उत्तराखंड में कुदरत की विनाशलीला जारी है एक के बाद एक, दुःखद घटनाएं प्रदेश की जिलों से आ रही है , उत्तराखंड में बारिश के चलते अभी तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है , जबकि 2 लोग अभी भी लापता बताये जा रहे हैं।
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में 13 लोगों की मौत, अल्मोड़ा में चार की मौत, पौड़ी में तीन, चंपावत में दो और पिथौरागढ़ में एक मौत भारी बारिश के चलते हुई है। अल्मोड़ा और उधमसिंह नगर में दो लोग अभी लापता हैं। कुमाऊं में 19 अक्टूबर को बारिश ने भारी तबाही मचाई है।
2 दिनों से लगातार हुई बारिश ने किसानों को रोने पर मजबूर कर दिया खेतों में धान की पकी हुई फसल बर्बाद हो गई किसानों की मांग है कि सरकार उनकी मदद करें ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों बीघा धान की खेती बर्बाद हो गई है।
जनपद चमोली के तहसील जोशीमठ में सबसे अधिक 185.6 mm बर्षा रिकॉर्ड की गई है। कर्णप्रयाग में 134, घाट में 123, गैरसैंण मे 116, पोखरी मे 108, चमोली मे 101.2 तथा थराली में 100 mm बारिश रिकॉर्ड की गई।
आपदा ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि कि सभी लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है और आपदा ग्रस्त इलाकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह या फिर तमाम सरकार के बड़े अधिकारियों की नजर बनी हुई है लेकिन सभी लोग एहतियात बरतें और कम से कम घर से बाहर निकले।
उत्तराखंड में बारिश के कहर ने एक बार फिर 2013 की आपदा याद दिला दी ,जिसको शायद लोग भूलने लगे थे।