उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि,लाख दावों के बावजूद जिला प्रशासन उनके सामने कार्यवाही में बोना नजर आ रहा है.. व्हाइट कॉलर राजनीतिक जैसे लोगों की आड़ में अब बचें-कूचे नदी-नालों को भी कब्जाने का खेल दिनदहाड़े धड़ल्ले से चल रहा है.. ताजा मामला थाना पटेल नगर क्षेत्र शिमला बाईपास से सटे कारबारी ग्रांट का है.यहां कड़वापानी वनों के अंदर से आने वाली बरसाती नदी के बीचोबीच पुस्ता लगाकर जमीनें कब्जाने का खेल इन खुलेआम दिनों चल रहा हैं.. ट्रैक्टर और जेसीबी के सहारे नदी के बीच में पत्थरों को समतल कर बड़े-बड़े प्लाट बनाने का गोरखधंधा नजर आ रहा हैं. दर्जनों मजदूरों को काम पर लगाकर नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक वाले हिस्से में पत्थरों के जाल लगाकर प्लॉटिंग की जमीन तैयार की जा रही हैं. ताकि पहाड़ों से पयालन कर मैदान में वाले सीधे-साधे लोगों को गुमराह कर बरसाती नाले में प्लॉट बेचकर उनको ख़तरे में डाल सके.क्योंकि इससे पहले भी इस इलाकें में गुमराह कर नदी-नालों के किनारें विक्रय किये गए प्लॉटों पर बने घरों में बरसाती नालों के जलभराव से कई मकान ख़तरे की जद में हैं.
बरसाती नदी की चौड़ाई ख़त्म करने से आसपास के रिहायशी इलाकें ख़तरे की आशंका !
बरसाती नदी-नालों को खुर्दबुर्द करने में सबसे हैरानी की बात यह है कि जिस जगह यह बरसाती नदी में भूमाफियाओं द्वारा कब्जे का खेल कारनामा चल रहा है,उसके दोनों ओर ग्रामीण इलाका व नई कॉलोनी रिहायशी इलाका बसा हैं. ऐसे में इस बरसाती नाले के दोनों तरफ भूमियों की हदें तय कर पहले से सरकारी पक्के पुस्ते लगे हैं. लेकिन इसके बावजूद नदी के बीचोबीच अब पत्थरों का जालनुमा पुस्ता लगाकर नदी चौड़ाई ख़त्म प्लाटिंग की तैयारी सारी हदें पार करने जैसा है. ऐसे में अब यहाँ से गुजरने वाला बरसाती नदी-नाले का रास्ता का तंग होने से पानी रिहायशी इलाकें में ख़तरे की आशंका बढ़ा सकती हैं..
बहराल कारबारी ग्रांट के बरसाती नदी-नालों में-माफियाओं के इस कारनामें की शिकायत जिला प्रशासन (राजस्व ) और एमडीडए सहित पुलिस को दे दी गई है. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस अंधेरगर्दी प्रभावी कार्रवाई करता हैं या नहीं. हालांकि अभी तक की जानकारी के मुताबिक एमडीडीए मौके पर पहुंचकर राजस्व विभाग की मदद से आरोपित लोगों को नोटिस जारी करने की बात कह रहा है.