SDRF नवनिर्मित मुख्यालय का मुख्यमंत्री धामी ने किया भव्य लोकार्पण,23 हेक्टेयर भूमि में बने हेडक्वॉर्टर को SDRF Center for Excellence के रूप में विकसित.

 देहरादून: प्रदेश में आपदा राहत बचाव दल SDRF वाहिनी  मुख्यालय का नवनिर्मित भवन आखिरकार 4 साल उपरांत जौलीग्रांट में का तैयार हो चुका है.  लगभग 23 हेक्टेयर भूमि पर बने SDRF हेड क्वार्टर के सभी भवनों का एक साथ राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सोमवार भव्य लोकार्पण किया गया.बता दें कि वर्ष 2013 में केदारनाथ धाम में आयी विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के उपरांत वर्ष 2014 में उत्तराखंड राज्य में SDRF गठन किया गया था.इसके बाद से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के निकट अस्थायी व वैकल्पिक व्यवस्था से आवास SDRF कार्यालय संचालित किया जा रहा था.हालांकि दूसरी ओर विश्व बैंक पोषित बजट से यही पर SDRF वाहिनी हेड क्वार्टर के लिए आवंटित लगभग 23 हेक्टेयर भूमि पर निर्माण कार्य भी जोर-शोर से गतिमान था. विश्व बैंक पोषित परियोजना Uttarakhand Disaster Recovery Project (AF) के अन्तर्गत एसडीआरएफ ट्रेनिंग सेन्टर / वाहिनी मुख्यालय का निर्माण कार्य 17 जनवरी 2019 को प्रारम्भ किया गया. जिसका निर्माण कार्य 30 नवम्बर 2022 को पूर्ण हुआ. प्रथम फेज में हुए कार्य के अंतर्गत विभिन्न भवनों जैसे एडमिन ब्लॉक, ट्रेनिंग ब्लॉक, मल्टी पर्पज हॉल, सीनियर ऑफिसर्स ट्रांजिट हॉस्टल, जूनियर ऑफिसर्स ट्रांजिट हॉस्टल, डिस्पेन्सरी, बैरिक, डॉग कैनल, एमटी ऑफिस, लॉन्ड्री एंड वाशिंग रूम, ट्रेनिंग स्टोर, रेस्क्यू रिलीफ स्टोर, ड्राईवर डोरमेट्री काम्प्लेक्स, आवासीय भवन इत्यादि को तैयार किया गया.कुल 02 चरणों में चलने वाले इस नवनिर्माण कार्य के प्रथम चरण में कुल 101.4 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हुई.जबकि द्वितीय चरण के निर्माण कार्य के लिए 43.39 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित हैं.इसी क्रम में सोमवार SDRF वाहिनी परिसर में मुख्यमंत्री के आगमन पर सर्वप्रथम  सलामी गार्ड द्वारा सलामी दी गयी.तदुपरान्त CM धामी ने एसडीआरएफ के नव निर्मित भवन का लोकार्पण किया गया. इस दौरान एसडीआरएफ द्वारा प्रदर्शनी के माध्यम से अत्याधुनिक रेस्क्यू उपकरणों व रेस्क्यू कार्यों के बारे में जानकारी भी प्रदान की गई.

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दो कंपनी से शुरू हुई SDRF आज 5 कम्पनी के साथ 39 स्थानों अभूतपूर्व कार्य कर रही है: डीजीपी

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के उपरान्त अस्तित्व में आये इस बल ने केदारनाथ घाटी को पुनर्स्थापित करने व विभीषिका के उपरांत पुनः चारधाम यात्रा को संचालित करने में अहम भूमिका निभाई है.मात्र दो कम्पनी से शुरू होकर आज  एस.डी.आर.एफ की 05 कंपनियां  प्रदेश में 39 स्थानों पर  अभूतपूर्व कार्य कर रही है.आपदाओं के दौरान एसडीआरएफ के जवानों ने सराहनीय कार्य कर अपनी कार्यक्षमता व कार्यदक्षता का परिचय दिया है. 

