देहरादून: बहुचर्चित फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में तीसरे गिरोह के रूप में जेल में बंद आरोपी एडवोकेट देवराज तिवारी की जमानत याचिका शुक्रवार सीजेएम कोर्ट ने खारिज़ कर दी.. बचाव पक्ष के अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक उन्होंने अपने मुवक्किल देवराज तिवारी को शॉर्ट टर्म/अंतरिम बेल (अल्पावधि जमानत) देने की कोर्ट से अपील की थी.लेकिन कोर्ट ने इस तरह की बेल का निस्तारण CJM कोर्ट से न होने का तर्क देते हुए जमानत याचिका खारिज़ कर दी…कोर्ट ने अपने आदशे में कहा कि अभियुक्त की ओर प्रस्तुत अल्पावधि-अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पोषणीय न होने के आधार पर निस्तारित किया जाता हैं.
बचाव पक्ष अधिवक्ता चंद्रशेखर मुताबिक इससे पहले जमानत की अर्जी में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए CJM कोर्ट में दलील देते हुए बताया कि उनके मुवक्किल देवराज तिवारी की बेटी की शादी 31 अक्टूबर से 2 नवंबर 2023 तक इटली देश में होनी है..ऐसे में बेटी के कन्यादान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए अल्प समय के लिए विषेश परिस्थितियों में ज़मानत दी जाये..लेकिन कोर्ट इसे खारिज़ किया.. बचाव पक्ष अधिवक्ता के अनुसार अगले दो से तीन दिनों में वह सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर करेंगे.
बता दें कि,देहरादून के थाना क्लेमेंटटाउन और माजरा स्थित रक्षा मंत्रालय की 55 बीघा जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रॉपर्टी हड़पनें के मामलें में मुख्य अभियुक्त हुमायूं परवेज़ और उसके सहयोगी एडवोकेट देवराज तिवारी न्यायिक हिरासत में सुद्धोवाला की जेल में बंद हैं. पुलिस SIT का आरोप हैं कि मुख्य अभियुक्त हुमायूं परवेज़ की तरह ही एडवोकेट देवराज तिवारी ने भी फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर रक्षा मंत्रालय की जमीन अपने पिता के नाम करा भूमि हड़पनें की साजिश की.हालांकि ऐसा नहीं हो सका.और वर्तमान समय में यह जमीन रक्षा मंत्रालय के अधीन ही है..