देशव्यापी नेटवर्क को ध्वस्त कर दूनवासियों को सुरक्षित रखना देहरादून पुलिस की जिम्मेदारी -एसएसपी देहरादून
देहरादून: जनपद देहरादून एसएसपी अजय सिंह के दिशा निर्देश में दून पुलिस ने एक ऐसे नकली दवा बनाने वाली कंपनी का पर्दाफ़ाश कर शातिर तो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है,जिनके द्वारा हरिद्वार रुड़की ग्रामीण क्षेत्र में नकली दवाओं को तैयार कर दिल्ली,मुंबई,कोलकाता व चंडीगढ़ जैसे कई राज्यों में दवाओं को सप्लाई किया जाता था. करोडों रूपए इस काले कारोबार को ध्वस्त करते हुए पुलिस ने 29 लाख से अधिक नकली दवाइयां/कैप्सूल्स और लाखों के मशीनें जब्त करने के साथ ही करोड़ों रुपए के बैंक ट्रांजैक्शन को फ्रिज किया है..पुलिस खुलासे के अनुसार देहरादून के रायपुर सहस्त्रधारा रोड से संचालित होने वाले इस नकली दवाओं के गोरखधंधे को चलाने वाले अभियुक्तों की निशानदेही पर हरिद्वार के झबरेड़ा मकदुमपुर गांव निकट लकनौंता चौराहा स्थित एक फैक्ट्री और अभियुक्त सचिन शर्मा के गोदावरी रूडकी हरिद्वार स्थित फ्लैट से भारी मात्रा में नकली दवाईयाँ,नकली दवाईयां बनाने के उपकरण और नकली दवाईयां बनाने के लिये कच्चा माल व अन्य सामाग्री की बरामद कर मकदूमपुर हरिद्वार में स्थित फैक्ट्री को सील किया हैं.. पुलिस ख़ुलासे के अनुसार नकली दवाओं का धंधा चलाने वाला ये गिरोह दिल्ली की एक नामी कंपनी का नाम इस्तेमाल कर कूटरचित तरीके से जालसाज़ी कर गोरखधंधा चल रहा था.. इस मामलें शिकायतकर्ता कंपनी JAGSONPAL PHARMACEUTICALS LIMITED अशोक विहार गुडगांव के डिप्टी मैनेजर द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया,जिसमें बताया गया कि सचिन शर्मा प्रोपराईटर एस.एस. मेडिकोज अमन विहार देहरादून द्वारा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर वादी की कम्पनी JAGSONPAL PHARMACEUTICALS LIMITED के नाम से जालसाजी, कूटरचना व धोखाधडी कर नकली/मिलावटी दवाइयां बेची जा रही हैं.मामलें की गम्भीरता को देखते हुए देहरादून एसएसपी द्वारा तत्काल थाना रायपुर पर धारा 420/467/468/471/483/486/336 IPC में न सिर्फ मुक़दमा पंजीकृत किया.बल्कि प्रभावी कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन कर देहरादून और हरिद्वार में छापेमारी की कार्रवाई को नकली दवाओं की भारी खेप के साथ मुख्य अभियुक्त सचिन शर्मा पुत्र नरेंद्र कुमार शर्मा निवासी हरिद्वार मंगलौर रुड़की और उसके पार्टनर विकास पुत्र उदयवीर निवासी मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया.
एसएसपी द्वारा गठित पुलिस टीम ने जांच-पड़ताल कर नामजद अभियुक्त सचिन शर्मा के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो अभियुक्त की एक मेडिकल शॉप देहरादून के सहस्त्रधारा रोड़ अमन विहार मेंहोने के सम्बन्ध में जानकारी मिली..ऐसे में पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए अभियुक्त सचिन शर्मा व उसके पार्टनर विकास कुमार को पाल्टेक्निक रोड धर्मकांटा रायपुर के पास से रेंज रोवर गाडी के साथ दोनों को गिरफ्तार किया ..इस दौरान अभियुक्तों के कब्जे से बरामद वाहन में रखी इन्डोकेप व इन्डोकेप एस.आर. दवाईयों के 24 डिब्बे कुल 7200 कैप्सूल नकली दवाईयां भी बरामद हुई..
कोरोना काल में नौकरी जाने के बाद आया नकली दवाओं से करोड़ों कमाने का आइडिया..
नकली दवाओं के धंधे लिप्त अभियुक्त सचिन शर्मा ने पुलिस पूछताछ बताया कि उसका पार्टनर विकास कुमार और वह एक दूसरे को पहले से जानते है..सचिन जब स्टेफफोर्ड लैबोरेट्री लिमिटेड भगवानपुर में सुपरवाईजर का काम करता था,जहाँ दवाईयाँ बनती है उसी दौरान विकास जगसन पाल भी फार्मास्यूटिकल कम्पनी में हरिद्वार में मार्केटिंग का काम करता था. कोरोना काल में दोनों की नौकरी छूट गयी थी. उसके बाद दोनों ने प्लान बनाया कि वह लोग जैगसन पाँल कम्पनी एंव वर्लटर बूसनल कम्पनी के नाम से नकली दवाईयाँ तैयार कर मार्केट में बेच सकते है,जिससे उनको करोडों रुपये कमाने का मौका मिलेगा.सचिन और विकास दोनों को दवाईयों की कम्पनी में रह कर दवाईयां बनाने की जानकारी हो गयी थी.लिहाज़ा दवाईयाँ कैसे बनेगी इससे पहले दोनों अभियुक्तों द्वारा कई फर्म खोली गयी..
कच्चा माल रोलेक्स फार्मा बाम्बे की एक कम्पनी से खरीदते थे: अभियुक्त
अभियुक्त सचिन ने पूछताछ में यह भी बताया दिसम्बर 2022 में एक एस.एस. मेडिकोँज नाम से एक फर्म खोली थी,जिसका प्रोपराइटर मैं हूं..लेकिन फर्म में भी दोनों की पार्टनरशिप हैं. फर्म से जितना लाभ प्राप्त होता हैं उसको दोनो 50-50 प्रतिशत बराबर बाँट लेते है.. नकली दवाओं के सौदागर सचिन और विकास ने पुलिस की गहन पूछताछ में यह भी जानकारी दी की उक्त कम्पनी की दवाईयाँ वह लोग अपनी फैक्ट्री मकदूमपुर गाँव निकट लखनौता चौराहा झबरेड़ा में बनाते है.यहाँ उनके द्वारा उक्त फैक्ट्री में दवाईयाँ बनाने के लिये मशीने रखी है और वही कच्चा माल भी रखा रहता हैं..नकली दवाईयाँ बनाने के लिये कच्चा माल रोलेक्स फार्मा बाम्बे की एक कम्पनी से खरीदते थे.जिसका भुगतान अभियुक्तों द्वारा आँनलाईन किया जाता था. कच्चा माल विजयलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट से रुड़की आता है..जिसे रुड़की में उतारकर फैक्ट्री में ले जाते है.. कच्चे माल की डिलीवरी हफ्ते में ली जाती है.उसके बाद सचिन और विकास के द्वारा फार्मा स्यूटिकल कम्पनी एंव अन्य कम्पनी की दवाईयाँ को उनके कम्पोजिशन के आधार पर कुछ कम मात्रा में भरकर नकली दवाईयाँ बनायी जाती है..इसके बाद एस.एस. मेडिकोज नाम की फर्म से सेल करते है..सचिन ने बताया कि एस.एस. मेडिकोज की फर्म बनाने के लिये उसने अपने नाम पर ड्रग लाईसेन्स लिया है,जो मैने वर्ष 2022 में बनाया था. इसी कर तहत एस.एस मेडिकोज नाम की फर्म का आँफिस देहरादून में सहस्त्रधारा रोड़ में खोला है.यहीं से दोनों अभियुक्त नकली दवाइयों की खेप को दिल्ली, लखनऊ एंव कोलकाता आदि शहरों में बेचते है..
नकली दवाओं की कमाई करोड़ों की संपत्ति और ऐशोआराम के साधन जुटाए
नकली दवाओं के काले कारोबार से ज़ुड़े गिरफ्तार अभियुक्त सचिन और विकास के अनुसार के पूर्व में मेडिसन मार्केटिंग में होने के कारण ख़ासकर विकास पहले से मेडिकल डीलरों से सम्पर्क था.ऐसे के दोनों अभियुक्त देश के कई राज्यों के मेडिकल स्टोर और डीलरों को मोटा लालच देकर अपनी फैक्ट्री में तैयार नकली दवाईयाँ बेचते थे.. पुलिस जांच पड़ताल में यह भी पता चला कि दोनों अभियुक्त एक हफ्ते में नकली दवाई के 10 पेटी करीब 200 डिब्बे तैयार कर लेते है,जिन्हे बेचकर करोडों रुपये का लाभ कमा कई सम्पत्तियाँ भी अर्जित की गयी है..इतना ही नहीं नकली दवाओं की मोटी कमाई से रेंज रोवर जैसी क़ीमती कार भी काले पैसो से ली गई हैं. इसके अतिरिक्त विकास ने रुड़की में 35 लाख रुपये का प्लाँट व 12 लाख रुपये की KIA सोनेट कम्पनी की गाड़ी भी खरीदी है.. इसके अतिरिक्त उषा इन्क्लेव में 50 लाख रुपये का मकान व मकदून पुर में फैक्ट्री के लिये 04 बीघा जमीन भी ली है..जहाँ पर एक फैक्ट्री स्थापित किये जाने का विचार था. पुलिस पूछताछ में गिरफ्त में आये सचिन और विकास ने यह भी बताया कि नकली दवाईयों के लिये रेपर दिल्ली एंव भगवानपुर में एक व्यक्ति प्रिन्ट करने के लिये दिया जाता हैं. प्रिंटिंग वाला 800 रुपये किलो के हिसाब से रेपर प्रिंट करता हैं. इन पूरे काले धंधे में सारे कूटरचित बिल अभियुक्त अपने लैपटाँप पर एडिट करके तैयार करता था.. अभियुक्त विकास द्वारा धोखाधडी से अर्जित की गयी वाहन KIA को भी कब्जे पुलिस लिया हैं. फिलहाल पुलिस की विशेष टीम इस नकली दवाइयां के कारोबार से जुड़े अन्य लोगों की बारे में जानकारी एकत्र कर साक्ष्य संकलन के आधार पर आगे की कार्रवाई में जुटी है..
गिरफ्तार अभियुक्त:
1- सचिन शर्मा पुत्र नरेन्द्र कुमार शर्मा निवासी अशोका पुरम निकट गोदावरी होटल दिल्ली रोड़ थाना मंगलौर रुड़की हरिद्वार हाल पता- अमेजन कालोनी, सहस्त्रधारा रोड़ निकट एसआर पैट्रोल पम्प वाली गली नं0 03 रायपुर देहरादून, उम्र- 40 वर्ष.
2- विकास पुत्र श्री उदयवीर निवासी ग्राम बेड़ाआसा पोस्ट बेड़ाआसा तहसील जानसठ थाना सिखेडा जिला मुजफ्फरनगर उ0प्र0 हाल पता- अमेजन कालोनी सहस्त्रधारा रोड़ थाना रायपुर जनपद देहरादून उम्र- 32 वर्ष .
बरामदगी का विवरण
1- INDOCAP एस0आर0 कैप्सूल की 20 पेटी में रखे कुल 2500 डिब्बे कुल 7,50,000 कैप्सूल
2- नीले प्लास्टिक के 07 डिब्बों में रखे कुल 9,01,000 कैप्सूल
3- काली रंग की 11 प्लास्टिक की पन्नी में रखे 12,82,600 कैप्सूल
4- विभिन्न बैंको की 24 चौक बुक
5- INDOCAP एस0आर0 खाली कैप्सूल बाक्स के रैपर 3000
6- खाली कैप्सूल 1,00,000/-
7- दवाई बनाने हेतु कच्चा माल 50 किलो
8- सीलिंग हेतु कम्पनी के टेप रोल 107
9- कम्पनी का प्रिन्टेड फायल कवर बडे 15
10- कम्पनी के गत्ते की खाली पेटी 50
11- नकली दवाईयों की टैक्स इनवाइस बिल -07
12- HP लैपटाप -1,
13- मोबाइल फोन -07
14- रैंज रोवर गाडी सं0 TO 923 CH7967B- 01 (कीमत लगभग एक करोड रूपये)
15- KIA गाडी सं0 UK 17R-2647 -01
16- नकली दवाईयां बनाने के उपकरण
17- नकली दवाईयां बनाने की मशीनें