
देहरादून/हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से लगे बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामले में 2 दिसंबर 2025 यानि कल की तारीख में कोई फैसला सुनाए जाने की उम्मीद की जा रही है.
माना जा रहा है सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अदालत में इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई होगी।
पिछली तारीख में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जयमाला बागची की बेंच में इसकी सुनवाई हुई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गृह सचिव शैलेश बगौली ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर विधिक तैयारियों की समीक्षा की है.
मुख्यमंत्री धामी द्वारा कुछ समय पहले रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के साथ इस विषय पर चर्चा की थी. ताकि अतिक्रमण हटने के बाद यहां से नई ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया जा सके. दोनों की बैठक के बाद रेलवे मंत्रालय के वकील भी सुप्रीम कोर्ट में गंभीरता से खड़े हुए दिखाई दिए है.
पिछली सुनवाई का अंश :-
सुप्रीम कोर्ट में पिछली 14 नवंबर को बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले की सुनवाई हुई थी कब्जेदारों और सरकार पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगली तिथि 2 दिसंबर तय की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जयमाला बागची के बेंच में उक्त केस की सुनवाई हुई थी.
जानकारी के अनुसार माननीय उच्चतम न्यायालय में बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामले की सुनवाई के दौरान माननीय उच्चतम न्यायालय में पक्षकारों द्वारा अपना पक्ष रखा गया था।
रेलवे द्वारा अपनी योजना के अनुरूप निर्माण हेतु 30 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता बताई गई.और इस पर हुए अतिक्रमण को शीघ्र खाली कराते हुए इस भूमि को यथाशीघ्र खाली करने हेतु न्यायालय से निर्देश देने का अनुरोध किया गया.
पिछली सुनवाई के दौरान बेंच ने ये भी कहा था कि इस मामले को वे अगली तारीख में विस्तार से सुनेंगे।
14 नवंबर की सुनवाई में रेलवे की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी और उत्तराखंड सरकार की ओर से अभिषेक अत्रे उपस्थित रहे.
कब्जेदारों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान ख़ुर्शीद प्रशांत भूषण सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे थे.
विपक्षी उत्तर दाताओं के अधिवक्ताओं द्वारा दो प्रमुख बिंदु उठाया गया है कि रेलवे द्वारा जो ज़मीन की माँग की गई है वह माँग पूर्व में नहीं थी, और रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को अब नुक़सान नहीं होगा, क्योंकी रिटेलिंग वाल का निर्माण कर दिया गया है. साथ ही दूसरा बिंदु यह उठाया गया है कि लंबे समय से रहने वाले लोगों को अब प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिए जाने की बात कही जा रही है जो की अनुचित है.इसका विरोध रेलवे की अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी द्वारा किया गया.
गौरतलब है कि बनभूलपुरा रेलवे मामले में रेलवे की अदालत में कई सालों तक ये मामला चला उसके बाद हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई, जिसमें फैसला कब्जेदारी के खिलाफ गया.
मुस्लिम बाहुल्य बनभूलपुरा में पुलिस का कड़ा पहरा:
सुप्रीम कोर्ट में कल (02दिसंबर 2025)को होने वाली सुनवाई में क्या निर्णय आएगा. इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. किंतु जिला प्रशासन ने बैठक करके बनभूलपुरा क्षेत्र के साथ साथ शहर के अन्य हिस्सों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है.डीएम ललित मोहन रयाल और एसएसपी मंजू नाथ टी सी ने पूरे क्षेत्र को कई सेक्टरों में बांट करके अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. वाहनों की चेकिंग की जा रही है,साथ ही बड़े स्तर पर सत्यापन अभियान भी शुरू किया गया है।बीती रात से RPF ने यहां डेरा डाल दिया है.











