देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से राजस्व पुलिस को हटाकर रेगुलर पुलिस में Convert करने की कवायद तेजी चल रही हैं. शासनादेश मुताबिक 6 थाने और 20 नई पुलिस चौकियों में से अब तक राजस्व क्षेत्रों में 2 थाने और 7 नई रिपोर्टिंग पुलिस चौकियां खोली की जा चुकी हैं. इतना ही नहीं इन नई थाने-चौकियों में स्टाफ को तैनात कर आमजन से जुड़ी शिकायतों पर कार्यवाही भी शुरू हो चुकी हैं.हालांकि कुछेक जगह संसाधनों की कमी के कारण थाना-चौकी में पुलिस प्रभारियों को व्यवस्थित ढंग से बैठने की समस्या आ रही हैं.ऐसे पुलिस मुख्यालय द्वारा सम्बंधित जनपद SP-SSP को पत्र लिखकर व्यवस्थित रूप से नए थाने-चौकीयों खोलने और आवश्यकतानुसार स्टाफ तैनात करने के निर्देश जारी किए गए हैं..बता दें कि प्रदेश में अंग्रेजी शासनकाल के समय से तकरीबन 8500 से अधिक गाँव राजस्व पुलिस के अधीन आते हैं. ऐसे में लंबे समय से आमजन की मांग को देखते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा लगभग 3157 गाँव से पटवारी पुलिस को हटा रेगुलर पुलिस में शामिल किया गया हैं..यही कारण हैं कि संबंधित राजस्व क्षेत्रों को पहले से संचालित थाना चौकियों के विस्तार अधीन करने के साथ ही 7 थाने और 20 नई रिपोर्टिंग चौकी खोलने की कवायद चल रही हैं. इसी के पहले चरण में सबसे पहले अल्मोड़ा में दो थाने 3 चौकीयों सहित टिहरी में 3 नई रिपोर्टिंग पुलिस चौकी खोली जा चुकी है.जबकि बाकी स्थानों में नए थाना- चौकियों को स्थापित करने की कार्रवाई भले ही प्रचलित है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या पुलिस भवन और आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर कमी को लेकर सामने आ रही है.
बता दें कि 18 सितंबर 2022 को वनंतरा रिसार्ट में कार्यरत अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद से दशकों से चली आ रही पटवारी पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए.इस इस चर्चित हत्याकांड में राजस्व पुलिस मुकदमा दर्ज करने की बजाए स्वजनों को इधर-उधर भटकाती रही. जिसके बाद प्रदेश में न सिर्फ कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए, बल्कि राज्य भर में पहाड़ से लेकर मैदान तक तमाम धरना प्रदर्शन करते हुए धामी सरकार को घेरा गया.ऐसे में हाईकोर्ट के पुराने आदेशों का हवाला देते हुए सरकार से राजस्व पुलिसिंग को समाप्त करने के निर्देश दिए थे.इसी क्रम में पहले 3156 राजस्व गाँव को रेगुलर पुलिस के हवाले किया गया. सबसे पहले उन क्षेत्रों को शामिल किया गया है.जहां अपराध पहले की तुलना अधिक हैं,और बाहर से आने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही हैं. इतना ही नहीं जिन क्षेत्रों में निर्माण की गतिविधियां बढ़ी हैं उन्हें भी रेगुलर पुलिस सूची में शामिल किया गया है. पहले क्रम में प्रदेश में 6 थाने व 20 पुलिस चौकी खोलने संबंधी निर्णय पिछले दिनों कैबिनेट में लिया गया था. हालांकि अभी 5000 से अधिक गाँव अब भी राजस्व पुलिस के अधीन है.
लाखामंडल में केवल कागजों में खोल दी पुलिस चौकी
सरकार की ओर से राजस्व क्षेत्र को रेगुलर पुलिस के अंतर्गत करने के पूरे प्रयास चल रही हैं, लेकिन देहरादून जिले की स्थिति यह है कि यहां जो लाखामंडल में पुलिस चौकी खोली गई वह सिर्फ कागजों में खोली गई है.यहां नाम के लिए एक दारोगा व पांच सिपाहियों की तैनाती की गई है लेकिन जमीनी स्तर पर यह चौकी चकराता थाने से चल रही है.. क्योंकि लाखामंडल पुलिस चौकी में प्रभारी के बैठने की जगह जैसी सुचारू व्यवस्थाएं नहीं है. इससे पता चलता है कि जनपद में सरकार के आदेश को मानने के लिए अधिकारी कितने गंभीर हैं. चौकी खोलने के संबंध में एसएसपी कार्यालय की ओर से 22 जनवरी को आदेश जारी कर दारोगा निखिल कुमार को चौकी प्रभारी लाखामंडल नियुक्त किया था.
राजस्व क्षेत्रों में अब तक इन स्थानों में खुली रेगुलर पुलिस की नए थाने और रिपोर्टिंग पुलिस चौकी
अल्मोड़ा जिले में नया थाना- देहघाट और धौलछीना.
पुलिस चौकी-जागेश्वर, मजखाली और भोरखल.
जनपद टिहरी में नई पुलिस चौकी -गाजा, चमियाला और कांडीखाल.
देहरादून-लाखामंडल पुलिस चौकी..
नए थाना-चौकियों को व्यवस्थित ढंग से खोलने के संबंध में SP-SSP को आदेश जारी:ADG
वहीं राजस्व क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस थाना-चौकी खोलने के मामले में अपराध को कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभा रहे ADG डॉ वी.मुरुगेशन ने कहा कि जिन जिलों में नए थाने व चौकियां खुलनी हैं.उन जनपद SP-SSP को जिम्मेदारी दी गई है कि वह जल्द-जल्द जिलाधिकारी के माध्यम से सरकारी भवन व स्थान जैसी औपचारिकताएं पूरी कर व्यवस्थित ढंग से नए पुलिस थाने व चौकी स्थापित करें.ताकि आवश्यकतानसार फोर्स तो उपलब्ध करा दिया जाए. हालांकि ADG मुरुगेशन ने यह भी माना की इस महत्वपूर्ण व्यवस्था में इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्या आ रही है.लेकिन इसको जल्द शासन के सामंजस्य निस्तारित कर लिया जाएगा..
बाइट-डॉ वी . मुरुगेशन, ADG, LO, उत्तराखंड