थीसिस फाडने की बात झूठ, तथ्यहीन और भ्रम फैलाने वाली ख़बर: SGRR..
युवा डाॅक्टर की आत्महत्या को निजी हितों के लिए इस्तेमाल कर रहे कुछ लोग: SGRR..
देहरादून: श्री गुरु राम राय (SGRR) मेडिकल कॉलेज ने अध्यनरत छात्र की मौत प्रकरण विवाद को लेकर SGRR संस्थान ने सफाई देते हुए स्थिति स्पष्ट की है. SGRR संस्थान के मुताबिक शिशु रोग विभाग के संज्ञान में प्रारम्भ में यह जानकारी आई थी कि छात्र देवेश गर्ग पीजी छोड़ना चाहते हैं. उनका प्रवेश अंतिम काउंसलिंग में हुआ था और वह पीजी की पढ़ाई में सामन्जस्य स्थापित नहीं कर पा रहे थे. उस समय उनकी यूनिट भी बदली गई. उनके पिता काॅलेज में आए थे. उनके पिता को समझाकर विभागीय काउंसलिंग की गई कि देवेश पीजी का कोर्स पूरा करें. काफी हद तक समझाने और काउंसलिंग के बाद उन्होने पढ़ाई शुरू कर दी थी. छात्र के पिता, किसी अभिभावक या स्वयं छात्र ने कभी भी किसी प्रकार की कोई मौखिक या लिखित शिकायत काॅलेज में नहीं दी. इसमें कोई संदेह नहीं है कि मेडिकल की पढाई कठिन होती है. मेडिकल एजुकेशन की रेग्यूलेटी बाॅडी नेशनल मेडिकल कमीशन के नियमों का काॅलेज और छात्र को सख्ती से पालन करना पढ़़ता है.
SGRR मेडिकल काॅलेज ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राचार्य उत्कर्ष शर्मा ने यह कभी दावा नहीं किया कि छात्र ने पारिवारिक कारणों से छात्र ने यह आत्मघाती कदम उठाया. जिन समाचार पत्रों, सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारी प्रकाशित की गई है उसका खण्डन प्रकाशित किया जाना चाहिए. छात्र द्वारा उठाया गया यह कदम पूर्णता जाॅच का विषय है. छात्र ने आत्महत्या की है,लेकिन कारणों के बारे में SGRR मेडिकल काॅलेज जानकारी नहीं दे सकता है. संस्थान ने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि कुछ छात्र बिना मेहनत किए हुए काॅलेज प्रशासन पर दबाव बनाकर अपनी डिग्री हासिल करना चाहते हैं. ऐसे असमाजिक तत्वों से समाज को सावधान रहने की आवश्यता है. छात्रों एवम् फकल्टी एमएनसी के नियमों से बंधे हुए हैं. काॅलेज प्रशासन व सभी फैकल्टी छात्र-छात्राओं के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं.कुछ समाचार पत्रों एवम् सोशल मीडिया में इस जानकारी का उल्लेख किया गया है कि थीसिस फाडी गई थी यह जानकारी सरासर झूठ है, तथ्यहीन है और आपत्तिजनक है. यदि किसी के व्यक्ति के पास इस बात का काई प्रमाण हो तो वह सार्वजनिक जानकारी में प्रमाण को प्रस्तुत करे.SGRR के अनुसार थीसिस को तैयार करने और जमा करने का समय तृृतीय वर्ष में होता है,जबकि छात्र अभी प्रथम वर्ष में था.कुछ छात्रों ने एक युवा डाॅक्टर की आत्महत्या के विषय का इस्तेमाल निज स्वार्थों को पूरा करने केे लिए किया है. इस बात की जाॅच की जा रही है। संस्थान ऐसे छात्रों के खिलाफ निष्पक्ष जाॅच की पैरवी करता है. छात्र की मौत को आधार बनाकर कुछ छात्रों ने अपनी निजी मांगों को सामने रख दिया यह बेहद दुर्भाग्यपूर्णं है SGRR कॉलेज ने कहा कि यहां पर उल्लेख करना उचित रहेगा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर मृृत्यु के कारण स्पष्ट हो जाएंगे.लेकिन मानसिक तनाव के कारणों का पता नहीं चलेगा.मानसिक परेशानी के बारे में घरवालों को या अन्य सहयोगियों को जानकारी हो सकती है. उनके द्वारा ही मेडिकल काॅलेज को इस सम्बन्ध में जानकारी दी जा सकती है..
एसजीआरआर कॉलेज ने कहा कि उनके मेडिकल काॅलेज में छात्र द्वारा आत्महत्या के मामले को राजनीतिक रंग देने वालों के खिलाफ मेडिकल काॅलेज कानूनी कार्रवाई करेगा. सोशल मीडिया, ट्विटर व इंस्टाग्राम पर भ्रामक जानकारियों को पोस्ट करने वालों के खिलाफ मेडिकल काॅलेज प्रबन्धन ने पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड को शिकायती पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों ने मामले से जुड़े सभी साक्ष्यों एवम् वीडियो फुटेज को देखने के बाद मेडिकल काॅलेज की छवि खराब करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.