देहरादून : आईएसबीटी में नाबालिग किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामलें में पुलिस के अनुसार कुछेक इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया सहित कई न्यूज़ पोर्टल बिना आधिकारिक पुष्टि की भ्रामक खबरें प्रसारित कर रहे हैं.जो पूरी तरह से पोक्सो एक्ट का उल्लंघन हैं.. ऐसा करने वालों के खिलाफ दून पुलिस पोक्सो की धारा 23 के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई सकती हैं..
पुलिस जानकारी के अनुसार लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (POCSO) ACT की धारा 23-मीडिया के लिए प्रक्रिया के अंतर्गत अभिलिखित है,कोई व्यक्ति,किसी भी प्रकार के मीडिया या स्टूडियो और फोटो चित्रण संबंधित सुविधाओं से,कोई पूर्ण या अधिप्रमाणित सूचना रखे बिना, किसी किशोर के संबंध में कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं करेगा.साथ ही उस पर कोई ऐसी टीका टिप्पणी भी नहीं करेगा.जिससे उसकी ख्याति का हनन या उसकी निजता का अतिलंघन होना प्रभावित होता हो..
दून पुलिस के अनुसार ISBT दुष्कर्म घटना के संबंध में बिना किसी अधिप्रमाणित सूचना के कोई खबर प्रकाशित या प्रसारित करता है तो पोक्सो एक्ट की धारा 23 के अनुसार अपराध कारित पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध वैधानिक कानूनी कार्रवाई की जा सकती है..
बिना आधिकारिक पुष्टि के खबरें चलने वाले स्वयं होंगे कानूनी कार्रवाई के जिम्मेदार:पुलिस
पुलिस के अनुसार आईएसबीटी क्षेत्र में नाबालिक बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की दुखद घटना में पुलिस द्वारा घटना में शामिल सभी पांचो अभियुक्तो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया हैं. घटना के संबंध में थाना पटेल नगर पर पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत है.इसके साथ ही पुलिस द्वारा अभियुक्तों के विरुद्ध साक्ष्य संकलन की कार्रवाई जारी हैं. लेकिन घटना के संबंध में कुछ इलेक्ट्रॉनिक/ प्रिंट मीडिया और न्यूज़ पोर्टलों द्वारा बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के खबरों को प्रकाशित/प्रसारित किया जा रहा हैं. ऐसे में उक्त संबंध में अवगत कराना है की घटना के संबंध पुलिस द्वारा जो ऑफिशल प्रेस नोट जारी किया जाए,उसे ही अधिकृत समझा जाए,और प्रकाशित किया जाय. इसके अतिरिक्त घटना से संबंधित किसी भी खबर को यदि कोई बिना किसी आधिकारिक जानकारी/ पुष्टि के प्रसारित अथवा प्रकाशित करता है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी संबंधित पक्ष की होगी..