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दुष्कर्म के एक मामले में देहरादून फास्ट ट्रेक कोर्ट में गवाहों और सबूतों के आधार पर अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई है..इतना ही नहीं दोषी करार दिए गए अभियुक्त असवार पर 35 हजार का आर्थिक दण्ड भी लगाया गया हैं. जुर्माने की धनराशि में से 30 हज़ार की रकम बतौर पीड़िता को क्षतिपूर्ति तौर पर अदा करने का आदेश भी न्यायालय ने दिया हैं..
जान पहचान बनाकर दुष्कर्म
देहरादून फास्ट ट्रेक कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार अनुसार मामला 11 फरवरी 2020 का है. पीड़िता के अनुसार घटना से 1 साल पहले उसकी जान पहचान चकशाहनगर निवासी असवार नाम के व्यक्ति से हुई. पीड़िता के आरोप अनुसार असवार ने किसी काम के बहाने उसको अपने कमरे में बुलाया. पीड़िता पहले से उसको पहचानती थी इसलिए वह कमरे में चली गई. आरोप है कि इसी दौरान आरोपी असवार ने पीड़िता के साथ जबरन अपने कमरे में दुष्कर्म किया और इस घटना के बारे में किसी को ना बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी. उधर पीड़िता ने इस मामले में नेहरू कॉलोनी में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया.पुलिस ने प्रारंभिक साक्ष्य व सबूत एकत्र कर इस केस में दोनों के कपड़ों से डीएनए लेकर FSL जांच के लिए भेजा.FSL लैब से DNA की रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद पुलिस पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की..ऐसे में कोर्ट में ट्रायल शुरू होने के बाद पिछले 2 साल के दौरान तमाम साक्ष्य एवं सबूत सहित साइंटिफिक एविडेंस के अवाला 6 गवाह कोर्ट में पेश किए गए.. ऐसे में देहरादून फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा और ₹35000 का जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया.