उत्तराखंड में UCC के सफ़ल क्रियान्वयन को लेकर पुलिस विभाग की तैयारियां शुरू..वर्कशॉप आयोजित कर DGP द्वारा पुलिस अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं धार्मिक पदाधिकारियों से UCC के विभिन्न विधिक बिन्दुओं पर परिचर्चा की गई..

लोगों की शंकायें दूर करने के लिए आगे भी आयोजित होंगी UCC वर्कशॉप: DGP.

देहरादून: उत्तराखंड में “समान नागरिक संहिता” (UCC) कानून अनुपालन को लेकर पुलिस विभाग की तैयारी शुरू हो गई है.Uniform Civil Code (UCC) के क्रियान्वन को लेकर बुद्धवार 22 जनवरी 2025 को उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ द्वारा पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारियों के साथ UCC के विभिन्न विधिक बिन्दुओं पर वर्कशॉप आयोजित कर परिचर्चा की गई.इस दौरान UCC कानून के विषय में उत्तराखंड शासन अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती,ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के विधिक बिन्दुओं- विवाह, विवाह विच्छेद, विल, सहवासी सम्बन्ध, के पंजीकरण की अनिवार्यता, व उसकी प्रक्रिया पर विस्तार पूर्वक पर प्रकाश डाला. साथ ही संहिता के विधिक प्रावधानों के उल्लंघन के दाण्डक परिणामों के बारे में बताया गया. संहिता को लागू करने व उसकी प्रक्रिया के तहत सम्बन्धित पदाधिकारियों के दायित्व व कर्तव्यों के बारे में भी बताया गया.

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  UCC वर्कशॉप पर उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने विचार भी रखें.

पुलिस मुख्यालय सभागार में आयोजित UCC वर्कशॉप के दौरान विभिन्न समुदाय के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे,जिन्होंने संहिता के लागू होने पर उनके अपने सामाजिक अधिकार से जुड़े बिन्दुओं के सम्बन्ध में उत्सुकता के साथ प्रश्न कर परिचर्चा में सक्रीय होकर भाग लिया. वर्कशॉप के दौरान प्रस्तुतिकर्ता व विधिक जानकारों द्वारा उनके प्रश्नों का उत्तर देकर यह स्पष्ट किया गया कि संहिता द्वारा सभी धर्म व समुदाय के सामाजिक अधिकारों में सामन्जस्य स्थापित करते हुए उसमें एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है. इस संहिता से लोगों में एवं विभिन्न धर्म व समुदाय के बीच समन्वय व एकरूपता स्थापित होगी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और उत्तराखंड में कानून के बेहतर क्रियान्वयन के लिए उपयोगी सुझाव भी दिए.

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UCC के सफल क्रियान्वयन को लेकर आगे भी आयोजित होगी वर्कशॉप. ताकि लोगों की शंकायें दूर हो: DGP

  समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने कहा कि संहिता के लागू होने से इसके दाण्डिक परिणामों के सापेक्ष पुलिस के क्या कर्तव्य होंगे और लोगों में पंजीकरण की अनिवार्यता,विधिक परिणामों व उनके विधिक अधिकारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और संहिता का सफल क्रियान्वयन कैसे किया जाएगा के सम्बन्ध में भविष्य में भी इस तरह की वर्कशॉप आयोजित किये जाएंगे.ताकि लोगों की शंकायें दूर की जा सके और लोगों को संहिता के सम्बन्ध में जागरुक किया जा सके..

UCC वर्कशॉप में वी0 मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, ए पी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन / अभिसूचना एवं सुरक्षा, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण सहित मुफ्ती शमून कासमी, अध्यक्ष उत्तराखण्ड मदरसा शिक्षा बोर्ड, नदीम जैदी सदस्य वक्फ ट्रिब्यूनल, जावेद अहमद, सरदार गरदीप सिंह सहोता, सदस्य, एक्सपर्ट पैनल, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग,सहायक अभियोजन अधिकारी, सीमा जावेद, पूर्व सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग, गुरबक्श सिंह राजन- प्रधान गुरु सिंह सभा, गुरजिंदर आनंद, सैमुअल पॉल लाल अध्यक्ष उत्तराखण्ड क्लर्जी फैलोशिप, अभिनव जैकब – Father Church Nehrugram,  देवेंद्र भसीन पूर्व प्रचार्य डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, प्रोफेसर सत्यव्रत त्यागी- डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, डॉ० अरुण कुमार रतूडी, डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून सुनील मैसोन-दून उद्योग व्यापार मंडल नेता,गीता जैन- प्रिंसिपल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, गीता खन्ना-अध्यक्ष राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सम्मिलित रहें..

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परमजीत सिंह लाम्बा

संपादक - खबर सनसनी

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