देहरादून:उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश पहाड़ों से लेकर मैदानी जनपदों तक इस बार भी लगातार मुसीबत का सबब बनती जा रही है.शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक नियम कायदों को ताक पर रखकर अव्यवस्थित ढंग से बसाई गई प्लाटिंग में बने मकान कुछ घंटों की बारिश में पानी में डूबते नजर आ रहे हैं.साल दर साल ड्रेनेज सिस्टम को खत्म करके चारों ओर खड़े हो रहे कंक्रीट के जंगल मानसून के सीजन में जलभराव की वजह से खतरनाक होते जा रहे हैं. इसी तरह का मंजर मंगलवार को सामने आया,जब आईएसबीटी चंद्रबनी से लेकर शिमला बाईपास भुड़पुर ग्रामीण इलाके तक अव्यवस्थित रूप से बसाई गई प्लाटिंग वाले मकानों में बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले. हालांकि जानमाल के खतरे को देखते हुए नयागांव पुलिस टीम ने बमुश्किल तीन मकानों में से एक-एक कर सुरक्षित लोगों को बाहर निकाला. लेकिन भुड़पुर इलाकें में आसन नदी किनारे की गई प्लाटिंग में बने तीन मकान पूरी तरह नदी के बहाव में डूबते नजर आए.आलम यह रहा कि सुबह से ही अलग-अलग इलाकों में जलभराव का निरीक्षण कर जब जिलाधिकारी भुड़पुर में पहुंची तो प्रशासन की पूरी टीम अव्यवस्थित कॉलोनी को नदी के रूप में तब्दील होता देख हैरान और परेशान हो गई..
अव्यवस्थित प्लॉटिंग और ड्रेनेज सिस्टम न होने की वजह हालत चुनौतीपूर्ण:DM
जिलाधिकारी सोनिका ने कहा की जिस तरह के हालात देखे गए हैं उससे साफ जाहिर होता है कि किस तरह से नियम कायदों को ताक पर रखकर अव्यवस्थित प्लॉटिंग वाले इलाकों में घर बताए गए हैं. नदी नाले किनारे बसी कॉलोनियों में कोई ड्रेनेज इस सिस्टम की व्यवस्था नहीं है. यही वजह से की कालोनियों में जलभराव जैसे हालत हैं. वही भुड़पुर में नदी के पुस्ते टूटने की वजह से नदी का पानी कॉलोनीयों में पहुँच मुसीबत का कारण हैं. हालांकि सभी को बहार निकाल सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया है कोई जनहानि नहीं हैं. DM ने कहा कि लगातार ऐसे जलमग्न वाले स्थानों का निरीक्षण कर नुकसान होने वालों को मुआवजा धनराशि बांटी जा रही है..वही दूसरी तरफ इन इलाकों में मॉनसून के वक्त आने वाली चुनौतियों को देखते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ सामान्य से बनाकर आगे की रणनीति पर काम करने की तैयारी है.