बहुचर्चित फर्जी रजिस्ट्री घोटाला: जाली दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करने के मामलें में दर्ज मुकदमें में मुख्य अभियुक्तों का नाम प्रकाश में आने पर न्यायालय के अनुमति पर SSP देहरादून ने SIT को दी पूर्ण विवेचना…

प्रकरण की गंभीरता व अभियुक्तों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए SSP देहरादून द्वारा मुकदमें की विवेचना को SIT के सुपुर्द किया गया..मुकदमें में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कराने वाले गिरोह के सभी सदस्यों के खिलाफ गंभीर धाराओं की बढोतरी करते हुए की जायेगी कडी कार्यवाही: SSP दून

देहरादून एसएसपी अजय सिंह के अनुसार चर्चित फर्जी रजिस्ट्री प्रकरण के दर्ज सभी मुकदमों की SIT द्वारा जांच कर गिरोह के सभी सदस्यों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जा रही हैं.. जनपद में फर्जी दस्तावेजो के आधार पर धोखाधडी के ऐसे सभी मुक़दमें जिनमें फर्जी रजिस्ट्री कर घोटालें प्रकाश में आये अभियुक्तों के नाम सामने आ रहे हैं,उन सभी अभियोगों की SIT से जांच कराकर उक्त सभी अभियुक्तों के खिलाफ कडी से कडी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी.. 

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बता दें कि थाना क्लेमेन्टाउन पर शिकायत कर्ता मल्लिका वृर्धि निवासी: 115 सोसाइटी एरिया लेन नं0 10 पोस्ट आफिस रोड क्लेमेन्टाउन देहरादून द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया गया था कि,उनकी चचेरी बहन गुनिता कौर द्वारा जयवीर सिंह, अमित राठौर व अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर उनकी भारूवाला ग्रान्ट स्थित भूमि के फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए उनके घर में जबरन घुसकर उनके साथ मारपीट करते हुए कब्जा करने का प्रयास किया गया. उक्त प्रकरण में जांच के उपरान्त थाना क्लेमेन्टाउन पर मुक़दमा दर्ज किया गया था..इस केस में सभी अभियुक्तों के विरूद्ध अक्टूबर वर्ष 2022 में आरोप पत्र (चार्जशीट) न्यायालय को प्रेषित किया गया था.तदोपरान्त वर्ष 2018 व 2019 में निबन्धक कार्यालय में फर्जी दस्तावेजो के आधार पर हुई रजिस्ट्रियों के सम्बन्ध में दर्ज हुए मुकदमों में उक्त सम्पत्ति के भी फर्जी दस्तावेज तैयार किये जाने का प्रकरण सामने आया और फर्जी रजिस्ट्री प्रकरणों में SIT द्वारा अधिवक्ता इमरान अहमद व अन्य को गिरफ्तार किया गया था.वही मल्लिका वृर्धि द्वारा थाना क्लेमेन्टाउन में पंजीकृत कराये गये उक्त अभियोग में भी अभियुक्त इमरान अहमद व अन्य द्वारा फर्जी रजिस्ट्री द्वारा धोखाधडी किया जाना प्रकाश में आया.इसके उपरान्त पुलिस द्वारा उक्त मुकदमें में  न्यायालय से अभियुक्त इमरान व उसके अन्य साथियों के विरूद्ध अन्य गम्भीर धाराओं में 420, 467,468,471 IPC के साक्ष्य प्राप्त होने पर अग्रिम विवेचना की अनुमति ली गई,जिसकी विवेचना एसआईएस शाखा द्वारा की जा रही थी.अब इस प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत SSP देहरादून द्वारा मामले की विवेचना को एसआईटी के सुपुर्द किया गया है..

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खबर सनसनी डेस्क

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