देहरादून:देश दुनिया में एक भीषण महामारी की तरह तेजी से फैल रहे साइबर क्राइम अपराध से कैसे बचें,ये आज की डिजिटल दुनियां से जुड़े हर किसी का सवाल है.अगर ऐसा है आपको यह ख़बर जरूर पढ़नी चाहिए..दरसल उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा एक ऐसी बहुचर्चित “साइबर एनकाउंटर्स”पुस्तक 12 सच्ची घटनाओं के आधार पर लिखी गई हैं, जिसको पढ़कर आप न सिर्फ आग की तरह तेजी से फैल रहे हाईटेक साइबर क्राइम से जागरूक होकर बच सकते हैं.बल्कि अपने परिवार और समाज को भी इस आर्थिक ठगी के अपराध से बचा सकते. ऑनलाइन डायरेक्ट सेलिंग में धूम मचा कर हॉट सेलिंग बनने वाली इस पुस्तक का हिंदी रूपांतरण 7 मई 2023 रविवार को देहरादून में उत्तराखंड मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया.जनहित को समर्पित साइबर एनकाउंटर फेसबुक का अंग्रेजी वर्जन कुछ दिन पहले दिल्ली के आईआईटी में लॉन्च किया गया था और इसका हिंदी रूपांतरण देहरादून में किया गया.
आने वाला युद्ध साइबर अटैक से जुड़ा
साइबर एनकाउंटर के मुख्य लेखक डीजीपी अशोक कुमार ने अपने पुस्तक के विमोचन में कहा कि आने वाला युग साइबर अटैक का है इसलिए साइबर क्राइम की दुनिया कितनी भयावह है इसके प्रति जन जागरूक होना बेहद जरूरी है ताकि आधुनिक युग में जब हम डिजिटल की दुनिया में जी रहे हैं उस में तेजी से चल रहे अपराध से खुद को बचा सके.साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों को दर्शाती बहुप्रतीक्षित पुस्तक “साइबर एनकाउंटर्स” का हिन्दी संस्करण आज लांच किया गया. उत्तराखंड पुलिस महानिदेशकअशोक कुमार एवं ओ0पी0 मनोचा, पूर्व डी0आर0डी0ओ0 वैज्ञानिक की पुस्तक का विमोचन सेंट जोसेफ अकादमी सभागार, देहरादून में आयोजित एक भव्य समारोह के बीच हुआ. समारोह के मुख्य अतिथि उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रहे.उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल के. रतूड़ी एवं दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 सुरेखा डंगवाल सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल हुए.
साइबर क्राइम से बचने के लिए डाटा के प्रति जागरूक जरूरी: कुलपति दून विश्वविद्यालय
दून विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो0 सुरेखा डंगवाल ने बताया कि आज के युग में किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे कीमती चीज उसका डेटा है. उन्होंने कहा कि समाज व पुलिस को साथ मिलकर सजग रहकर इस दिशा में कार्य करना है. ताकि आमजन साईबर फ्रॉड से बच सकें. इसके अतिरिक्त उन्होंने साईबर अपराध की रोकने के लिए डिजीटली स्मार्ट युवाओं की आवश्यकता बतायी.
जन जागरूकता और साइबर टिप्स की जानकारी से ही इस अपराध से बचा जा सकता है: डीजीपी
वही “साइबर एनकाउंटर्स” मुख्य लेखक DGPअशोक कुमार ने बताया कि तेजी से बदलती टेक्नॉलाजी के कारण पूरा जीवन आनलाइन हो गया है और कोविड-19 के कारण जीवन के हर सेगामेंट में तकनीक का दायरा भी बढ़ा गया है. साईबर अपराधियों का हजारों मील दूर होना, डिजीटल फुटप्रिन्ट का न होना मुख्य चुनौतियां बनकर सामने आयी है. इसके अतिरिक्त DGP ने बताया कि आम अपराधों की तुलना में साईबर क्राइम का ग्रॉफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि साईबर टिप्स के माध्यम से साईबर अपराधियों का डिजीटल एनकाउंटर्स कर साईबर अपराधों को रोका जा सकता है.
पुस्तक साइबर क्राइम से संबंधित जागरूकता संदेश को जन-जन तक पहुंचाएगी:मुख्यमंत्री
“साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक विमोचन समारोह में उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मंच पर “साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक के हिंदी संस्करण का अनावरण किया,जो साइबर अपराधियों द्वारा साइबर स्पेस में उपयोग किए जाने वाले शार्टकटस् से आम जनता को रूबरू कराने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी.CM धामी ने दोनों लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि “साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक गागर में सागर भरने का कार्य कर रही है. आज के दौर में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध के परिदृश्य में यह पुस्तक काफी प्रासंगिक है. साइबर क्राइम आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है और प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस चुनौती के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करना इस पुस्तक की प्रासंगिकता को और बढ़ा देता है. उत्तराखण्ड पुलिस साइबर क्राइम से निपटने में बहुत अच्छा काम कर रही है, और देश के कोने कोने से साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है. साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है ,यह पुस्तक साइबर क्राइम से संबंधित जागरूकता संदेश को जन-जन तक पहुंचाएगी.
साइबर क्राइम से बचने के लिए छात्रों व युवाओं के हर सवाल का DGP ने दिया जवाब..
समापन से पूर्व पुस्तक के लेखकों के साथ एक विशेष हस्ताक्षर सत्र हुआ, जिसमें लम्बी-लम्बी लाइन लगी थी. इसी क्रम में क्रार्यक्रम को आगे बढाते हुए युवाओं व लेखकों के बीच संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें युवाओं के द्वारा आनलाइन गेंमिग, फेसबुक पर कम उम्र के बच्चों द्वारा प्रोफाइल बनाने, ब्रेन वास से सम्बन्धित सवाल किये गये. साथ ही युवाओं के द्वारा साईबर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस का सहयोगी बनने का सुझाव दिए गए. इसी क्रम में प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक में साईबर एजुकेशन को शामिल करने का सुझाव दिया गया. युवाओं के सवालों के जवाब देते हुए DGP अशोक कुमार ने युवाओं से पुलिस के साथ मिलकर साईबर वॉरियर बन आम लोगों की मदद करने की अपील की. कार्यक्रम का समापन डॉ. अलकनंदा अशोक द्वारा सभी उपस्थित अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ.