मास्टर स्ट्रोक: मुख्यमंत्री धामी अचानक पुलिस मुख्यालय निरीक्षण के लिए पहुंचे..प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधार को लेकर लगाई क्लास..किसी भी सूरत उत्तराखंड की आबोहवा बिगड़ने नहीं देंगे: धामी..

महिला अपराध,डेमोग्राफी चेंज,धर्मान्तरण सहित लव जिहाद जैसे प्रकरणों पर यथाशीघ्र कार्रवाई की जाए… राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो: CM धामी…

देहरादून: उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन मोड पर है. इसी क्रम में वह बुद्धवार  अचानक पुलिस मुख्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने डीजीपी सहित आलाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर करने के लिए कड़े निर्देश. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की आबोहवा को हम बिगड़ता नहीं देंगे.उन्होंने कहा कि राज्य की डेमोग्राफी चेंज,धर्मान्तरण सहित लव जिहाद जैसे प्रकरणों पर यथाशीघ्र कार्रवाई की जाए. राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए..

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के अनुसार मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड  पुष्कर सिंह धामी द्वारा पुलिस मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया गया. इस अवसर पर उन्होंने पुलिस मुख्यालय से संचालित महिला सुरक्षा हेल्पलाईन और पुलिस द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये..

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 मुख्यमंत्री धामी द्वारा पुलिस मुख्यालय स्थित अनुभागों के औचक निरीक्षण एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिए गए….

1- अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों को आपस में समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान, इंटेलीजेंस व्यवस्था को और मजबूत बनाये जाने और रात्रि पेट्रोलिंग की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित की जाय.  राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए एवं प्रदेश में आने-जाने वालों पर निगरानी रखी जाए 

2-डेमोग्राफी चेंज, धर्मान्तरण, लव जिहाद के प्रकरणों पर यथाशीघ्र कार्रवाई* की जाए एवं राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा सघन अभियान चलाया जाए तथा आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों पर नियमित निगरानी रखी जाए.

3-संवेदनशील अपराधों की सक्रिय मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय स्तर पर सुनिश्चित की जाये व महिला सम्बन्धी अपराधों पर वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी ही बयान(बाइट) दें एवं किसी भी भ्रामक तत्थयों का काउन्टर* करते हुए पुलिस की कार्यवाही को स्पष्ट बतायें.

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4-.थानों पर महिला शिकायतकर्ताओं के लिए भी महिला आगन्तुक कक्ष एवं बैठने का आरामदायक स्थान हो एवं शौचालय आदि की सुविधा उपलब्ध हो.साथ ही महिला पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु आधारभूत सुविधाओं के साथ ही अलग से बैठने की व्यवस्था की जाये.

5-महिला सम्बन्धी अपराधों में महिला शिकायतकर्ता का पक्ष महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ही सुना जाये, इस हेतु कांप्रिहेन्सिव प्लान बनाया जाये. साथ ही गौरा शक्ति मॉडयूल पर अधिक से अधिक महिलाओं को पंजीकृत कर गौरा शक्ति से सम्बन्धित महिला सम्बन्धी अधिकारों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए.

6 -पुलिस विभाग में भर्ती हेतु एक कैलेण्डर* बनाया जाय एवं पुलिस में रिटायरमेंट के सापेक्ष नियमित भर्तियां भी होती रहें ताकि पुलिस में ऐज प्रोफाइल बना रहे.पुलिस कार्मिकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए.साइबर अपराध एवं तकनीक आधारित अन्य प्रशिक्षण समय-समय पर पुलिस कर्मियों को दिये जाएं.

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पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्होंने जिन थानों से नौकरी की शुरूआत की है, उन थानों का स्थलीय निरीक्षण करें, आवश्यकतानुसार संबंधित थानों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी वे सहयोगी बनें.वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने भ्रमण के दौरान जनपदों के थानें का भी निरीक्षण कर उनमें आ रही कमियों को दूर करायें.

8-पुलिस बल के आधुनिकीकरण में फारेंसिक को आधुनिक और क्षमतावान बनाया जायेगा. पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण व अन्य सम्बन्धित प्रस्तावों पर शासन द्वारा समय-समय पर बजट स्वीकृत किया जाता है.पुलिस आधुनिकीकरण में जिन निधियों में शासन से जो भी मांग की जाती है शासन से वह तुरन्त स्वीकृत किया जाता है.

9-सोशल मीडिया पर प्रसारित भ्रामक संदेश, वीडियो/ मैसेज आदि की व्यवस्थित मॉनिटरिंग करते हुए, उसका रेगुलर काउण्टर किया जाये एवं इस हेतु जिला सूचना अधिकारी से भी समन्वय स्थापित किया जा सकता है.

खबर सनसनी डेस्क

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