उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC)परीक्षा घोटालें मामले में चर्चित हाकम सिंह और संजीव चौहान को निचली अदालत से जमानत मिलने से अभियोजन पक्ष की पैरवी पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में अब जमानत मिलने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ STF हाईकोर्ट में अपील दायर करने जा रही हैं..ताकि हाकम सिंह और संजीव चौहान की जमानत को नैनीताल उच्च अदालत से निरस्त कराया जा सके.बता दें कि बीते 30 जनवरी 2023 को देहरादून के जिला एवं सत्र न्यायालय (Anti Corruption) से हाकम सिंह और संजीव चौहान को 2016 में हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा धाधंली मामलें में जमानत मिल गई है. हालांकि इस जमानत के बावजूद दोनों अभियुक्त गैंगस्टर सहित अन्य भर्ती परीक्षा मुकदमों में जमानत न मिलने के कारण जेल में बंद है.
भर्ती परीक्षा घोटालों को लेकर मुख्यमंत्री का सख़्त रुख़..
वही इस मामले में उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभा रहे ADG डॉ. वी.मुरुगेशन ने कहा कि UKSSSC संबंधित भर्ती परीक्षाओं के घोटालें मुकदमों में आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई को लेकर पहले दिन से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख़्त निर्देश हैं.उसी के दृष्टिगत निचली अदालत से जमानत मिलने वाले हाकम सिंह और संजीव चौहान जमानत के खिलाफ कानूनी औपचारिकता पूरी कर जल्द ही STF हाईकोर्ट में मजबूर अपील करेगी. ताकि अभियुक्तों की जमानत को खारिज़ कराई जा सके..
मजबूत पैरवी के बीच आरोपियों को जमानत कैसे..बड़ा सवाल ?..
बता दें कि वर्ष 2016 में हुई “ग्राम पंचायत विकास अधिकारी”भर्ती परीक्षा धाधंली के संबंध में अभियुक्त हाकम सिंह और संजीव चौहान सहित कई लोगों के खिलाफ 2020 में विजिलेंस ने धारा 420, 465, 467, 468, 471, 409, 201, 120 बी, IPC एवं धारा 13(1)डी सपठित धारा 13(2) भ्र0नि0अधि0 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.लेकिन इस केस में काफी समय तक विजिलेंस द्वारा कोई कार्रवाई न होने के कारण राज्य सरकार द्वारा इस मुकदमें की विवेचना सितंबर 2022 में एसटीएफ को सौंपी गई.उधर मामलें की इन्वेस्टिगेशन मिलते ही STF ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए इस केस से ज़ुड़े 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. अब दूसरी तरफ इस मामले में हाकम सिंह और संजीव चौहान जैसे मुख्य आरोपियों को जिला अदालत से जमानत मिल रही है. जबकि अभियोजन पक्ष इन प्रकरणों में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में मजबूत पैरवी का दावा करता आ रहा है.