चीनी फर्जी लोन ऐप के जरिए देशभर में अवैध वसूली करने वाले गिरोह के औरंगाबाद स्थित औरंगाबाद एक कॉल सेंटर ठिकाने का पर्दाफाश उत्तराखंड STF ने 150 लोगों को डिटेन किया है. हालांकि इस कॉल सेंटर को चलाने वाला शातिर सैयद जोहेब पुत्र सैय्यद मुमताज अहमद मौके से फरार हो गया जिसकी धरपकड़ जारी है.STF ने यह कार्यवाही महाराष्ट्र पुलिस के साथ संयुक्त ऑपरेशन में औरंगाबाद में की. एसटीएफ जांच-पड़ताल के अनुसार कॉल सेंटर की आड़ में लोन की वापसी के लिए देश भर के लोगो से लगभग 150 लोग जबरन वसूली करते थे. मौके से 1500 मोबाइल सिम एवं 02 सिम बॉक्स को जब्त किया गया हैं.इस पूरी करवाई से देश भर में फ़र्ज़ी ऑनलाइन लोन app के माध्यम से जबरन वसूली करने वाले गिरोह के हौसले पस्त हो जायेंगे. बता दें कि चाइना निवासी 5 मास्टरमाइंड अपराधियों के इशारे पर भारत में फर्जी ऑनलाइन लोन एप के जरिए सैकड़ों करोड़ रूपए अवैध वसूली अपराध का खुलासा पिछले दिनों STF ने किया था.इस कार्यवाही में एसटीएफ ने दिल्ली निवासी इंडियन मास्टरमाइंड अंकुर ढींगरा को गुड़गांव से गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इसी क्रम में जेल भेजे गए अभियुक्त से पूछताछ जानकारी के आधार पर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से संचालित होने वाले इस कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया है.. STF के अनुसार औरंगाबाद में कॉल सेंटर चलाने वाला मुख्य आरोपी सय्यद जोहेब पहले से फरार हैं. उसके विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर जारी किया जा रहा हैं.
80 फर्जी लोन एप प्रतिबंध कार्रवाई प्रचलित
उत्तराखंड STF के अनुसार इस case की विवेचना के लिए विशेष टीम का गठन किया गया हैं.इस टीम द्वारा अनुमानित 75-80 फर्जी लोन एप को बन्द कराने की कार्यवाही प्रचलन में लायी जा चुकी है.इतना ही नहीं फर्जी लोन के नाम पर SMS का प्रयोग कर लगभग 70 SMS HEADER को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए सम्पूर्ण भारत वर्ष में इसे बन्द करवाने का प्रयास किया जा रहा हैं..
वांटेड अभियुक्त-
1- सैयद जोहेब पुत्र सैय्यद मुमताज अहमद निवासी बंगला नम्बर 1, राज हाईट्स टाउन सैन्टर सिडकु सेवन हिल एमजीएम हॉस्पिटल के सामने औरंगाबाद महाराष्ट्र .
गिरोह ने देहरादून निवासी से 17 लाख ठगे थे
STF के मुताबिक़ बीते दिनों देहरादून के लूनिया मोहल्ला निवासी के साथ करीब 17 लाख रुपये की ऑनलाईन लोन एप के माध्यम से साईबर ठगी हुई थी. जिसका संज्ञान साईबर क्राईम पुलिस द्वारा लिया गया.इस केस में प्रथम दृष्टया जांच में पाया कि भारत सरकार के NCRP पोर्टल पर भी फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों की विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई..
Phonepe लाइसेंस की आड़ में अवैध वसूली का गोरख धंधा.
STF एसएसपी आयुष अग्रवाल के मुताबिक भारत भर में फर्जी लोन ऐप के जरिए अवैध वसूली मामले में पिछले दिनों गिरफ्तार अभियुक्त अंकुर ढींगरा ने कड़ी पूछताछ में बताया था की उसके द्वारा कुछ चीनी मूल के नागरिकों को 2019-20 में औरंगाबाद ले गया था. इसके बाद ही औरंगाबाद में यह फर्जी कॉल सेंटर अवैध वसूली के लिए शुरू किया गया. वही इसी क्रम में STF की विवेचना में यह बात भी सामने आई कि वोडाफोन कंपनी के 77 नंबर की एक विशेष सीरीज से गिरोह के कॉल सेंटर जैसे लोगों को लोन apps के सन्दर्भ में पैसे वसूलने का काम भी किया जा रहा हैं. ऐसे में गहनता से इन नंबरों को चेक करने पर साफ हुआ की एक साथ 32 SIM को बीते 4 अक्टूबर 2022 को एक ही कंपनी यश इंटरप्राइजेज द्वारा पोर्ट कर एक्टिवेट किये गए थे. इसी जांच–पड़ताल के मुताबिक देहरादून Cyber police station की टीम ने औरंगाबाद पुलिस (महाराष्ट्र ) के साथ संयुक्त अभियान चला कर औरंगाबाद स्थित कॉल सेंटर पैठण गेट में Raid डाली. कार्रवाई के दौरान पता चला कि एक शातिर अभियुक्त सैयद सोहेब इस कॉल सेंटर को संचालित कर था. कॉल सेंटर में लगभग 150 लोग पब्लिक से फ़ोन पर जबरन वसूली कर रहे थे. कॉल सेंटर के कर्मचारियों द्वारा बताया गया की कंपनी का मालिक सय्यद जोहेब विभिन्न टीम लीडर्स के माध्यम से इनको काम देता था. गिरोह को Bhart Pay और Vodafone के लाइसेंस प्राप्त हैं. लेकिन इसकी आड़ में गैंग के लोग भारत के विभिन्न लोगो को कॉल करके अवैध पैसे वसूलने का काम कर रहे थे. ऐसे में STF द्वारा गिरोह के 10 टीम लीडर्स एवं कॉलर्स के विरुद्ध 41क सीआरपीसी का लीगल नोटिस तमील करवाया गया हैं.