प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर आमजन को धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश कर STF ने 03 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया हैं. छापेमारी की कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए अभियुक्त दिल्ली और बिहार के रहने वाले बताए जा रहे. STF ने ठगों के कब्ज़े से एक लैपटॉप,13 मोबाइल फोन, 06 पास बुक, 04 सिम कार्ड जैसे समान बरामद किए गए हैं.. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नाम पर आजमन की गाढ़ी कमाई में चूना लगाने का यह धंधा देहरादून के सहस्त्रधारा रोड अमित विहार से संचालित किया जा रहा था. मुखबिर की सूचना के आधार पर एसटीएफ ने इस इलाके में एक मकान में छापेमारी कर गिरोह का पर्दाफाश किया.
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम
1– निशात शर्मा पुत्र विनोद शर्मा निवासी एच 111 कुंवर सिंह नगर, नागलोई, दिल्ली.
2– टुनटुन कुमार कुमार पुत्र रविंद्र राम निवासी ग्राम बिरजूमिल्की थाना हरनौत नालंदा, बिहार.
3– मेघा शर्मा पुत्री राहुल शर्मा निवासी -सुल्तानपुरी नागलोई दिल्ली.
इंश्योरेंस और रिफंडेबल किस्त के नाम पर ठगी का खेल
STF एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार को कार्रवाई से एक दिन पहले शनिवार को सूचना मिली कि सहस्रधारा रोड के अमित बिहार कॉलोनी स्थित एक मकान में कुछ युवक व युवतियां प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के बारे में लोगों को फोन पर योजना का लाभ देकर प्रलोभन दे रहे हैं.इतना ही नहीं योजना का लाभ दिलाने के लिए इंश्योरेंस के तौर पर ₹2000 एवं रिफंडेबल के रूप में आरटीजीएस के तहत 5000 से लेकर ₹10,000 रुपये क्यूआर कोड व्हाट्सएप के माध्यम से भेज धोखाधड़ी कर रहे थे. ऐसे में सूचना की तस्दीक होने के बाद एसटीएफ की टीम ने बताये गए पते पर छापा मारकर मौके से तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.गिरफ्त में आये अभियुक्तों के कब्जे से एक लैपटॉप 13 मोबाइल फोन, 6 पासबुक, 4 सिम कार्ड व अन्य सामान बरामद किया गया हैं..
अपराध का तरीका
STF जांच पड़ताल में पता चला कि गिरोह के ठगों द्वारा पहले फेसबुक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लोन के बारे में विज्ञापन अपलोड किया जाता हैं.फ़िर फर्जी मोबाइल नम्बरों से लोगों को कॉल की जाती थी.इसके बाद जिन लोगों को लोन की जरूरत होती वे लोग इन नंबरों पर बात करते हैं.वही इस बीच लोन लेने के इच्छुक व्यक्ति से उसका आधार कार्ड, बैंक डिटेल और छोटी मोटी संपत्ति की जानकारी मांगी जाती हैं.ऐसे में जब प्रलोभन में फंसे लोगों को यकीन हो जाता था कि उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना से लाभान्वित होने का झांसा देकर शुरू होता हैं धोखाधड़ी का खेल. अब गिरोह के लोग आवेदक को लोन स्वीकृत होने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस और इंश्योरेंस के नाम पर पहले ₹2000 जमा करने का मैसेज करते हैं.इतना ही नहीं लोन की किस्त एडवांस में देने के एवज में लोगों से 5200 रुपए से लेकर 10,200 रुपए तक रिफंडेबल पेमेंट बताकर फर्जी मोबाईल नंबरों के व्हाट्सएप क्यूआर कोड भेज कर रुपये की वसूली करते हैं. वही रुपए वसूलने के बाद ठग लोन लेने वाले लोगों को बताते थे कि उनकी रिफंडेबल रकम 45 दिन बाद वापस हो जाएंगी. इसके बाद गिरोह के धोखेबाज लोग अपने नंबर बदल देते थे.STF की जांच पड़ताल में इस बात की भी जानकारी सामने आई थी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के लोग गरीब लोगों के नाम से बैंक अकाउंट खुलाते हैं.ताकि इन बैंक खातों के जरिये ठगी की रकम ट्रांसफर कर अपना पूरा गोरखधंधा चला सके.