उत्तराखंड में वन्यजीव तस्करों की धरपकड़ अभियान के तहत स्पेशल टास्क फोर्स (STF कुमाऊ जोन) को सफलता हाथ लगी है.. उधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत रुद्रपुर के डाम कोठी शंकर फार्म पुलभट्टा थाना क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए एसटीएफ टीम ने कुमाऊँ जोन में सक्रिय वन्यजीव तस्कर दीनानाथ पुत्र लक्ष्मण निवासी खटीमा को गिरफ्तार किया है.. लंबे समय से रुद्रपुर के जंगलों में तस्करी के लिए सक्रिय दीनानाथ के कब्जे से एक लेपर्ड गुलदार की खाल बरामद की गई है.. तकरीबन 7 फिट लंबी और 4 फीट चौड़ी गुलदार की खाल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों में आंकी गई है.. एसटीएफ के गिरफ्त में आए 40 वर्षीय वन्य जीव तस्कर दीनानाथ के खिलाफ वन्य जीव जंतु संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत धारा 2,9,39,42,48, 50 और 51 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है..
वर्ष 2021 में 8 गुलदार खाल सहित दर्जनों वन जीव तस्कर जेल भेजे गए
बता दें कि वर्ष 2021 में भी वन्यजीव तस्करों की धरपकड़ अभियान के तहत एसटीएफ की कुमाऊं
जोन टीमों ने उधम सिंह नगर के अंतर्गत आने वाले 1 क्षेत्र में अलग-अलग क्षेत्रों म कार्रवाई करते हुए 8 गुलदार की खाल बरामद कर दर्जनों मनजीत दस कर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
गिरफ्तार तस्कर से मिली वन्यजीव तस्करों के नेटवर्क की महत्वपूर्ण जानकारी: STF
रुद्रपुर के जंगलों में लंबे समय से वन्यजीव शिकार को लेकर सक्रिय तस्कर दीनानाथ से पूछताछ में जानकारी सामने आई कि उसके द्वारा 6 महीने पूर्व खटीमा के अंतर्गत आने सुरई फॉरेस्ट रेंज इलाके में फंदा लगाकर किसी धारदार हथियार से लेपर्ड का शिकार किया गया.. उत्तराखंड STF एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक प्रारंभिक जांच पड़ताल में जानकारी सामने आई कि बरामद शेड्यूल गुलदार एक विशेष श्रेणी का विलुप्त होने वाला जानवर है. ऐसे में गिरफ्तार तस्कर दीनानाथ से आगे की विस्तृत पूछताछ में उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है. तस्कर से मिले इनपुट के अनुसार आगे की कार्रवाई जारी है..ताकि कुमाऊ के जंगलों में विलुप्त हो रहे विशेष श्रेणी के लेपर्ड वन्य जीव को संरक्षण दिया जा सके..
वन्यजीव तस्करों के खिलाफ STF सूचना इस नंबर पर उत्तराखंड STF के मुताबिक राज्य में किसी भी तरह के वन्यजीव तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही के किसी भी तरह की सूचना देने के लिए अपने निकटतम पुलिस स्टेशन या एसपीएफ उत्तराखंड के फोन नम्बर -0135-2656202 पर जानकारी दे सकते हैं.. ताकि समय रहते वन्य जीव को संरक्षण देने के साथ ही तस्करों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके…