकैती घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका हैं. ऐसे में घटना को अंजाम देने वाले अभियुक्त की गिरफ्तारी के उपरांत ही बिहार जेल से चलने वाले अपराध के तह तक पहुंचा जा सकता है.
चिन्हित मुख्य अभियुक्तों की तलाश में दिन-रात पुलिस टीमें जुटी: एसएसपी
दून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि देहरादून के राजपुर रोड स्थित रिलायंस गोल्ड ज्वेलरी शोरूम में हुए लूटकांड में शामिल गैंग अभियुक्तों को चिन्हित कर लिया गया है.इसी गैंग के 02 मुख्य अभियुक्त प्रिंस कुमार पुत्र शिवनाथ सिंह निवासी ग्राम पानापुर थाना बिद्दु पुर जिला वैशाली (बिहार) और विक्रम कुशवाहा पुत्र राम प्रवेश सिंह निवासी ग्राम पानापुर जिला वैशाली (बिहार)की पहचान कर उनके ऊपर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक द्वारा 02-02 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है. एसएसपी ने कहा की प्रिंस और विक्रम की धरपकड़ के लिए दून पुलिस की अलग-अलग टीमें दिन-रात कई राज्यों में छापेमारी कर दबिश दे रही है.ऐसे में कुछ समय जरूर लग सकता है.लेकिन घटना कारित करने वाले बदमाशों को हरहाल में गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे धकेला जाएगा..
वारदात से कुछ माह पहले ही उस शहर में बस जाते हैं लुटेरे: एसएसपी
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि देशभर में आतंक मचाने वाला ये शातिर गिरोह किसी भी राज्य के शहर में करोड़ो की लूट-डकैती करने से कुछ महीनों पहले ही वहाँ ठिकाना तलाश रहने लगता हैं.इसके बाद काफ़ी दिनों तक रैकी करने के उपरांत पूरे हाईटेक और सुनियोजित तरीके से लूट की योजना बनाई जाती हैं.घटना कारित करने के समय उस इलाकें में अपना जैमर सिस्टम लगा कर आसपास के मोबाइल और अलार्म को निष्क्रिय किया जाता हैं..जबकि लुटेरे Grey market के सामान और खुद अपना वर्चुअल फोन नम्बर का इस्तेमाल हाईटेक तकनीक अपना काम कर लेते हैं..एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक देशभर के कई राज्यों में सुनियोजित तरीके से बड़ी डकैती करने वाला ये गैंग बड़े ही शातिराना तरीके से महीनों की रैकी कर अलग-अलग अपराधियों का इस्तेमाल कर अपने टास्क को अंजाम देता है.. गैंग के सक्रिय सदस्य फरार चल रहे हैं.बिहार के जेल में बंद अपराधियों द्वारा गैंग को संचालित किया जाता है.उन सभी कड़ियों को भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.ताकि पूरे नेटवर्क को धवस्त किया जा सके.यही कारण हैं कि इस केस को वर्कआउट में कुछ समय लग रहा हैं.लेकिन देहरादून पुलिस को चुनौती देने वाले ये अपराधी कही भी छिपे हो उन्हें हर-हाल में दबोचा जाएगा..
नेपाल जाकर सोना बेचता हैं गिरोह
पुलिस की जांच-पड़ताल में इस बात की भी जानकारी सामने आई कि देशभर में अलग-अलग राज्यों के गोल्ड कंपनियों के शोरूम में डाका डालने के बाद ये गिरोह लूट का सारा सोना नेपाल में जाकर 70 फीसदी कीमत पर बेचता है.क्योंकि डकैती में लूटा गया कई-कई किलोग्राम का सोना बिना औपचारिकता के भारत में बेचना आसान नहीं हैं..