देहरादून: महाराष्ट्र के तर्ज पर उत्तराखंड में भी वर्चुअल ऑनलाइन रजिस्ट्री लागू करने के संबंध में राज्य के कई जिलों में चल रही रजिस्ट्रार ऑफिस के कार्य बहिष्कार को आखिरकार पुष्कर सिंह धामी के सकारात्मक आश्वासन के बाद वापस ले लिया दिया गया हैं.. इस मामलें में बुद्धवार उत्तराखंड बार काउंसिल के पदाधिकारीगण एवं देहरादून बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में मुलाकात की.इस दौरान उन्होंने राज्य में शुरू होने जा रही वर्चुअल ऑनलाइन रजिस्ट्री में कुछेक खामियों को गिनातें हुए रजिस्टर्ड अधिवक्ताओं को रजिस्ट्री कार्यवाही में की उनकी भूमिका को जनहित में यथावत रखने की अपील की.मुख्यमंत्री धामी द्वारा भी इस मामलें में वरिष्ठ अधिवक्ताओं की बातें सुन उन्हें उनके अधिकारों से वंचित न करने का सकारात्मक आश्वासन दिया गया.. मुख्यमंत्री की आश्वासन के बाद उत्तराखंड बार काउंसिल पदाधिकारीगण ने प्रदेश पर में हड़ताल को वापस लेते हुए गुरुवार से सामान्य दिनों की तरह रजिस्टार ऑफिस में रजिस्ट्री कार्य सुचारू रूप से होने की बात कही..
उत्तराखंड बार काउंसिल और देहरादून बार एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन पत्र का विषय:-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपने ज्ञापन पत्र में अधिवक्ताओं ने कहा कि उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी बार एसोसिएशन देहरादून जिसमें लगभग 4000 अधिवक्ता वकालत का व्यवसाय करते हैं. वर्तमान में उत्तराखण्ड में समस्त रजिस्ट्री आदि का कार्य सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित होने पर किया जाता है, लेकिन शासन द्वारा जो पत्र विभिन्न कार्यालयों में प्रेषित किए गये हैं कि उससे ज्ञात हुआ कि उत्तराखण्ड राज्य में आनलाईन रजिस्ट्री की प्रक्रिया प्रारम्भ होने जा रही है, जिससे उत्तराखण्ड के समस्त अधिवक्तागण एवं स्टाम्प वेंडर के कार्य पर अत्यधिक प्रभाव होगा.ऐसे में रजिस्ट्री आदि के कार्य के विषय में इस प्रकार की कार्यवाही से अधिवक्ताओं में भारी रोष है, क्योंकि उपरोक्त आनलाईन प्रक्रिया में अधिवक्ताओं का हित प्रभावित होगा. उत्तराखण्ड के अधिवक्तागण आपसे अनुरोध करते हैं कि रजिस्ट्री आदि की आनलाईन प्रकिया में सर्विस प्रोवाइडर के स्थान पर अधिवक्ता को नामित किया जाना अति आवश्यक है, जिससे अधिवक्ताओं का कार्य भी प्रभावित नहीं होगा,और आनलाईन दस्तावेज रजिस्ट्रर्ड कराने में कानूनी रूप से भी प्रक्रिया ठीक चल सकेगी.इससे तथा भूमि के कय विक्रय में धोखाधड़ी की सम्भावना कम रहेगी. वर्तमान में उत्तराखण्ड शासन इस सम्बन्ध में जो भी नियम बनाते हैं, उसमें यदि अधिवक्ता को अनिवार्य रुप से सम्मिलित कर दिया जाता है तो अधिवक्ता को भी लाभ होगा.और दूसरी तरफ उत्तराखण्ड की जनता भी इससे लाभान्वित होगी.क्योंकि उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति अन्य राज्यों से भिन्न है. अधिवक्तागण आपसे यह भी अनुरोध करते हैं कि उत्तराखण्ड में वर्चुअल रजिस्ट्री कराने के अतिरिक्त रजिस्ट्रार कार्यालयों में अधिवक्ता अथवा आमजन नागरिक स्वयं उपस्थित होकर भी अपने दस्तावेज पंजीकृत करा सके, इसकी भी व्यवस्था पूर्व की भांति रहनी आवश्यक है.
मुख्यमंत्री धामी से इस वार्ता में ये वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे:-
राजीव शर्मा उर्फ बंटू, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन देहरादून
राजवीर सिंह बिष्ट सचिव बार एसोसिएशन देहरादून
पंचम सिंह अध्यक्ष बार एसोसिएशन ऋषिकेश
कपिल शर्मा सचिव बार एसोसिएशन ऋषिकेश
कुलदीप कुमार उपाध्यक्ष बार काउंसिल उत्तराखंड
सुरेंद्र पुंडीर,एम एम लांबा, योगेंद्र तोमर, चंद्रशेखर तिवारी,अनिल पंडित, राकेश गुप्ता (सदस्य उत्तराखंड बार कॉउंसिल)
चौधरी विजय पाल अध्यक्ष बार एसोसिएशन विकास नगर