चिटफंड कंपनी के नाम सैकड़ो लोगों से करोडों रुपये ठगने वाली फ़र्जी कम्पनी की डायरेक्टर दिल्ली से गिरफ्तार..04 जनपदों में गैंगस्टर सहित कई मुकदमे दर्ज.. 02 साल से थी अभियुक्ता फ़रार..

देहरादून: चिटफंड कंपनी के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाली फर्जी कंपनी की डायरेक्टर मोनिका कपूर को उत्तराखंड STF ने दिल्ली के पंजाबी बाग (प्रगति अपार्टमेंट) से गिरफ्तार किया है… ऑपरेशन प्रहार के तहत सटीएफ के गिरफ्त में आयी 61 हजार की इनामी अभियुक्ता मोनिका कपूर पिछले 2 साल से फरार चल रही थी. इन्वेस्टमेंट के नाम पर गरीब तबक़े के लोगों से धोखाधड़ी करने वाली “जनशक्ति मल्टी स्टेट मल्टी परपज को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड की डायरेक्टर मोनिका कपूर के खिलाफ देहरादून,टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली जैसे 04 जनपदों में गैंगस्टर सहित 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. STF के अनुसार RD-FD के नाम पर करोडों रुपये ठगने करने वाले इस फर्जी कंपनी के तीन आरोपी पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुके हैं. हालांकि अभी भी इस घोटालें में कुछ लोग फरार है,जिनकी तलाश जारी है..

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गिरफ्तार अभियुक्ता

 मोनिका कपूर पत्नी संदीप कपूर निवासी 345 पंजाबी बाग, प्रगति अपार्टमेंट, नई दिल्ली.

 बेरोजगार युवकों को झांसे में लेकर बनाया गया ठगी का हथियार

 STF एसएसपी आयुष अग्रवाल के मुताबिक गिरफ्तार की गई दिल्ली निवासी मोनिका कपूर “जनशक्ति मल्टी स्टेट मल्टी परपज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड नामक एक फर्जी कंपनी की डायरेक्टर थी. इस फर्जी कंपनी का मुख्यालय नई दिल्ली नागलोई स्थित के राठी बिल्डिंग प्लॉट नंबर 231/18A बीना इन्कलेव में था. मास्टरमाइंड मोनिका कपूर द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर 2015 में फर्जी कंपनी बनाई गई.इसके बाद उत्तराखंड राज्य के अलग-अलग जनपदों तहसील ब्लाक में स्थानीय शिक्षित एवं बेरोजगार युवाओं को कंपनी में कंपनी का प्रचार करने और अन्य नवयुवकों को जोड़ने के साथ ही उसमें निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया… ऐसे में फ़र्जी कंपनी के झांसे में आकर 04 जनपदों से स्थानीय बेरोजगार नवयुवकों सहित भारी संख्या कई लोग कंपनी में  इन्वेस्टमेंट कर मोटे मुनाफ़े के लालच में फंसे गए.ऐसे में इन्वेस्टमेंट करने वाले लोगों के कम्पनी में बचत खाते/RD/FD  और दैनिक खाते खुलवाए. शुरुआती समय में कई लोगों को मुनाफा दिया गया.लेकिन 2 साल बाद जब करोड़ों रुपए जमा हुए तो वर्ष 2021 में अलग-अलग जनपदों में खोले गए ऑफिस को बंद कर कम्पनी फरार हो गई. STF की जांच पड़ताल में पता चला कि इस फ़र्जी चिटफंड कंपनी में ठगी का शिकार हुए अधिकांश ऐसे लोग हैं जो गरीब तबके से जुड़े हैं. जो दैनिक कमाई का अपना हिस्सा में जमा करते थे.

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पूर्व में गिरफ्तार किए गए अभियुक्त

1-कपिल देव राठी,कंपनी का पदाधिकारी.

2- पंकज गंभीर,कंपनी पदाधिकारी.

3- अनिल रावत, कंपनी पदाधिकारी

खबर सनसनी डेस्क

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