रिलायंस ज्वैलरी डकैती के मास्टरमाइंड शशांक को ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया..रिकवरी की कार्यवाही तेज़..बिहार जेल में धड़ल्ले से मोबाइल इस्तेमाल कर  वर्चुअल सिम से करते हैं अपराधी प्लानिंग.. डकैती और लूट के रुपयों से गैंग लीडर सुबोध की 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी !.. देशभर से लूटपाट का सोना-पुल्लु उर्फ सरदार नेपाल में करता सौदेबाज़ी.. ..

शशांक को देहरादून न्यायालय के समक्ष पेश कर 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया जेल..

हेडलाइन

अभियुक्त से पूछताछ में पुलिस को डकैती की घटना में लूटे गए माल के संबंध में मिली अहम जानकारियां,रिकवरी की कार्यवाही तेज़

डकैतों द्वारा घटना के बाद दून पुलिस की चैकिंग देखकर भागने का रुट चैंज किया गया था..रैकी के दौरान अभियुक्तों की घटना के बाद हरिद्वार रुट से थी भागने की प्लानिंग..

मुख्य अभियुक्त शशांक पर कई राज्यों में लूट,डकैती सहित कई संगीन आपराधिक घटनाओं के कई मुकदमें दर्ज…

अभियुक्त शशांक अपने एक परिचित और सुबोध गैंग के सदस्य रोशन सिंह के माध्यम से आया था सुबोध सिंह के संपर्क में..

रोशन सिंह की हत्या होने के बाद अभियुक्त शशांक बन गया था सुबोध सिंह गैंग का सक्रिय सदस्य..

 अभियुक्त शशांक द्वारा सुबोध सिंह व अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वर्ष 2016 में बैरकपुर पश्चिम बंगाल के मणिपुरम गोल्ड शॉप में 28 किलो तथा वर्ष 2017 में आसनसोल पश्चिम बंगाल में मुथूट फाइनेंस में 55 किलो सोने की डकैती की घटना को दिया था अंजाम..

पश्चिम बंगाल में की गयी डकैती की घटना में अभियुक्त शशांक,सुबोध सिंह व अपने अन्य साथियों के साथ गया था जेल..

बेऊर जेल में अभियुक्त द्वारा जेल में बंद राजस्थान के हैकर से ली थी वर्चुअल सिम बनाने की ट्रेंनिग..

अभियुक्त शशांक,राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार तथा सुबोध द्वारा जेल से ही रची जाती थी सारी घटनाओं की साजिश.. वर्चुअल नंबरों से गैंग के अन्य सदस्यों से किया जाता था संपर्क..

रिलायंस डकैती प्रकरण में अब तक 11 अभियुक्तों की हो चुकी है गिरफ्तारी..

देहरादून: रिलांयस ज्वैलरी शोरूम डकैती प्रकरण में दून पुलिस द्वारा घटना के मास्टरमाइंड शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत को दिनांक 06-01-2024 को देर रात्री पटना के बेऊर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था.इसके बाद अभियुक्त को पटना कोर्ट में पेश करते हुए ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया.. पूछताछ में अभियुक्त शशांक द्वारा बताया गया कि गैंग लीडर सुबोध और उसके द्वारा ही देहरादून में रिलांयस ज्वैलरी शोरूम में लूट की योजना बनाई गयी थी.. घटना को अजांम देने के लिए प्रिंस कुमार, अखिलेश उर्फ अभिषेक, विक्रम कुशवाहा, राहुल और अविनाश को देहरादून भेजा गया था. इसके अतिरिक्त पूछताछ में मुख्य अभियुक्त शशांक से घटना में लूटी गई ज्वैलरी के सम्बंध में अहम जानकाया प्राप्त हुई.. जिसके आधार पर पुलिस रिकवरी की कार्रवाई तेज कर रही है.. अभियुक्त शशांक को न्यायिक हिरासत में 14 दिन के लिए सुद्दोवाला जेल भेजा गया हैं. अभियुक्त से पूछताछ में पता चला कि देशभर में लूट और डकैती का सारा सोना और हीरा राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार द्वारा नेपाल में सौदेबाजी का ठिकाना लगाया जाता है.

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बाईट-अजय सिंह,SSP, देहरादून.

