उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) 2021 स्नातक पेपर लीक मामले में जेल में बंद तत्कालीन एग्जाम कंट्रोलर राजेंद्र सिंह पोखरिया की जमानत देहरादून विजिलेंस कोर्ट ने खारिज कर दी है..शासकीय अधिवक्ता आशुतोष शर्मा की दलीलों को तर्कसंगत मानते हुए अदालत ने माना कि मामला भ्रष्टाचार और बेहद गंभीर प्रवृत्ति का होने के साथ ही राज्य के होनहार युवाओं के भविष्य जुड़ा हैं.कोर्ट में यह भी माना कि इस परीक्षा में धांधली करने वालों के साथ मिलीभगत आरोपी पूर्व एग्जाम कंट्रोलर के खिलाफ OMR शीट से छेड़छाड़ करने के साइंटिफिक सबूत भी पाए गए हैं. लिहाजा 2021 ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ती गड़बड़ी प्रकरण में तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया की जमानत निरस्त की जाती है.
शासकीय अधिवक्ता आशुतोष शर्मा द्वारा विशेष विजिलेंस कोर्ट इस बात की भी दलील दी कि इस केस में विवेचना के दौरान यह बात भी स्पष्ट रूप से साक्ष्य-सबूत के तौर पर सामने आ चुकी हैं कि न सिर्फ़ Answer OMR शीट से छेड़छाड़ हुआ,बल्कि उसे बदलकर ऐसे अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाया गया जो नौकरी के पात्र नहीं थे.पूरे मामले में सुनियोजित तरीके से अपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के तहत कई अभ्यर्थियों का चयन हुआ जमानत का विरोध करते हुए शासकीय अधिवक्ता ने इस बात को भी कोर्ट के सामने रखा की 2021 ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा आयोजन के दौरान पूरी जिम्मेदारी एग्जाम कंट्रोलर राजेंद्र सिंह पोखरिया की थी. आयोग के महत्वपूर्ण पद में रहते हुए एग्जाम कंट्रोलर की ही जिम्मेदारी थी कि किसी भी तरह की गड़बड़ी को वह ना होने दें. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पेपर लीक गड़बड़ी कर एक सुनियोजित षड्यंत्र करने वालो के साथ मिलीभगत कर परीक्षा नियंत्रक ने भी अयोग्य लोगों को नौकरी चयन में फायदा पहुंचाया.
बता दें कि 2021 UKSSSC ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ती प्रकरण मामले में कई आरोपियों के साथ 8 अक्टूबर 2022 से आयोग (UKSSSC) के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया देहरादून सुद्दोवाला जेल में बंद है.