
देहरादून: देहरादून के बहुत चर्चित फर्जी रजिस्ट्री घोटाले मामले में देहरादून बार एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से करने की मांग की है.इतना ही नहीं बार एसोसिएश का आरोप है कि इस फर्जीवाड़े में मुख्य रूप से मात्र अधिवक्ताओं को ही टारगेट कर पुलिस रजिस्टार-कलेक्ट्रेट कर्मचारियों/अधिकारियों को बचाने में जुटी हैं. जबकि पूरे घोटालें में रजिस्टार रिकॉर्ड रूम सहित दाखिल खारिज करने वाले तहसीलदार और एसडीएम अथॉरिटी के खिलाफ अब तक SIT कोई जांच पड़ताल नहीं कर रही हैं. बार एसोसिएशन के मुताबिक दूसरी तरफ इस पूरे जालसाज़ी के मास्टरमाइंड सहारनपुर निवासी के०पी०(कुंवर पाल) को भी पुलिस अब तक गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश नहीं कर पाई है. SIT की इन्वेस्टिगेशन पर कई सवाल उठाते हुए देहरादून बार एसोसिएशन ने हापुड़ में वकीलों की पर लाठीचार्ज और रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अधिवक्ताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मंगलवार दोपहर बाद देहरादून न्यायालय में कार्य न करने की घोषणा की है.
एसएसपी और डीजीपी का होगा घेराव: बार एसोसिएशन
देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि फ़र्जी रजिस्ट्री घोटाले मामले में जिस तरह से पुलिस SIT राजस्व कर्मचारियों को छोड़ सिर्फ अधिवक्ताओं को टारगेट कर जांच के नाम पर प्रताड़ित कर रही है.उससे पूरे कचहरी परिसर में भय का वातावरण बना हुआ है.पुलिस बिना सबूत के आधार पर ही अलग-अलग अधिवक्ताओं को निशाना बनाकर पूछताछ से परेशान कर रही है. ऐसे में अगर बेवजह अधिकताओं को इसी तरह परेशान किया गया तो जल्द ही देहरादून एसएसपी और डीजीपी का घेराव किया जाएगा.
केपी को 41 के नोटिस में छोड़ना ही सबसे बड़ी गलती: बार एसोसिएशन
फर्जी रजिस्ट्री घोटाले मामले में देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने पुलिस के कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्व में जब क्लेमेंन टाउन की एक बडे जमीन फर्जीवाड़े में मास्टरमाइंड के०पी० (कुँवर पाल) सहित कई लोगों के खिलाफ संगीत धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था तो पुलिस ने धारा 41 में नोटिस देकर मास्टरमाइंड कुँवर पाल को क्यों छोड़ दिया. अगर उसे समय मुख्य आरोपी के०पी० पर शिकंजा कसा जाता तो आज इतना बड़ा फर्जी रजिस्ट्री घोटाला न हो पाता. अनिल शर्मा ने कहा कि उन पुलिस कर्मचारी और अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने के०पी० के खिलाफ शिकंजा कसने में पूर्व में लापरवाही बरती.