डकैती और लूट के रुपयों से गैंग लीडर सुबोध की 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना

वही पुलिस पूछताछ में अभियुक्त शशांक द्वारा यह भी बताया गया कि सुबोध से उसकी पहचान अपने मौहल्ले में रहने वाले रोशन सिंह नाम के व्यक्ति के माध्यम से हुई थी, जो सुबोध के लिये काम करता था. वर्ष 2015-16 में रोशन की हत्या होने के बाद अभियुक्त शशांक सुबोध गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया. शशांक द्वारा सुबोध और अपने अन्य साथियों के साथ वर्ष 2016 में बैरकपुर पश्चिम बंगाल में मन्नापुरम गोल्ड शॉप में 28 किलो सोने तथा वर्ष 2017 में आसनसोल पश्चिम बंगाल में मुथूट फाईनेंस ब्रांच में 55 किलो सोने की डकैती की घटना को अजांम दिया गया था. उसके पश्चात अभियुक्तों द्वारा विशाखापटनम् में भी लूट की योजना बनाई पर घटना से पूर्व ही अभियुक्त शशांक को उसके 03 अन्य साथियों के साथ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था.इस घटना में सुबोध सिंह व उनके 02 अन्य साथी मौके से फरार होने में सफल रहे.जबकि अभियुक्त शशांक विशाखपटनम् में 09 माह जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया.इसके बाद अभियुक्त को उसके अन्य साथियों व सुबोध सिंह के साथ पुलिस द्वारा आसनसोल की घटना में गिरफ्तार कर बेऊर (बिहार) जेल भेज दिया गया.बेऊर जेल में अभियुक्त शशांक की पहचान राजस्थान के एक हैकर से हुई.जिसने शशांक और सुबोध के अलावा राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार को वर्चुवल सिम बनाने की ट्रेंनिग मिली.. सुबोध सिंह व राजीव सिंह से अभियुक्त शशांक का जेल में अच्छा तालमेल हो गया… सुबोध सिंह और राजीव सिह पहले से ही जेल में मोबाइल चलाते थे ये सभी लोग पहले व्हाट्सएप काल के माध्यम से बात करते थे.इसके बाद शशांक लोग वर्चुअल सिम के माध्यम से आपस में प्लानिंग की बातें करने लगे. पुलिस पूछताछ में शशांक ने बताया कि सुबोध सिंह पर लूट डकैती के कई मुकदमे दर्ज थे. ऐसे में सुबोध और राजीव ने शशांक से कहा उन्हें अपने पुराने केसो में जमानत करवानी है और 2025 में विधान सभा चुनाव में चुनाव भी लडना है..ऐसे में अब से जो भी लूट-डकैती की घटना होगी,उसमें मोबाइल फोन के जरिये घटना करने वाली टीम से तुम ही बात करोगे.इसके अलावा अगर बहुत महत्वपूर्ण है तभी हम दोनों में से कोई घटना करने वाली टीम के सदस्य से बात करेगा.इसके बदले हम तेरी जमानत जल्द से जल्द करवायेंगे औऱ तुझे पचास लाख से एक करोड रुपये तक दे देंगे.. शशांक ने पुलिस को बताया सुबोध और राजीव की इन सब बातों से वह सहमत हो गया और फिर पूरे गैंग को स्वयं ही ऑपरेट करने लगा..

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नकली SP सहित फ़र्जी पुलिस टीम बनकर महाराष्ट्र सांगली के रिलायंस शोरूम में बड़ी डकैती.. डकैती के बाद गूगल मेप से बदलते गए अभियुक्त अपना रास्ता.

