
देहरादून: महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक रिपोर्ट के आधार पर देहरादून शहर को महिलाओं के लिए असुरक्षित बताया जा रहा है.इस निजी संस्था रिपोर्ट के आधार पर कई प्लेटफार्म पर खबरें भी छपी है. हालांकि इस दावे और रिपोर्ट को राष्ट्रीय व उत्तराखंड महिला आयोग पूरी तरह खारिज कर ग़लत बताया हैं. उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि इस रिपोर्ट से राष्ट्रीय महिला आयोग का कोई लेना-देना नहीं है,ऐसे में ये दावागलत हैं कि देहरादून शहर महिलाओं के लिए असुरक्षित है. उन्होंने कहा कि उन्होंने से इस रिपोर्ट के संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष से विस्तृत बातचीत की,जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि इस जारी रिपोर्ट से आयोग का कोई लेना देना नहीं हैं, और नाही आयोग द्वारा ऐसा कोई दावा किया गया हैं.मतलब की राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा ऐसी कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है, जिसमें देहरादून को असुरक्षित शहर माना गया हो. ऐसे में इस तरह की भ्रामक रिपोर्ट के पेश कर देहरादून जैसे शांत फिजाओं वाले शहर को बदनाम करने की कोशिश की गई है,जो पूरी तरह से निंदनीय है..उत्तराखंड महिला आयोग ने बयान जारी कर कहा कि देहरादून शहर किसी भी शहर के मुकाबले महिलाओं के लिए सुरक्षित है.महिला सुरक्षा के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय शासन व पुलिस प्रशासन द्वारा जरूरी कदम उठाए जाते रहे हैं.और आगे भी ये सिलसिला जारी रहेगा.. आयोग अध्यक्ष ने कहा कि इस निजी संस्था की सर्वे रिपोर्ट को तलब किया गया है,ताकि जांच पड़ताल कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके..
बाईट:कुसुम कंडवाल, अध्यक्षा, उत्तराखंड महिला आयोग..
उत्तराखंड महिला आयोग का जवाब
राज्य महिला आयोग किसी सर्वे या जारी आंकड़ों का समर्थन नहीं करता: आयोग अध्यक्षा
महिला सुरक्षा एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स (NARI)का महिला आयोग से कोई लेना-देना नहीं:आयोग
किसी के निजी सर्वे या रिपोर्ट के आधार पर तय नहीं होते मानक
एक प्राइवेट संस्था द्वारा प्रकाशित पुस्तक में देहरादून का नाम महिलाओं के लिए असुरक्षित सूची में छापने पर उत्तराखंड महिला आयोग ने लिया कड़ा संज्ञान..
आंकड़ों की सर्वे की रिपोर्ट तलब करेगी आयोग: कुसुम कंडवाल महिला आयोग अध्यक्ष..
उत्तराखंड महिला आयोग ने कहा कि- नेशनल एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स (NARI), जो 31 शहरों में 12,770 महिलाओं के सर्वेक्षण पर आधारित हैं. इसमें महिलाओं का राष्ट्रीय सुरक्षा स्कोर 65% रखा है, जो कि एक कंपनी का निजी व स्वयं किया गया सर्वे का आंकड़ा है. महिला आयोग का इस आंकड़े से कोई सम्बन्ध नहीं है.
बीते 28 अगस्त को दिल्ली में आयोजित एक निजी कम्पनी के नारी 2025 कार्यक्रम में पीवैल्यू एनालिटिक्स द्वारा तैयार सर्वे के आधार ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुअल्स एंड एकेडमिशियंस द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘नारी 2025’ का विमोचन किया गया है.महिला आयोग इस पुस्तक में महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों की एक सूची सर्वे आंकड़ों के आधार पर जारी की गई है,जिसका राष्ट्रीय व उत्तराखंड महिला आयोग का कोई भी सम्बन्ध या ताल्लुक नहीं है.
इस मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा यह बहुत ही निंदापूर्ण है कि केवल 12770 महिलाओं के आधार पर 31 शहरों में महिला असुरक्षा की स्थिति दर्शाया गया हैं,जिसको महिला आयोग पूरी तरह नकारता हैं.क्योंकि देहरादून की महिलाएं अच्छे से जानती है कि यहां महिला सुरक्षा को लेकर सरकार,शासन प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है..
उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल ने अपना बयान जारी कर कहा कि,प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अत्यंत संवेदनशील हैं और महिलाओं व बेटियों के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाती है.उन्होंने कहा महिला असुरक्षा के नाम पर देहरादून की छवि को धूमिल करना पूरी तरह गलत है. महिला सुरक्षा की एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स (एनएआरआइ) का महिला आयोग से कोई ताल्लुक नही है.
अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने बताया इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर उपस्थित थी परंतु उन्होंने किसी भी प्रकार से सर्वे का समर्थन नही किया है.इस मामले में कुसुम कण्डवाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष रहाटकर से फोन पर वार्ता कर जानकारी भी ली है, जिस पर विजय किशोर रहाटकर का कहना है कि इस सर्वे या आंकड़ो से राष्ट्रीय महिला आयोग का कोई सम्बन्ध नहीं है ना ही यह रिपोर्ट राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा जारी की गई है…ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा इस प्रकार के आंकड़ों के सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर देहरादून का नाम इस सूची में जोड़ा गया है,उसकी रिपोर्ट आयोग तलब करेगा और इसमें आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी