सुप्रीम कोर्ट गठित कमेटी रोक के बावजूद फर्जी दस्तावेज के आधार पर पीएसीएल और पीजीएफ की जमीन करोड़ों में बेच डाली..
देहरादून पुलिस ने लैंड माफियाओं के खिलाफ कड़ा शिकंजा कसते हुए अब 05 भू-माफियाओं के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की है. रायपुर पुलिस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के रोक के बावजूद इन सक्रिय भू माफियाओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर 07 लोगों को पी0ए0सी0एल0 व पी0जी0एफ0 की जमीन को अपना बताकर डेढ़ करोड़ (1,50,00000/-) ₹ में बेच दिया गया था.पुलिस के अनुसार गैंगस्टर एक्ट के दायरे में आए पांचों भूमाफिया वर्तमान समय में जेल में बंद है.
गैंगस्टर के दायरे में आए गैंगलीडर सहित अन्य अभियुक्त..
1- अमित कुमार सिंह पुत्र विनोद कुमार निवासी 168 दून विहार कालोनी जाखन वार्ड न0 03 थाना रायपुर देहरादून (गैंगलीडर) .
2- अंकित वर्मा पुत्र भूपेन्द्र सिंह निवासी डांडा खुदाने वाला स0धारा रोड थाना रायपुर देहरादून, (गैंग सदस्य)
3- विजय कुमार पुत्र लक्ष्मी चन्द निवासी ईश्वर विहार लाडपुर थाना रायपुर देहरादून, (गैंग सदस्य).
4- विक्रान्त चौरसिया पुत्र राकेश चौरसिया निवासी 202 चक्खुवाला थाना कोतवाली नगर देहरादून (गैंग सदस्य).
5- राजेश अग्रवाल पुत्र वी0पी0 अग्रवाल निवासी कृष्णा वैंडिग प्वाइंट स0धारा रोड थाना रायपुर दे0दून (गैंग सदस्य).
फर्जीवाड़े का घटनाक्रम
रायपुर पुलिस के मुताबिक 04 अगस्त 2022 को निरीक्षक अबुल कलाम एसटीएफ द्वारा देहरादून एसएसपी को एक प्रार्थना पत्र दिया गया,जिसमें उनके द्वारा अंकित किया गया कि पी0ए0सी0एल0/पी0जी0एफ0 के कर्मचारी सिकन्दर सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह निवासी ग्राम गुजराडा जिला देहरादून के नाम का एक फर्जी व्यक्ति भू-माफियाओं अमित चौधरी, अंकित वर्मा, विजय कुमार सिंह, राजेश अग्रवाल से मिला हुआ है. और इनके द्वारा पी0ए0सी0एल0 एवं पी0जी0एफ0 की स्वामित्व की भूमि जो कि आमवाला तरला सहस्त्रधारा रोड पर स्थित है को खुर्द बुर्द किया जा रहा है.वही इनके द्वारा सिकन्दर नाम के व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल कर फर्जी एवं कूटरचित रजिस्ट्रीयों की जा रही है.उक्त व्यक्तियों द्वारा एक सामूहिक गिरोह बनाकर पी0ए0सी0एल0 एवं पी0जी0एफ0 के स्वामित्व की भूमि को खुर्द बुर्द किया जा रहा है,साथ ही इस सम्बन्ध में अन्य तथ्यों की सत्यता के लिये गहनता से अन्वेषण किया जाना आवश्यक है. उक्त प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना रायपुर में 04.08.2022 को मु0अ0सं0 322/2022 धारा 419/420/467/468/471/120 बी भादवि बनाम अमित कुमार सिंह आदि पंजीकृत किया गया.
इस पूरे मामले में इन्वेस्टिगेशन अधिकारी विवेचक वरिष्ठ उप निरीक्षक नवीन जोशी द्वारा बयान वादी, बयान गवाहन अंकित करते हुए विवेचना से सम्बन्धित दस्तावेज प्राप्त कर साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी, जिसमें पाया गया कि पी0ए0सी0एल0 एवं पी0जी0एफ0 के स्वामित्व की भूमि के सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय द्वारा एक विशेष कमेटी रिटायर जस्टिस आर0एम0 लोढा के अध्यक्षता में गठित की गयी है और इस सम्बन्ध में पी0ए0सी0एल0 की जमीनों की खरीद फरोख्त के निर्णय लेने के सभी अधिकार उक्त विशेष कमेटी को ही है. यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि उक्त कमेटी द्वारा किसी भी सिकन्दर सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह के नाम कोई भी उक्त भूमि के सम्बन्ध में क्रय-विक्रय का अधिकार नही दिया गया है.वही विवेचना के दौरान यह पाया गया कि मुख्तारनामा में मुख्तारदाता सिकन्दर सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह निवासी गुजराडा देहरादून का आधार कार्ड फर्जी पाया गया है. साथ ही इसके द्वारा अमित,अंकित वर्मा व विजय कुमार को पी0ए0सी0एल0 एवं पी0जी0एफ0 के स्वामित्व की भूमि का मुख्तारनामा किया गया है.जबकि इसमें विक्रान्त चौरसिया पुत्र राकेश चौरसिया व प्रकाश सिंह पुत्र हुसन चन्द द्वारा गवाह बनकर फर्जी सिकन्दर की पहचान की गयी है. इस आधार पर दिनांक 23.04.2019 का मुख्तारनामाआम भी विवेचना में कूटरचित पाया गया. विवेचना के दौरान यह पाया गया कि अमित, अंकित वर्मा व विजय कुमार के द्वारा एक फर्जी सिकन्दर सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह नाम के व्यक्ति को खडा करके कूटरचित आधार कार्ड के आधार पर गलत मुख्तारनामाआम किया गया है और इस मुख्तारनामाआम के आधार पर पी0एस0सी0एल0 एवं पी0जी0एफ0 के स्वामित्व की भूमि को क्रय किया गया है.ऐसे में साक्ष्य संकलन के आधार पर मुकदमा उपरोक्त में दिनांक 02.03.2023 को अभियुक्त विक्रान्त चौरसिया पुत्र राकेश चौरासिया निवासी 202 चक्खूवाला कोतवाली नगर देहरादून उम्र 34 वर्ष, दिनांक 17.03.2023 को मुकदमा उपरोक्त के मुख्य आरोपी गैंग लीडर अमित कुमार पुत्र विनोद कुमार निवासी 168 दून विहार जाखन देहरादून उम्र 42 वर्ष को गिरफ्तार किया गया.वही इसके पश्चात 16.04.2023 को मुकदमा उपरोक्त में अभियुक्त प्रकाश सिंह पुत्र हुसन चन्द निवासी ग्राम मुन्ने तख्तगढ रूप नगर पंजाब को गिरफ्तार किया गया है. भू माफियाओं पर पुलिस के दबाब को देखते हुए अन्य 02 अभियुक्त अंकित कुमार व विजय कुमार द्वारा न्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया. वर्तमान समय में 05 अभियुक्त गण जिला कारागार देहरादून में निरूद्ध है.