मुख्य अभियुक्त शशांक से पूछताछ में यह भी जानकारी सामने आई की जून 2023 में सांगली महाराष्ट्र में सुबोध सिंह औऱ राजीव सिंह के द्वारा दिये जा रहे डायरेक्शन पर शशांक ने वर्चुअल सिम का प्रयोग करके रिलायंस शोरुम में घटना करवायी थी.. उस घटना में छोटू राणा उर्फ महाराणा प्रताप,अनिल सोनी उर्फ डीएसपी, अंकुर उर्फ सिकंदर, पंकज सिंह उर्फ चमत्कार, रोहित सिंह उर्फ यमराज, सुधीर शर्मा उर्फ डेविड, गणेश उर्फ अन्ना, प्रिंस निवासी बिहार शामिल थे.. सांगली महाराष्टृ में रिलांयस ज्वैलरी शोरुम बहुत बडा था और उसके कई कर्मचारी अलग-अलग काउंटर में फैले हुए थे और शोरुम के सामने दो-तीन ठेली वाले थे. इस कारण रैकी करने वाली टीम ने बोला कि पास में ही SP आफिस और पुलिस चौकी है.ऐसा न हो कि ठेली वाले घटना की सूचना पुलिस को दे दें.ऐसे में तब सुबोध सिंह ने कहा कि रिलांयस शोरुम में पुलिस वाला बनकर ही एन्ट्री करो और किसी घटना का जिक्र करके शोरुम के सभी कर्मचारियों को एक जगह इक्कटठा कर लो.इसके बाद अनिल सोनी ने पुलिस के डीएसपी का रोल और सुधीर शर्मा उर्फ डेविड ने एस0आई0 का रोल करके घटना को अजांम दिया..माह सितम्बर 2023 में फिर शशांक और सुबोध सिंह सहित राजीव सिंह ने देहरादून में सोना लूटने की योजना बनवायी औऱ अनिल सोनी उर्फ डीएसपी को रैकी करने के लिये देहरादून भेजा..यहाँ अनिल सोनी ने राजपुर रोड पर रिलायंस ज्वैर्ल्स शोरुम को चिन्हित किया था और वर्चुअल कॉल के माध्यम से शशांक को बताया कि शौरूम मेन रोड से थोडा अन्दर है. यह जगह घटना करने के लिये बिल्कुल ठीक है..इसी जानकारी पर शशांक ने तब गूगल मैप से घटनास्थल से आने जाने का रुट मैप बनाया और अनिल सोनी को रुट को देखने के लिये भेजा.  अनिल सोनी द्वारा बताया गया कि पोंटा साहिब वाला रुट और हरिद्वार वाला रुट देहरादून से बाहर निकलने के लिये ठीक है. मैं गूगल मैप के जरिये घटना करने के बाद किस रास्ते से भागना है.उसमें A से H तक प्वांइट बनाकर जनपद से बाहर निकलने का रास्ता घटना करने वाली टीम को व्हाटसअप काल के माध्यम से बताया करता हूँ.शशांक के अनुसार तब उसने सुबोध व राजीव सिंह से वार्तालाप करके राहुल चौंदा,अविनाश,प्रिंस उर्फ सिंघम, विक्रम उर्फ पायलेट, अभिषेक उर्फ अखिलेश उर्फ गांधी से घटना करवायी. घटना वाले दिन प्लानिंग यह थी कि विक्रम उर्फ पायलट शिमला बाईपास से अर्टिगा गाडी में माल डालकर और अविनाश और राहुल चौंदा को लेकर हरिद्वार की तरफ निकलगें. लेकिन घटना वाले दिन घटना करने के बाद कई जगह पुलिस की चैकिंग मिलने के कारण दोनो बाईकों और अर्टिगा गाडी में काफी दूरी हो गई. इस कारण गैंग लीडर सुबोध द्वारा प्लान बदलकर अपने साथियों को नदी के रास्ते निकलकर पौंटा साहिब वाले रुट से जाने के लिए कहा गया. घटना के बाद रुट में पुलिस चैकिंग शुरु हो गयी थी जिस कारण इन लोगों ने घटना में प्रयोग की गयी दोनों अपाचे बाइक व आर्टिगा गाडी को रास्ते में ही छोड दिया व अलग अलग माध्यमो से देहरादून से बाहर निकल गये.. 

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दून पुलिस के इनपुट के कारण गुजरात मेहसाणा में डकैती से पहले ही विकास को किया गया गिरफ्तार..

दून पुलिस के अनुसार अभियुक्त शशांक द्वारा माल के सम्बंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है.जिसके सम्बंध में कार्यवाही की जा रही है. अभियुक्त शशांक व सुबोध, राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार द्वारा ही गुजरात के मेहसाणा में डकैती की योजना बनायी गई थी.वही घटना की रैकी के लिए अपने गैंग के 02 सदस्यों अनिल सोनी और विकास कुमार को भेजा गया था.लेकिन दून पुलिस के इनपुट पर गुजरात पुलिस और दून पुलिस की टीमों द्वारा घटना से पूर्व ही अभियुक्त विकास कुमार को गिरफ्तार कर योजना को विफल कर दिया..

नाम/पता अभियुक्त-

शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत पुत्र धनंजय कुमार, निवासी सोनापुर थाना सिमरी, बगथ्यारपुर, जिला सहरसा बिहार, उम्र-25 वर्ष।

आपराधिक इतिहास –

1- मु0अ0सं0- 960/16, धारा 394 भादवि तथा 25/27 आर्म्स एक्ट, थाना बडानगर, बराकपुर, पश्चिम बंगाल।

2- मु0अ0सं0- 387/17, धारा 395, 397 भादवि तथा 25/27 आर्म्स एक्ट, थाना हीरापुर असानसोल, पश्चिम बंगाल।

3- मु0अ0सं0- 275/17, धारा 398, 324 भादवि तथा 25/27 आर्म्स एक्ट, थाना चटर्जीहाट, पश्चिम बंगाल।

4- मु0अ0सं0- 18/2018, धारा 25(1)। आर्म्स एक्ट, थाना राजीवनगर पटना बिहार।

5- मु0अ0सं0- 424/23, धारा 395, 323, 504, 506, 427, 170, 171, 120 बी भादवि व 3/25 आर्म्स एक्ट, थाना विश्रामबाग शांगली, महाराष्ट्र।

खबर सनसनी डेस्क

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