SDRF मुख्यालय को Center for Excellence के रूप में विकसित किया जा रहा है:DIG, SDRF

वही SDRF मुख्यालय लोकार्पण अवसर पर एसडीआरएफ डीआईजी ने बताया कि SDRF मुख्यालय को Center for Excellence के रूप में विकसित किया जा रहा है,जिससे भविष्य में समस्त आपदा प्रबन्धन सम्बन्धी प्रशिक्षणों के साथ प्रधानमंत्री के आपदा प्रबन्धन सम्बन्धी “10 Point Agenda” के लक्ष्य को प्राप्त करने एवं राज्य में Disaster Resilient Society विकसित करने में निश्चित रूप से सहायता मिलेगी.

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2013 से अब तक हजारों रेस्क्यू सफल ऑपरेशन

2013 से अब तक हजारों रेस्क्यू सफल ऑपरेशनराज्य में 2013 में एस.डी.आर.एफ के गठन के बाद से ही इस विशेष फ़ोर्स ने आपदा के समय देवभूमि में समय-समय पर संकटमोचक बनकर अनुकरणीय एवं प्रभावी कार्य किए है.गठन से अब तक एसडीआरएफ द्वारा तीन हजार से अधिक रेस्क्यू ऑपरेशनों में 12 हजार से अधिक घायलों का सफल रेस्क्यू किया गया.जबकि विषम परिस्थितियों में करीब दो हजार शवों को रिकवर भी किया गया. एसडीआरएफ उत्तराखण्ड ने अपनी कार्यकुशलता एवं रेस्क्यू दक्षता के चलते राज्य के आम जनमानस के साथ-साथ प्रतिवर्ष धार्मिक, आध्यात्मिक एवं साहसिक पर्यटन के लिए राज्य में आने वाले लाखों लोगों के मन मस्तिष्क में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है. विकट परिस्थितियों में राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही आम जनमानस को आपदा की विभीषिका का बोध कराने एवं सामुदायिक क्षमता विकसित करने के लिए एसडीआएफ द्वारा वृहद स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित किये जाते हैं. 

2013 से अब तक हजारों रेस्क्यू सफल ऑपरेशनराज्य में 2013 में एस.डी.आर.एफ के गठन के बाद से ही इस विशेष फ़ोर्स ने आपदा के समय देवभूमि में समय-समय पर संकटमोचक बनकर अनुकरणीय एवं प्रभावी कार्य किए है.गठन से अब तक एसडीआरएफ द्वारा तीन हजार से अधिक रेस्क्यू ऑपरेशनों में 12 हजार से अधिक घायलों का सफल रेस्क्यू किया गया.जबकि विषम परिस्थितियों में करीब दो हजार शवों को रिकवर भी किया गया. एसडीआरएफ उत्तराखण्ड ने अपनी कार्यकुशलता एवं रेस्क्यू दक्षता के चलते राज्य के आम जनमानस के साथ-साथ प्रतिवर्ष धार्मिक, आध्यात्मिक एवं साहसिक पर्यटन के लिए राज्य में आने वाले लाखों लोगों के मन मस्तिष्क में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है. विकट परिस्थितियों में राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही आम जनमानस को आपदा की विभीषिका का बोध कराने एवं सामुदायिक क्षमता विकसित करने के लिए एसडीआएफ द्वारा वृहद स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित किये जाते हैं. 

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SDRF मुख्यालय के उद्घाटन समारोह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह मेरे लिए हर्ष का विषय है कि मुझे मुख्य सेवक के रूप में एसडीआरएफ के इस नवनिर्मित मुख्यालय को आज प्रदेश को समर्पित करने का मौका मिल रहा है. एस.डी.आर.एफ के मुख्यालय में प्रशिक्षण एवं आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अन्य गतिविधियां भी होंगी. उन्होंने कहा कि एस.डी.आर.एफ के जवानों और अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन साहस, वीरता, सेवा और समर्पण भाव को से किया जा रहा है. इनका त्याग और कार्यकुशलता अनुकरणीय है। विषम परिस्थितियों में इनके द्वारा जिस साहस से कार्य किया जाता है, वह सराहनीय है.

परमजीत सिंह लाम्बा

संपादक - खबर सनसनी

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