देश में पहली बार उत्तराखंड पुलिस की ये खास पहल, पीड़ित बेझिझक पुलिस को शिकायत करें, इसके लिए होगा अब ये काम

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस अपनी छवि (uttarakhand police image) सुधारने के लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में अपराध से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत पुलिस स्टेशन तक सकारात्मक और विश्वास के भाव में आम जनता की पहुंच तक आसानी से बन सके, इसको लेकर उत्तराखंड पुलिस देश में पहली बार ऐसी अनूठी पहल करने जा रही है. जिससे अधिक से अधिक लोग पुलिस से जुड़ी शिकायत थाने में जाकर दर्ज करा सकें. पुलिस आधुनिकीकरण विंग के अंतर्गत राज्य के सभी 160 थानों के बाउंड्रीवॉल पर ऐसी पेंटिंग (Uttarakhand Police Painting) बनाई जाएगी जो जनता को संदेश दें. जिससे जनता में पुलिस की नकारात्मक छवि में सकारात्मक सुधार आ सके.

कम्युनिटी और पीड़ितों को न्याय दिलाने वाली पुलिसिंग की तरफ बढ़ते क़दम

यानी सभी थानों के बाहर पेंटिंग के जरिए ऐसे चित्र बनाकर संदेश जनता को दिए जाएंगे, जिससे पुलिस स्टेशन में आने का डर व गलत धारणा खत्म हो सके और पुलिस के प्रति आम लोगों के विश्वास का भाव बेहतर किया जा सके. पुलिस मॉडर्नाइजेशन (PM)आईजी केवल खुराना के मुताबिक देश में उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य होगा जो इस तरह के नए प्रस्ताव को तैयार जल्द ही शासन को भेजने जा रहा है.पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार (Director General of Police Ashok Kumar) द्वारा इसमें सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हो चुकी है. ऐसे में शासन स्तर पर अनुमति मिलते ही नोएडा और मुंबई से आवश्यकतानुसार डिजाइन वाली पेंटिंग सहित अन्य राज्यों के डिजाइन चयनित किये जाएंगे. तत्पश्चात राज्य के सभी थानों के बाउंड्री में पुलिस की छवि जनता के प्रति कानूनी मदद के लिए सकारात्मक बने, इसका चित्रण व्यवहारिक रूप में दर्शाया जाएगा. ताकि पुलिस और आम आदमी के बीच आने वाली शिकायत का दायरा बेझिझक आसानी से कम हो सके. इस नई कवायद को पुलिस स्टेशनों में पेंटिंग चित्रण के जरिए इसी वर्ष 2022 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा.

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फिल्मों और धारावाहिकों में पुलिस की नकारात्मक छवि: पुलिस

मॉडर्नाइजेशन विंग के मुताबिक फिल्मों और धारावाहिक नाटकों में अक्सर दिखाई जाने वाली पुलिस की नकारात्मक छवि जनता के बीच जाती है. साथ ही लोग अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास नहीं जाते हैं. इसी तरह के डर की दूरी को पाटने के लिए थानों की दीवारों पर पुलिस की वास्तविक मदद और कानूनी व्यावहारिकता को पेंटिंग के जरिए दर्शाया जाएगा. ताकि आमजन के मन पुलिस में शिकायत दर्ज करने की नकारात्मक धारणा को कम किया जा सके. पुलिस मॉडर्नाइजेशन आईजी केवल खुराना (Police Modernization IG Kewal Khurana) के मुताबिक इन पेंटिंग्स में पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए प्रथम कार्रवाई से लेकर महिला हेल्पलाइन और आगे की अलग-अलग कानूनी कार्रवाई का चित्रण किया जाएगा. ताकि मित्र पुलिस के प्रति विश्वास रख लोग अपनी शिकायत थाने तक दर्ज करा सकें.

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अपराध से पीड़ित लोगों को पुलिस की मददगार विंग्स के बारे में जानकारी का आभाव

आईजी केवल खुराना के मुताबिक पुलिस थानों की बाउंड्रीवॉल पर चित्रण होने वाली इन पेंटिंग्स का मुख्य मकसद ही वास्तविक पीड़ित लोगों की शिकायत पुलिस तक पहुंचाने का प्रयास है. ताकि कम्युनिटी पुलिसिंग के रूप में बेहतर सामंजस्य बना किसी भी अपराध में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें. आईजी खुराना के मुताबिक प्रत्येक थानों की बाउंड्री वॉल में पेंटिंग के जरिए न सिर्फ पीड़ितों को दी जाने वाली पुलिस मदद को कानूनी रूप में दर्शाया जाएगा, बल्कि जनता को पुलिस के अन्य विंग जिसमें महिला हेल्पलाइन, सीनियर सिटीजन सेल, बाल अपराध थाना, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, मादक तस्करी, साइबर क्राइम जैसे तमाम पुलिस मदद वाली विंग्स के बारे में आमजन को जानकारी दी जाएगी. जिसके बारे में काफी लोगों को जागरूकता नहीं है.

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पुलिस तक पीड़ितों की राह आसान हो यही इस पहल का मकसद:आईजी

बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड के सभी 160 स्थानों को CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) के तहत हुए किसी भी तरह के अपराध से जुड़ी शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने कवायद पुलिस मॉडर्नाइजेशन के अंतर्गत शुरू की गई थी. ताकि भारी ग्रुप में पुलिस स्टेशन तक ना पहुंचने वाले लोगों की शिकायत दर्ज करने का आसान तरीका कहीं से भी घर बैठे उन्हें दिया जा सके. क्योंकि अक्सर देखा था जाता था कि घरेलू हिंसा, दुष्कर्म, छेड़छाड़ और कई तरह के अन्य अपराधों को बदनामी और डर को लेकर शिकायतकर्ता पुलिस स्टेशन तक नहीं पहुंचते. लेकिन अब ऑनलाइन पुलिस शिकायत की संख्या को और अधिक बढ़ाने के लिए ये पहल कारगर साबित हो सकती है.

परमजीत सिंह लाम्बा

संपादक - खबर सनसनी

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